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ऐसे पता करें... कोई पार्टनर है या स्टॉकर?

    • आईचौक
    • Updated: 19 नवम्बर, 2017 01:53 PM
  • 19 नवम्बर, 2017 01:53 PM
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किसी रिश्ते की शुरुआत में ये पता लगाना बहुत मुश्किल होता है कि सामने वाला कैसा है... पर फिर भी कुछ संकेत शुरुआत से ही मिलने लगते हैं जिनके बारे में जान लेना जरूरी है.

किसी भी रिश्ते में शुरुआती दौर बहुत ही हसीन होता है. किसी भी रिश्ते में ये पता करना बहुत मुश्किल होता है कि कब कोई इंसान पार्टनर से स्टॉकर बन जाए.. खुद ही सोचिए छोटी से छोटी चीज पर शक करने वाला हो और स्टॉकिंग में एक्सपर्ट हो.

1. मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड से मिलता हूं...

ये दोनों तरफ से हो सकता है. कोई लड़की अपने साथी को या लड़का अपनी दोस्त को किसी अन्य से BF/GF कहकर मिलवा सकता है, लेकिन कितने समय के बाद? अगर सिर्फ 2 या 4 बार मिले हैं तो किसी रिश्ते को नहीं बनाया जा सकता ऐसे में घबराना लाजमी है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यकीनन अपने पार्टनर से बात करना जरूरी है. ये फैक्ट ये तय नहीं करता कि पार्टनर स्टॉकर है, लेकिन वो रिश्ते को जरूरत से ज्यादा सीरियसली ले रहा है ये जरूर कहा जा सकता है.

2. कैसा है रिश्ता...

ऑनलाइन डेटिंग के इस दौर में यकीनन रिश्तों में उतनी आत्मियता नहीं बची जो पहले हुआ करती थी. ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है कि जो पार्टनर राइट स्वाइप किया है वो सही ही हो. कोई टिंडर जैसे एप पर दोस्ती तो ढूंढ नहीं रहा है, लेकिन फिर भी एक या दो मुलाकात में ही किसी से रिश्ता भी नहीं बनाया जा सकता. स्टॉकर अक्सर अपने पार्टनर से ज्यादा रिश्ते को लेकर सीरियस होते हैं. उनके लिए रिश्ते का मतलब बहुत ज्यादा इंटिमेसी और हर वक्त एक साथ रहने की जिद होती है. चाहें सोशल मीडिया पर फोटोज पोस्ट करनी हों या फिर किसी और दोस्त के साथ कहीं जाना एक स्टॉकर के लिए रिलेशनशिप सबसे जरूरी हो जाती है, बाकी दुनिया जाए भाड़ में.

3. ब्रेकअप का बवाल...

किसी भी स्टॉकर के लिए रिजेक्शन या ब्रेकअप सबसे बड़ा दुख होता है. एक केस था जब मैनहैटन में रहने वाली 56 वर्षीय महिला एलिज़ाबेथ ली हर्मन को 62 साल के विंसेंट वर्डी ने मार...

किसी भी रिश्ते में शुरुआती दौर बहुत ही हसीन होता है. किसी भी रिश्ते में ये पता करना बहुत मुश्किल होता है कि कब कोई इंसान पार्टनर से स्टॉकर बन जाए.. खुद ही सोचिए छोटी से छोटी चीज पर शक करने वाला हो और स्टॉकिंग में एक्सपर्ट हो.

1. मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड से मिलता हूं...

ये दोनों तरफ से हो सकता है. कोई लड़की अपने साथी को या लड़का अपनी दोस्त को किसी अन्य से BF/GF कहकर मिलवा सकता है, लेकिन कितने समय के बाद? अगर सिर्फ 2 या 4 बार मिले हैं तो किसी रिश्ते को नहीं बनाया जा सकता ऐसे में घबराना लाजमी है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यकीनन अपने पार्टनर से बात करना जरूरी है. ये फैक्ट ये तय नहीं करता कि पार्टनर स्टॉकर है, लेकिन वो रिश्ते को जरूरत से ज्यादा सीरियसली ले रहा है ये जरूर कहा जा सकता है.

