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12 शेरों से घिरी एंबुलेंस में बच्चे का जन्म किसी को भी आश्चर्य में डाल सकता है

    • आईचौक
    • Updated: 02 जुलाई, 2017 12:33 PM
  • 02 जुलाई, 2017 12:33 PM
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ये खबर ऐसी है जो आपके रौंगटे खड़ी कर देगी. एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

हमने अपने जीवन में कभी न कभी अपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से कई मौकों पर एक कहावत 'जो होना है वो होकर रहेगा' जरूर सुनी होगी. इस कहावत का मतलब है कि चाहे जितनी भी बाधा क्यों न आ जाए यदि कुछ होने वाला होगा तो वो हो जाएगा और जो होगा उसे फिर कोई रोक नहीं सकता. अब इस कहावत को एक खबर की नजर से देखिये, ये खबर ऐसी है जो न सिर्फ आपके रौंगटे खड़ी कर देगी बल्कि इस बात का भी एहसास कराएगी कि यदि व्यक्ति में चाह और सूझ बूझ हो तो वो कुछ ऐसा कर सकता है जो बरसों तक याद करा जाएगा.

लोग तब आश्चर्यचकित हो गए जब उन्होंने सुना कि गुजरात की एक गर्भवती महिला ने शेरों के झुंड के बीच अपने बच्चे को जन्म दिया. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने मामला गुजरात के अमरोली का है जहां जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

एंबुलेंस स्टाफ ने जिस तरह समझदारी का परिचय दिया है उसकी तारीफ होनी चाहिए

प्रसव पी़ड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया. जब एंबुलेंस महिला को लेकर अस्पताल के लिए निकली तो गांव से 3 करीब किलोमीटर दूर उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया जिसमें 11 से 12 शेर थे और जिन्होंने एंबुलेंस का रास्ता रोक दिया. शेरों का झुंड ने उन्हें ऐसा घेरा कि वो रास्ता नहीं छोड़ने को तैयार नहीं थे.

इस दौरान गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के साथ तेज रक्तस्राव भी शुरू हो गया. ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने समझदारी का परिचय देते हुए गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया. स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे ‏निर्देशों के आधार पर 25 मिनट में डिलीवरी करा दी. डिलिवरी के दौरान शेर एंबुलेंस को घेरे रहे. 

इस खबर से एक बात तो...

हमने अपने जीवन में कभी न कभी अपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से कई मौकों पर एक कहावत 'जो होना है वो होकर रहेगा' जरूर सुनी होगी. इस कहावत का मतलब है कि चाहे जितनी भी बाधा क्यों न आ जाए यदि कुछ होने वाला होगा तो वो हो जाएगा और जो होगा उसे फिर कोई रोक नहीं सकता. अब इस कहावत को एक खबर की नजर से देखिये, ये खबर ऐसी है जो न सिर्फ आपके रौंगटे खड़ी कर देगी बल्कि इस बात का भी एहसास कराएगी कि यदि व्यक्ति में चाह और सूझ बूझ हो तो वो कुछ ऐसा कर सकता है जो बरसों तक याद करा जाएगा.

लोग तब आश्चर्यचकित हो गए जब उन्होंने सुना कि गुजरात की एक गर्भवती महिला ने शेरों के झुंड के बीच अपने बच्चे को जन्म दिया. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने मामला गुजरात के अमरोली का है जहां जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

एंबुलेंस स्टाफ ने जिस तरह समझदारी का परिचय दिया है उसकी तारीफ होनी चाहिए

प्रसव पी़ड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया. जब एंबुलेंस महिला को लेकर अस्पताल के लिए निकली तो गांव से 3 करीब किलोमीटर दूर उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया जिसमें 11 से 12 शेर थे और जिन्होंने एंबुलेंस का रास्ता रोक दिया. शेरों का झुंड ने उन्हें ऐसा घेरा कि वो रास्ता नहीं छोड़ने को तैयार नहीं थे.

इस दौरान गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के साथ तेज रक्तस्राव भी शुरू हो गया. ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने समझदारी का परिचय देते हुए गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया. स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे ‏निर्देशों के आधार पर 25 मिनट में डिलीवरी करा दी. डिलिवरी के दौरान शेर एंबुलेंस को घेरे रहे. 

इस खबर से एक बात तो साफ है कि यदि व्यक्ति समझदारी का परिचय दे तो वो मुश्किल वक्त में भी ऐसा बहुत कुछ कर सकता है जो कल्पना से परे है. अतं में हम यही कहेंगे कि जिस तरह एंबुलेंस स्टाफ ने होशियारी का परिचय देते हुए स्थिति की गंभीरता को समझा न सिर्फ वो सराहनीय है बल्कि दूसरों को प्रेरणा देने वाला भी है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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