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एक ही परिवार के 9 में से 8 सदस्यों के सामने 'मौत' है, लेकिन उनकी मुस्‍कान कुछ कहती है

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 05 सितम्बर, 2018 09:35 PM
  • 05 सितम्बर, 2018 09:35 PM
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अगर कोई कहे कि एक ही परिवार के 9 में से 8 सदस्यों को कैंसर हो गया तो? वो भी कोई ऐसा वैसा कैंसर नहीं सभी को एक जैसा एक दुर्लभ प्रकार का पेट का कैंसर. लेसी एंडरसन के परिवार के साथ ऐसा ही हुआ.

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को अंदर से तोड़ देती है. उसके और उसके परिवार के लिए ये यकीनन एक बेहद डरावने सपने की तरह आती है जिसमें न तो सिर्फ पैसा बल्कि मनोबल भी खर्च होता जाता है. किसी एक परिवार में एक या दो लोगों को कैंसर अगर हो जाए तो उस परिवार को बदकिस्मत कहा जाता है, लेकिन अगर कोई कहे कि एक ही परिवार के 9 में से 8 सदस्यों को कैंसर हो गया तो? वो भी कोई ऐसा वैसा कैंसर नहीं सभी को एक जैसा एक दुर्लभ प्रकार का पेट का कैंसर.

लेसी एंडरसन एक 28 साल की वो लड़की जिसकी हाल ही में शादी हुई है. लेसी एंडरसन को पेट का कैंसर है और अपने परिवार की वो सबसे युवा सदस्य हैं जिन्हें ये कैंसर हुआ. 1 सदस्य को छोड़कर बाकी सभी इस बीमारी को बेहद करीब से देख रहे हैं.

लेसी के परिवार का एक सदस्य पहले ही इस बीमारी से मर चुका है. परिवार के 6 सदस्य अब कैंसर से मुक्त हैं जिनके पेट के ही निकाल दिया गया, लेकिन बाकी अभी भी परेशान हैं. खुद लेसी ही इस कैंसर से जूझ रही हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही तब चला जब वो चौथी स्टेज पर पहुंच चुकी थीं.

बाएं: लेसी, दाएं: एंडरसन परिवार

क्यों हुआ ये कैंसर?

लेसी के परिवार को ये कैंसर एक जिनेटिक म्यूटेशन के कारण हुआ. दुनिया भर में 400 परिवार ऐसे हैं जिनके जीन्स में ये पाया जाता है और ऐसे में 56 से 70 प्रतिशत तक कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. लेसी के परिवार में ये 90 प्रतिशत हो गई. लेसी को हमेशा तकलीफ होती थी और उसके परिवार का इतिहास जानते हुए भी डॉक्टरों को लगा कि ये बस स्ट्रेस के कारण हो रहा है. इसका कारण ये भी है कि जो कैंसर लेसी के परिवार को हुआ वो CDH1 जीन के कारण होता है. इसमें कैंसर पेट के ऐसे हिस्से में होता है कि न तो एंडोस्कोपी से पता लगाया जा सके और न ही कोलोनोस्कोपी से. क्योंकि पहला...

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को अंदर से तोड़ देती है. उसके और उसके परिवार के लिए ये यकीनन एक बेहद डरावने सपने की तरह आती है जिसमें न तो सिर्फ पैसा बल्कि मनोबल भी खर्च होता जाता है. किसी एक परिवार में एक या दो लोगों को कैंसर अगर हो जाए तो उस परिवार को बदकिस्मत कहा जाता है, लेकिन अगर कोई कहे कि एक ही परिवार के 9 में से 8 सदस्यों को कैंसर हो गया तो? वो भी कोई ऐसा वैसा कैंसर नहीं सभी को एक जैसा एक दुर्लभ प्रकार का पेट का कैंसर.

लेसी एंडरसन एक 28 साल की वो लड़की जिसकी हाल ही में शादी हुई है. लेसी एंडरसन को पेट का कैंसर है और अपने परिवार की वो सबसे युवा सदस्य हैं जिन्हें ये कैंसर हुआ. 1 सदस्य को छोड़कर बाकी सभी इस बीमारी को बेहद करीब से देख रहे हैं.

लेसी के परिवार का एक सदस्य पहले ही इस बीमारी से मर चुका है. परिवार के 6 सदस्य अब कैंसर से मुक्त हैं जिनके पेट के ही निकाल दिया गया, लेकिन बाकी अभी भी परेशान हैं. खुद लेसी ही इस कैंसर से जूझ रही हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही तब चला जब वो चौथी स्टेज पर पहुंच चुकी थीं.

बाएं: लेसी, दाएं: एंडरसन परिवार

क्यों हुआ ये कैंसर?

