• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

आखिर किस तरह लीक हो रहे हैं परीक्षाओं से पहले प्रश्न पत्र?

    • ज्योतिरंजन पाठक
    • Updated: 08 जनवरी, 2023 03:28 PM
  • 08 जनवरी, 2023 03:28 PM
offline
देश में प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न –पत्र लीक होने का खबर चर्चा में बनी हुई है. राजस्थान ,हिमाचल और बिहार में भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने से लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है.

देश में प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न –पत्र लीक होने का खबर चर्चा में बनी है. राजस्थान, हिमाचल और बिहार में भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने से लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. प्रश्न पत्र लीक होने के तमाम खबर इस बात की तरफ इंगित करती है कि आखिर कहीं न कहीं लापरवाही के कारण ही प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं. परीक्षाओं में बढ़ी सवाधनी पूर्वक शासन व प्रशासन का निगरानी होती है फिर भी प्रश्न पत्र लीक कैसे हो जाते हैं? आखिर इस व्यवस्था का दोष किसके सिर पर डाला जाए? लेकिन एक बात तो तय है कि किसी भी परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र बाहर आ जाने का मुख्य कारण सम्बंधित अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा ही होता है. मगर हैरानी कि बात है कि ऐसे घटनाओं की पुनरावृति होने के बावजूद सरकारें आंख मूंदे बैठी रहती जब तक ऐसी घटना दुबारा तूल न पकड़े.

परीक्षाओं से पहले प्रश्नपत्र लीक होना अब रोजाना की बात हो गयी है

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सीनियर टीचर –मध्यमिक विभाग परीक्षा 2022 का सामान्य ज्ञान का पेपर लीक हो गया,पुलिस ने एक बस से 40-50 ऐसे युवकों को पकड़ा ,जिसके पास पेपर मिले और परीक्षा के प्रश्न पत्र के कंटेट से मैच हुआ और परीक्षा रद्द करनी पड़ी. उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओ ,आईटी भर्ती लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर आउट हो गया. मामला पुलिस में दर्ज हुई ऑर आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी.

वैसे यह घटना पहली बार देश में नहीं हो रही है आए दिन परीक्षा से पहले पेपर लीक होने का घटना होते रहती है परंतु शासन और प्रशासन फिर किसी पेपर लीक होने का इंतजार करते रहती है. लेकिन इन सब के बीच उन युवाओं का क्या जो रात –दिन परीक्षा के तैयारी में अपना समय लगा रहे हैं और...

देश में प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न –पत्र लीक होने का खबर चर्चा में बनी है. राजस्थान, हिमाचल और बिहार में भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने से लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. प्रश्न पत्र लीक होने के तमाम खबर इस बात की तरफ इंगित करती है कि आखिर कहीं न कहीं लापरवाही के कारण ही प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं. परीक्षाओं में बढ़ी सवाधनी पूर्वक शासन व प्रशासन का निगरानी होती है फिर भी प्रश्न पत्र लीक कैसे हो जाते हैं? आखिर इस व्यवस्था का दोष किसके सिर पर डाला जाए? लेकिन एक बात तो तय है कि किसी भी परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र बाहर आ जाने का मुख्य कारण सम्बंधित अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा ही होता है. मगर हैरानी कि बात है कि ऐसे घटनाओं की पुनरावृति होने के बावजूद सरकारें आंख मूंदे बैठी रहती जब तक ऐसी घटना दुबारा तूल न पकड़े.

परीक्षाओं से पहले प्रश्नपत्र लीक होना अब रोजाना की बात हो गयी है

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सीनियर टीचर –मध्यमिक विभाग परीक्षा 2022 का सामान्य ज्ञान का पेपर लीक हो गया,पुलिस ने एक बस से 40-50 ऐसे युवकों को पकड़ा ,जिसके पास पेपर मिले और परीक्षा के प्रश्न पत्र के कंटेट से मैच हुआ और परीक्षा रद्द करनी पड़ी. उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओ ,आईटी भर्ती लिखित परीक्षा से दो दिन पहले पेपर आउट हो गया. मामला पुलिस में दर्ज हुई ऑर आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी.

