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महिलाएं-लड़कियां कहां-कहां नजर रखेंगी, हर जगह नजर में हैं!

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 29 जून, 2019 03:54 PM
  • 29 जून, 2019 03:54 PM
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अपना फोन रिपेयर के लिए दूसरे हाथों में देते वक्त आप ये जरा भी नहीं सोचते कि आपके साथ आगे क्या होने वाला है. लेकिन दिल्ली पुलिस के पास दर्ज कराई गईं सैकड़ों शिकायतें आपको डराने के लिए काफी होंगी.

अपना फोन हम बड़ी हिफाजत से रखते हैं, इसलिए नहीं कि वो महंगा है, बल्कि इसलिए कि फोन में ऐसा बहुत कुछ होता है जो आप नहीं चाहते कि कोई और देखे. यानी आपका फोन आपकी पर्सनल वार्ड्रोब की तरह ही होता है. लेकिन जब फोन में कोई खराबी आ जाती है तो बिना देर किए हम उसे बनवाने चल देते हैं और बिना एक पल गंवाए फोन मेकेनिक पर भरोसा कर अपना कीमती फोन उसके हवाले कर देते हैं.

अक्सर यही होता है. अपना फोन दूसरे के हाथों में देते वक्त आप ये जरा भी नहीं सोचते कि आपके साथ आगे क्या होने वाला है. लेकिन दिल्ली पुलिस के पास दर्ज कराई गईं सैकड़ों शिकायतें आपको डराने के लिए काफी होंगी. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली पुलिस के पास पिछले 6 महीनों में 350 महिलाओं ने अपने फोन से उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई है.

असल में फोन से ये सब तस्वीरें और वीडियो तब चुराए गए जब फोन को रिपेयर करने के लिए दुकान में दिया गया था. पुलिस के मुताबिक इनमें से कई महिलाओं को उनका पर्सनल डाटा लीक करने की धमकी वाले फोन भी आए. यानी निजी तस्वीरों का हवाला देते हुए उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई थी. कई मामले ऐसे भी थे जहां दुकानदार फोन से डिलीट किया गया डेटा भी निकालने में सफल हो गए थे, और उन्होंने वो डेटा ब्लैकमेलर्स को बेच दिया था. इतना ही नहीं जो फोन खो जाते हैं या चुरा लिए जाते हैं, उनका डेटा भी चोरी कर लिया जाता है.

महिलाओं के मबाइल का डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं

साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेटर गौतम कुमावत का कहना है कि 'मोबाइल डेटा चोरी के मामले बढ़ रहे हैं. आसानी से पैसा कमाने के लिए ब्लैकमेलर्स और चोरों ने मोबाइल रिपेयरिंग दुकानों के साथ सांठ-गांठ की हुई है. ये डेटा पोर्न वेबसाइटों को भी बेचा जाता है, जो हमेशा...

अपना फोन हम बड़ी हिफाजत से रखते हैं, इसलिए नहीं कि वो महंगा है, बल्कि इसलिए कि फोन में ऐसा बहुत कुछ होता है जो आप नहीं चाहते कि कोई और देखे. यानी आपका फोन आपकी पर्सनल वार्ड्रोब की तरह ही होता है. लेकिन जब फोन में कोई खराबी आ जाती है तो बिना देर किए हम उसे बनवाने चल देते हैं और बिना एक पल गंवाए फोन मेकेनिक पर भरोसा कर अपना कीमती फोन उसके हवाले कर देते हैं.

अक्सर यही होता है. अपना फोन दूसरे के हाथों में देते वक्त आप ये जरा भी नहीं सोचते कि आपके साथ आगे क्या होने वाला है. लेकिन दिल्ली पुलिस के पास दर्ज कराई गईं सैकड़ों शिकायतें आपको डराने के लिए काफी होंगी. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली पुलिस के पास पिछले 6 महीनों में 350 महिलाओं ने अपने फोन से उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई है.

असल में फोन से ये सब तस्वीरें और वीडियो तब चुराए गए जब फोन को रिपेयर करने के लिए दुकान में दिया गया था. पुलिस के मुताबिक इनमें से कई महिलाओं को उनका पर्सनल डाटा लीक करने की धमकी वाले फोन भी आए. यानी निजी तस्वीरों का हवाला देते हुए उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई थी. कई मामले ऐसे भी थे जहां दुकानदार फोन से डिलीट किया गया डेटा भी निकालने में सफल हो गए थे, और उन्होंने वो डेटा ब्लैकमेलर्स को बेच दिया था. इतना ही नहीं जो फोन खो जाते हैं या चुरा लिए जाते हैं, उनका डेटा भी चोरी कर लिया जाता है.

महिलाओं के मबाइल का डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं

साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेटर गौतम कुमावत का कहना है कि 'मोबाइल डेटा चोरी के मामले बढ़ रहे हैं. आसानी से पैसा कमाने के लिए ब्लैकमेलर्स और चोरों ने मोबाइल रिपेयरिंग दुकानों के साथ सांठ-गांठ की हुई है. ये डेटा पोर्न वेबसाइटों को भी बेचा जाता है, जो हमेशा तस्वीरों और वीडियो के भूखे होते हैं.'