2. कैसा है रिश्ता...

ऑनलाइन डेटिंग के इस दौर में यकीनन रिश्तों में उतनी आत्मियता नहीं बची जो पहले हुआ करती थी. ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है कि जो पार्टनर राइट स्वाइप किया है वो सही ही हो. कोई टिंडर जैसे एप पर दोस्ती तो ढूंढ नहीं रहा है, लेकिन फिर भी एक या दो मुलाकात में ही किसी से रिश्ता भी नहीं बनाया जा सकता. स्टॉकर अक्सर अपने पार्टनर से ज्यादा रिश्ते को लेकर सीरियस होते हैं. उनके लिए रिश्ते का मतलब बहुत ज्यादा इंटिमेसी और हर वक्त एक साथ रहने की जिद होती है. चाहें सोशल मीडिया पर फोटोज पोस्ट करनी हों या फिर किसी और दोस्त के साथ कहीं जाना एक स्टॉकर के लिए रिलेशनशिप सबसे जरूरी हो जाती है, बाकी दुनिया जाए भाड़ में.

3. ब्रेकअप का बवाल...

किसी भी स्टॉकर के लिए रिजेक्शन या ब्रेकअप सबसे बड़ा दुख होता है. एक केस था जब मैनहैटन में रहने वाली 56 वर्षीय महिला एलिज़ाबेथ ली हर्मन को 62 साल के विंसेंट वर्डी ने मार दिया था. ये दोनों एक साल पहले एक डेटिंग साइट के जरिए मिले थे और वर्डी इस बात को समझ नहीं पा रहे थे कि उनका ब्रेकअप हो चुका है.

एलिजाबेथ के डेंटिस्ट के पास, उसके किसी होटल में जाने पर, उसके ऑफिस जाने पर वर्डी पहुंच जाता और चॉकलेट, फूल आदि देता. इतना ही नहीं जब एलिजाबेथ किसी अन्य आदमी के साथ डेट पर गईं तब भी वर्डी वहां पहुंच गया.

पार्टनर का गुस्सा होना, रूठ जाना, बात न करना या न मिलना किसी स्टॉकर को पसंद नहीं होता. ये प्यार कब टकरार और हिंसा में बदल जाता है पता ही नहीं चलता, लेकिन इसके संकेत पहले से ही दिखने लगते हैं. अगर पार्टनर के हिंसक होने का जरा सा भी शक हो तो बेहतर है कि अपने रिश्ते के बारे में सोच लें और धीरे-धीरे दूरी बनाना शुरू कर दें. साथ ही अपनी सुरक्षा का इंतजाम भी कर लें, क्योंकि पार्टनर को ये सब पता होगा कि आप कब और कहां जाते हैं.

4. बैकग्राउंड और रिजेक्शन...

अधिकतर स्टॉकर तब सामने आते हैं जब उन्हें रिजेक्ट किया जाता है. एक रिसर्च कहती है कि स्टॉकर अधिकतर वैसे लोग होते हैं जिन्हें या तो कभी किसी तरह के शोषण का सामना करना पड़ा हो, या फिर उनके घर-परिवार में किसी मांसिक यातना से उन्हें गुजरना पड़ा हो. बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जिन्हें वाकई मानसिक बीमारी के कारण ऐसी समस्या होती है. किसी भी पार्टनर से जुड़ते समय उसका बैकग्राउंड पता कर लेना आपकी सुरक्षा के लिए बेहतर होगा.

5. सुरक्षा के लिए बताइए...

स्टॉकिंग अगर किसी के साथ हो रही है तो चुप चाप सहना और डरना सही नहीं होगा. सही ये होगा कि जितने ज्यादा लोगों को हो सकते उतने लोगों को अपने साथ हो रही बातें बताई जाएं. कोई स्टॉकर आपके घर, दोस्त, ऑफिस, साथियों के बारे में आसानी से पता लगा सकता है और सुरक्षा के लिहाज से यही सही होगा कि सभी को स्टॉकर के बारे में जानकारी दे दी जाए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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