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आसिफा गैंगरेप और मर्डर केस: समुदायों की नफरत का निशाना बच्ची क्‍यों बनी ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 11 अप्रिल, 2018 08:58 PM
  • 11 अप्रिल, 2018 08:58 PM
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जम्मू कश्मीर में बदले के नामपर जिस तरह एक बच्ची का गैंग रेप हुआ, वो ये बताने के लिए काफी है कि स्थिति बेहद गंभीर है जिसे यदि वक़्त रहते संभाला नहीं गया तो परिणाम बेहद घातक होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने" के दावों के बीच भारत में गैंग रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बाद रेप का एक बड़ा मामला सामने आया है जम्मू कश्मीर के कठुआ से. जम्मू कश्मीर के कठुआ में बकरवाल समुदाय की आठ साल की बच्ची आसिफा से बर्बर गैंगरेप और उसके बाद हत्या के चलते इलाके में तनाव है. मामले को भरपूर तरीके से भुनाया जा रहा है और इसपर राजनीति तेज हो गई है. स्थानीय बार एसोसिएशन 'आश्चर्यजनक रूप' से आरोपियों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रही है और बंद का ऐलान किया है.

स्थानीय बार एसोसिएशन ने पुलिस की कार्रवाई को "अल्पसंख्यक डोगरा समुदाय के खिलाफ एक बड़ी साजिश बताया है" और बंद का आह्वान किया है. साथ ही बार एसोसिएशन ने गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात कही है. राज्य की पुलिस ने वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज किया जिसमें पुलिस का आरोप है कि वकील उन्हें आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के बाद जम्मू कश्मीर से रेप का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है

क्या था मामला

पूरे मामले पर पुलिस ने जो चार्ज शीट दाखिल की है अगर उसपर नजर डालें तो मिलता है कि मृत बच्ची के पिता मोहम्मद यूसुफ ने12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस को दी गयी अपनी शिकायत में मोहम्मद युसूफ ने कहा था उनकी बच्ची दस जनवरी को जानवरों के लिए घास लाने पास के जंगल गई थी, जहां से फिर वो वापस नहीं लौटी.

पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद साजिशकर्ता रिटायर्ड अफसर संजी राम के नाबालिग भतीजे को गिरफ्तार कर लिया. आपको बताते चलें कि 22 जनवरी को यह मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया था. चार्जशीट के अनुसार, बलात्कार और...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने" के दावों के बीच भारत में गैंग रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बाद रेप का एक बड़ा मामला सामने आया है जम्मू कश्मीर के कठुआ से. जम्मू कश्मीर के कठुआ में बकरवाल समुदाय की आठ साल की बच्ची आसिफा से बर्बर गैंगरेप और उसके बाद हत्या के चलते इलाके में तनाव है. मामले को भरपूर तरीके से भुनाया जा रहा है और इसपर राजनीति तेज हो गई है. स्थानीय बार एसोसिएशन 'आश्चर्यजनक रूप' से आरोपियों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रही है और बंद का ऐलान किया है.

स्थानीय बार एसोसिएशन ने पुलिस की कार्रवाई को "अल्पसंख्यक डोगरा समुदाय के खिलाफ एक बड़ी साजिश बताया है" और बंद का आह्वान किया है. साथ ही बार एसोसिएशन ने गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात कही है. राज्य की पुलिस ने वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज किया जिसमें पुलिस का आरोप है कि वकील उन्हें आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के बाद जम्मू कश्मीर से रेप का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है

क्या था मामला

पूरे मामले पर पुलिस ने जो चार्ज शीट दाखिल की है अगर उसपर नजर डालें तो मिलता है कि मृत बच्ची के पिता मोहम्मद यूसुफ ने12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस को दी गयी अपनी शिकायत में मोहम्मद युसूफ ने कहा था उनकी बच्ची दस जनवरी को जानवरों के लिए घास लाने पास के जंगल गई थी, जहां से फिर वो वापस नहीं लौटी.

पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद साजिशकर्ता रिटायर्ड अफसर संजी राम के नाबालिग भतीजे को गिरफ्तार कर लिया. आपको बताते चलें कि 22 जनवरी को यह मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया था. चार्जशीट के अनुसार, बलात्कार और हत्या की साजिश रचने में राम का ही हाथ था. उसने बच्ची के किडनैप, दुष्कर्म और हत्या की योजना बनाई. उसने विशेष पुलिस अधिकारी खजूरिया और एक नाबालिग को अपनी साजिश में शामिल किया.