लेसी के परिवार को ये कैंसर एक जिनेटिक म्यूटेशन के कारण हुआ. दुनिया भर में 400 परिवार ऐसे हैं जिनके जीन्स में ये पाया जाता है और ऐसे में 56 से 70 प्रतिशत तक कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. लेसी के परिवार में ये 90 प्रतिशत हो गई. लेसी को हमेशा तकलीफ होती थी और उसके परिवार का इतिहास जानते हुए भी डॉक्टरों को लगा कि ये बस स्ट्रेस के कारण हो रहा है. इसका कारण ये भी है कि जो कैंसर लेसी के परिवार को हुआ वो CDH1 जीन के कारण होता है. इसमें कैंसर पेट के ऐसे हिस्से में होता है कि न तो एंडोस्कोपी से पता लगाया जा सके और न ही कोलोनोस्कोपी से. क्योंकि पहला वाला पेट के ऊपरी भाग को देखता है और दूसरा वाला निचले हिस्से को. इसलिए इस तरह का गैस्ट्रिक कैंसर आसानी से पता नहीं चल पाता और बहुत आखिरी स्टेज में आकर पता चलता है.

Gastric diffuse cancer (HGDC) लेसी के परिवार में सबसे पहले उनके अंकल फ्रैंक को हुआ और उसके बाद डॉक्टरों को पता चला कि ये जिनेटिक है. इसके बाद एक-एक कर परिवार के सभी सदस्य इसका टेस्ट करवाते चले गए और सभी पॉजिटिव आए. पिछले साल जून में फ्रैंक को इस बीमारी के बारे में पता चला था और तब से लेकर अब तक ये बीमारी सभी घरवालों को परेशान कर चुकी है. इस बीमारी में शरीर में 120 तरीके के जिनेटिक म्यूटेशन हो सकते हैं और सभी से कैंसर हो सकता है. इस कैंसर को इसका नाम मिला अजीब तरह की ट्यूमर ग्रोथ से. इस तरह के कैंसर में छोटे-छोटे समूहों में ट्यूमर पेट के किनारों पर होता है. ये पूरे पेट में फैला होता है और इसलिए आसानी से पता नहीं चल पाता.

नई दुल्हन और कैंसर से जंग..

लेसी के साथ भाग्य ने अजीब तरह का खेल खेला. 1 सितंबर को लेसी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी की है. 29 सितंबर को उनके लिए पीटर्सबर्ग में ही फंडरेजर किया जा रहा है ताकि वो अपनी कीमोथेरेपी करवा सकें. लेसी को जब अपने कैंसर के बारे में पता चला तब बहुत देर हो चुकी थी. उनके ट्यूमर इतने बढ़ चुके थे कि वो न तो ऑपरेशन करवा सकती थीं न ही कीमोथेरेपी के बिना उनका कोई और इलाज हो सकता था. कीमोथेरेपी से डॉक्टर उनके ट्यूमर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा सके. लेसी के परिवार को जिस तरह का कैंसर हुआ है उसमें बचने की संभावनाए कम होती हैं. जिन्हें लेसी की तरह स्टेज 4 कैंसर होता है उनमें से 20 प्रतिशत लोग ही बच पाते हैं. लेसी के दोनों भाई जॉन जूनियर और रिची एंडरसन ने तो अपने पेट निकलवा लिए लेकिन लेसी ये न कर पाईं.

उन्हें ये पता भी नहीं है कि वो जिंदा भी बचेंगी या नहीं, लेकिन अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी कर उन्होंने अपनी जिंदगी में थोड़ी खुशियां तो बटोर ही लीं.

पिछले साल जब लेसी को उनके पेट में दिक्कत हुई तो उन्हें लगा कि वो तो परिवार में सबसे छोटी हैं इसलिए सबसे ज्यादा जिएंगी, लेकिन विधी का विधान देखिए उनका कैंसर ही सबसे खतरनाक निकला. 14 जुलाई को उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर बहुत खतरनाक है और तब भी उन्होंने हार नहीं मानी.

लेसी खुद अपने लिए, अपने परिवार के लिए लड़ रही हैं. डेली मेल को दिए एक इंटरव्यू में लेसी कहती हैं कि, 'मैं सिर्फ खुश होती हूं और अस्पताल पहुंच जाती हूं.' उन्हें अभी तक कीमोथेरेपी के तीन ट्रीटमेंट मिल चुके हैं और पहले के मुकाबले वो खुद को मजबूत महसूस करती हैं.

ये हमारा अपना नजरिया होता है कि हम कैंसर को किस तरह लें. एक बीमारी जो लोगों को तोड़ देती है वहीं कुछ लोगों में हिम्मत जगाती है और बताती है कि आखिर वो कितने मजबूत हैं. यकीनन ये जज्बा ही तो है कि लेसी को स्टेज 4 कैंसर होने के बाद भी वो खुद मजबूत रहीं और अपने परिवार को भी बांधे रखा. उन्होंने शादी तक कर ली. यही तो है अपनी जिंदगी पूरी तरह से जीने का जज्बा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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