किसे है सबसे ज्यादा खतरा

महिलाएं साइबर क्राइम करने वालों के लिए बहुत आसान शिकार होती हैं. क्योंकि उन्हें साइबर स्पेस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती. महिलाएं मोबाइल में कई एप्स का इस्तेमाल तो करती हैं लेकिन बहुत ज्यादा तकनीकि जानकारी से बचती हैं. और उनकी झंझट में न पड़ने की आदत ही उन्हें इन लोगों का शिकार बना देती है.

पुलिस के मुताबिक, किशोरियां और स्कूल जाने वाले बच्चे साइबर क्राइम के शिकार ज्यादा होते हैं. कारण है उनकी जिज्ञासा, जो इस उम्र में होती ही है और ऑनलाइन खतरों व ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में कम जागरुक होना. फोन रिपेयर के लिए देते वक्त इनके मन में जरा भी डर नहीं होता कि इनके पर्सनल फोटो और डेटा का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

...और जब डाटा इन चोरों के हाथ लग जाता है

एक बार आपकी तस्वीरें और डेटा आपके हाथ से निकल गया तो फिर आपकी किस्मत ही आपको बचा सकती है. और किस्मत खराब हुई तो- ब्लैकमेलर्स से सीधे तौर पर पैसों की मांग की जाती है. एक 21 साल की महिला ने कालका जी दिल्ली में अपना फोन सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए दिया था. उसका कहना था- मुझे एक अजनबी का फोन आया. उसके पास मेरे पर्सनल फोटो थे. उसने मुझे उन तस्वीरों को मेरे माता-पिता और बाकी लोगों में लीक करने की धमकी दी और मुझसे एक लाख रुपयों की मांग की.

कई मामलों में पीड़ित महिलाएं इतनी परेशान हो गईं कि उन्हें मनोचिकित्सक की मदद तक लेनी पड़ी. अपनी चुराई गई तस्वीरों को लेकर ब्लैकमेलर के फोन आने से 19 साल की एक लड़की डिप्रेशन की शिकार हो गई और उसने खुद को मारने तक की कोशिश की.

पुलिस से बचने की महिलाओं की पुरानी आदत

पुलिस का कहना है कि- 'महिलाएं शिकायत तो करती हैं लेकिन उनमें से कुछ ही FIR में बदलती हैं. महिलाएं सिर्फ ये चाहती हैं कि उनकी तस्वीरें इंटरनेट से ही डिलीट कर दी जाएं. कई मामलों में तो पीड़ित महिलाएं पुलिस तक भी नहीं पहुंचतीं. वो ऑनलाइन शिकायत करना ही पसंद करती हैं क्योंकि वो अपने निजी डाटा के बारे में बात करना पसंद नहीं करतीं.' महिलाएं चाहती तो हैं कि उनके साथ कुछ बुरा न हो, लेकिन अपने साथ होने वाली हर गलत हरकत के खिलाफ आवाज उठाने में अब भी महिलाएं पीछे ही नजर आती हैं. क्राइम चाहे रियल वर्ल्ड में हो या साइबर वर्ल्ड में, महिलाओं को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के अलावा ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधी को सजा मिले.

महिलाओं को मोबाइल सुरक्षा से संबंधित जानकारी को लेकर गंभीर होना होगा

महिला सुरक्षा के मामले में कमी हमेशा रह ही जाती है

लोगों को जागरुक करने के लिए पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेजों और सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए तो जा रहे हैं. लेकिन जिन्हें इनके बारे में जानकारी नहीं है वो इन साइबर अराधियों का शिकार बन जाते हैं. यानी विकराल रूप से फैलते साइबर जाल में साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काम करने की गुंजाइश अब भी बनी हुई है. खासकर महिलाओं के मामले में.

कभी-कभी लगता है कि महिलाओं का जीवन कितने संघर्षों से भरा है. रोजमर्रा के जीवन में लोगों की गंदी नजरों से खुद को बचाने के संघर्ष ही अभी तक खत्म नहीं हो रहे थे कि साइबर वर्ल्ड में अब अपनी तस्वीरों को बचाने का नया संघर्ष आन पड़ा है. हालांकि जैसे-जैसे महिलाएं असल जीवन में निडर होकर डटी हुई हैं, उसी तरह साइबर वर्ल्ड के अपराधियों को भी मात देना उनके लिए बहुत चुनौती भरा नहीं होगा. इन अपराधियों को भी आसानी से मात दी जा सकती है. बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

फोन को रिपेयर के लिए देने से पहले

- अपना निजी डेटा निकाल लें.

- सिम और मेमोरी कार्ड का बैकअप लेकर उन्हें फोन से निकाल दें.

- फोन को फैक्ट्री रीसेट कर दें.

- अपने पासकोड या पासवर्ड दुकानदार को न बताएं.

- और जो सबसे जरूरी है वो ये कि फोन पर ऐसी तस्वीरें लेने से बचें जिनके लीक होने पर कोई आपको ब्लैकमेल कर सके.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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