मंदिर परिसर में हुआ रेप

पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, 10 जनवरी की शाम राम ने भतीजे को जंगल से ही लड़की का अपहरण करने का आदेश दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि अक्सर ही इन लोगों ने लड़की को अपने जानवरों के साथ जंगल में देखा था. बताया जा रहा है कि 10  जनवरी को जब लड़की अपने जानवरों को खोज रही थी, उसी दौरान उसकी भेंट राम के भतीजे से हुई जिसने जानवरों के जंगल में होने की बात कही और वो रास्ता बताने के लिए उसे अपने साथ थोड़ी दूर ले गया. फिर उसने लड़की की गर्दन पकड़कर जमीन पर गिरा दिया. पिटाई से बच्ची बेहोश हो गई तो नाबालिग ने उसका रेप किया. इसके बाद उसके साथी मन्नू ने भी रेप किया. फिर वे लड़की को मंदिर परिसर में ले गए, जहां उसे प्रार्थनाकक्ष मेंबंदी बनाकर रखा गया और प्रताड़ित किया गया.

आरोपियों को बचाने के लिए प्रदर्शन करते वकील

नशे की गोली खिलाकर किया जा रहा था रेप

चार्जशीट में ये पक्ष भी सामने आ रहा है कि, 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने एक अन्य आरोपी विशाल जंगोत्रा को जो मेरठ में रह कर परीक्षा दे रहा था, लड़की के अपहरण की जानकारी दी और हवास मिटाने के लिए रसना आने को कहा. 12 जनवरी को विशाल जंगोत्रा सुबह-सुबह रसना पहुंचा, जिसे वो लोग मंदिर ले गए जहां उन्होंने भूखी प्यासी बच्ची को नशे की तीन गोलियां और दीं और उसके साथ बारी बारी से बलात्कार किया.

पुलिस वाले ने ली रिश्वत और किया रेप

इस मामले में पुलिस के रवैये ने भी इंसानियत को शर्मसार किया है. इस मामले में पुलिस वाले भी दोषी निकले. बताया जा रहा है कि मामले की जांच में शामिल विशेष पुलिस अधिकारी खजूरिया ने भी आरोपियों से कहा कि उन्हें भी लड़की का बलात्कार करना है. सभी ने आठ वर्षीय लड़की का सामूहिक बलात्कार किया. फिर गला घोंटकर और सिर पर पत्थर से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी और शव को जंगल में फेंक दिया. चार्जशीट के मुताबिक, पुलिस टीम ने केस से बचाने के लिए रेप के आरोपी नाबालिग की मां से डेढ़ लाख रुपए घूस भी ली.

मामला प्रकाश में आने के बाद इसे सांप्रदायिक रंग देने की कवायद तेज हो गई है

बलात्कार के लिए बच्ची को क्यों चुना

बताया जा रहा है कि "सभी आरोपी बकरवाल समुदाय को सबक सिखाना चाह रहे थे और उन्होंने बदले की भावना से इस घटना को अंजाम दिया.  ज्ञात हो कि स्थानीय हिन्दू लोगों और  बकरवाल समुदाय के बीच छत्तीस का आंकड़ा है और दोनों ही लोग एक दूसरे को फूटी आंख नहीं भाते हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बकरवाल समुदाय ने उनकी जमीनों पर कब्ज़ा कर रखा है और इनके जानवर उनकी फसलों को नुक्सान पहुंचाते हैं. पुलिस के अनुसार संजी राम ने इस अपराध की रूप रेखा बीते साल दिसम्बर में तैयार की थी. और एक बड़ी साजिश के तहत उसने नाबालिग भतीजे और खजुरिया को अपने अपराध से जोड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि जहां एक तरफ संजी राम के नाबालिग भतीजे को पूर्व में एक लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में बकरवाल समुदाय के लोगों द्वारा पीटा गया था. जिससे वो बहुत आहत था और उनसे किसी भी सूरत में बदला लेने की फिराक में था. वहीं दूसरी तरफ खजुरिया की भी कई अन्य मौकों पर बकरवाल समुदाय से तीखी झड़प हो चुकी थी. 

घटना को दे दिया गया है सांप्रदायिक रंग

बकरवाल समुदाय की लड़की के रेप को सांप्रदायिक रंग देने का काम जोरों पर है. सोशल मीडिया पर मंदिर परिसर को लेकर आपत्तिजनक पोस्टों का सिलसिला शुरू हो गया है. कह सकते हैं यदि इसे नियंत्रित न किया गया तो निस्संदेह भविष्य में स्थिति बहुत ज्यादा खौफनाक होने वाली है.

कुल मिलाकर जैसे जैसे दिन बढ़ रहे हैं मामले की जटिलता और इसपर चल रही राजनीति बढ़ रही है. कहा जा सकता है कि, बदले के नाम पर जम्मू कश्मीर के कठुआ में जिस तरह एक छोटी बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ. वो न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि ये भी बताता है कि इसका कारण लोगों के दिलों में एक दूसरे के प्रति बस चुकी वो नफरत है जिसके दूरगामी परिणाम बेहद घातक साबित होंगे.अतः ये कहना बिल्कुल भी गलत न होगा कि सरकार को तत्काल प्रभाव में इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाई करनी चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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