वैसे यह घटना पहली बार देश में नहीं हो रही है आए दिन परीक्षा से पहले पेपर लीक होने का घटना होते रहती है परंतु शासन और प्रशासन फिर किसी पेपर लीक होने का इंतजार करते रहती है. लेकिन इन सब के बीच उन युवाओं का क्या जो रात –दिन परीक्षा के तैयारी में अपना समय लगा रहे हैं और नौकरी के आस लिए मेहनत करते हैं. परंतु उन मेहनत पर परीक्षा माफिया का कारनामा ऑर संबन्धित अधिकारियों की लापरवाही पानी फेर देता है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में पिछले 11साल में हर साल पेपर लीक औसतन 150 मामला दर्ज हुए हैं ,लेकिन सजा किसी को भी नहीं हुई है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या संबन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना इस तरह प्रश्नपत्र का लीक होना असंभव होता है? एक प्रश्न पत्र का लीक होना कई बार युवाओं के भीतर असुरक्षा और अस्थिरता की भावना पैदा कर सकता है और इसका असर बाकी पत्रों पर पड़ सकता है.

विडंबना यह है कि राजस्थान में इस तरह का घटना पिछले कुछ सालों के दौरान कई बार हो चुकी है और हर बार सरकार आश्वासन ऑर दावा यही होता है कि आगे ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कारवाई की जाएगी. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि पर्चा लीक करने वाले गिरोह पूरे देश में फैले होते हैं और नतीजन ऐसी घटनाएं कई राज्यों में होती हैं.

पेपर लीक की स्थिति कमोवेश सभी राज्यों में होती रहती है. पिछले दिनों बिहार में बिहार चयन आयोग की ओर से आयोजित होने वाली इस परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला आया है. मीडिया की खबरों की मानें तो सुबह की शिफ्ट में आयोजित हो रहे 23 दिसंबर की परीक्षा की पहली पाली का पर्चा लीक हो गया है. खबर यह थी कि जो क्वेश्चन पेपर दिये गए थे वह मार्केट में पहले से उपलब्ध है.

इसकी सूचना मिलते ही परीक्षार्थियों ने हंगामा की और परीक्षा की पहली लीक हुए पेपर रद्द कर दिये हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या संबन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों की मेलजोल के बिना इस तरह प्रश्न पत्र का आउट होना संभव हो सकता गई ?अनेक वारदातों के बावजूद राज्यों के पुलिस व शासन व्यवस्था इस समस्या का हल नहीं ढूंढ पा रही है और घटना के पुनरावृति का इंतजार करने के बाद घटना होने पर कारवाई करने का बड़ी –बड़ी बातें करते रहती है .

प्रश्न –पत्र के बाहर आ जाने के बाद सरकार के पास इसका तत्कालीन समाधान यह होता है कि संबन्धित परीक्षा को रद्द कर दे परंतु स्थायी समाधान के विषय में सोचने की जरूरत है. विशेषज्ञों की मानें तो आज के तकनीकी युग में डिजिटल इंस्ट्रफ़्र्क्चर विकसित होने के बाद इस समस्या से निजात मिल सकती है. इसमें पेपर सेट होने ऑर उसके परीक्षा केन्द्रों पर वितरण होने के दौरान तक कम से कम लोगों का दखल होने से पेपर लीक की समस्या पर काबू किया जा सकता है.

जरूरत इस बात की है कि परीक्षा तंत्र को ऐसा बनाया जाए, जिससे प्रश्न –पत्र के पहले ही आने का गुंजाइश न बने ऑर चंद भ्रष्ट लोगों की वजह से लाखों विधार्थियों का भविष्य बाधित न हो. हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समूची प्रक्रिया की गरिमा बेदाग रहेगी जिससे छात्रों में विश्वास कायम रह सके.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