• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

असहिष्णुता छोड़िए इस असंवेदनशीलता पर क्या कहेंगे आप?

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 21 जनवरी, 2018 05:12 PM
  • 21 जनवरी, 2018 05:12 PM
offline
दो 15 साल के लड़के बाइक से एक्सिडेंट होने पर सड़क किनारे पड़े हुए थे और यूपी पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुई. कारण? पुलिस वालों को चिंता थी कि कहीं उनकी गाड़ी गंदी न हो जाए.

हमारे देश में आज के समय में जान की कीमत इतनी सस्ती हो गई है कि गाड़ी गंदी न हो इसके लिए तड़पते लोगों को अस्पताल भी नहीं ले जाता है कोई. ये घटना काल्पनिक या सिर्फ उदाहरण देने के लिए नहीं बताई जा रही. ये सच्चाई है यूपी पुलिस की.

दो 15 साल के लड़के बाइक से एक्सिडेंट होने पर सड़क किनारे पड़े हुए थे और यूपी पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुई. कारण? पुलिस वालों को चिंता थी कि कहीं उनकी गाड़ी गंदी न हो जाए.

वीडियो में बार-बार एक आदमी पुलिस वालों से जिरह कर रहा है कि सर एक बार बैठा लो. आपकी गाड़ी धो देंगे. सर बच्चे मर जाएं.. लेकिन मजाल है जो पुलिस वालों ने बात मानी हो. कई गाड़ियों को रोकने की कोशिश की गई, आखिर में ऑटो बुलाया गया, बच्चे सड़क पर पड़े रहे, लेकिन वहां मौजूद लोग और पुलिस वाले आपस में लड़ने से बाज़ नहीं आए.

अंत में वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था. दो घरों के चिराग बुझ गए. दोनो बच्चे मर गए. वीडियो में आपस में लोग बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं कि बच्चे बहुत तेजी से आ रहे थे. तो क्या सड़क पर खून से लथपथ पड़े बच्चों को देखकर भी पुलिस वालों को उनकी गलती ही दिख रही थी.

इस वीडियो को देखते समय मेरी आंखें नम हो गईं. आखिर कौन ऐसा करता है? कितने असंवेदशील समाज में रहते हैं हम? किस तरह से ये लोग खुद को पुलिस और आम जनता के रक्षक कहते हैं. जिन्हें रात भर बैठने में भी दिक्कत हो रही थी उन्हें ये समझ नहीं आया कि उनकी इस छोटी सी खुदगर्जी ने दो लोगों की जान ले ली.

अब भले ही यूपी प्रशासन उन पुलिस वालों के साथ कुछ भी करे, उन्हें सस्पेंड करे या किसी भी तरह का एक्शन ले पर क्या उन दो बच्चों की जान वापस आएगी? क्या पता अगर पुलिस वालों ने थोड़ी सी सावधानी दिखाई होती तो शायद किसी की जान बच जाती.

एक समय पर...

हमारे देश में आज के समय में जान की कीमत इतनी सस्ती हो गई है कि गाड़ी गंदी न हो इसके लिए तड़पते लोगों को अस्पताल भी नहीं ले जाता है कोई. ये घटना काल्पनिक या सिर्फ उदाहरण देने के लिए नहीं बताई जा रही. ये सच्चाई है यूपी पुलिस की.

दो 15 साल के लड़के बाइक से एक्सिडेंट होने पर सड़क किनारे पड़े हुए थे और यूपी पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी में अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुई. कारण? पुलिस वालों को चिंता थी कि कहीं उनकी गाड़ी गंदी न हो जाए.

वीडियो में बार-बार एक आदमी पुलिस वालों से जिरह कर रहा है कि सर एक बार बैठा लो. आपकी गाड़ी धो देंगे. सर बच्चे मर जाएं.. लेकिन मजाल है जो पुलिस वालों ने बात मानी हो. कई गाड़ियों को रोकने की कोशिश की गई, आखिर में ऑटो बुलाया गया, बच्चे सड़क पर पड़े रहे, लेकिन वहां मौजूद लोग और पुलिस वाले आपस में लड़ने से बाज़ नहीं आए.

अंत में वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था. दो घरों के चिराग बुझ गए. दोनो बच्चे मर गए. वीडियो में आपस में लोग बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं कि बच्चे बहुत तेजी से आ रहे थे. तो क्या सड़क पर खून से लथपथ पड़े बच्चों को देखकर भी पुलिस वालों को उनकी गलती ही दिख रही थी.

इस वीडियो को देखते समय मेरी आंखें नम हो गईं. आखिर कौन ऐसा करता है? कितने असंवेदशील समाज में रहते हैं हम? किस तरह से ये लोग खुद को पुलिस और आम जनता के रक्षक कहते हैं. जिन्हें रात भर बैठने में भी दिक्कत हो रही थी उन्हें ये समझ नहीं आया कि उनकी इस छोटी सी खुदगर्जी ने दो लोगों की जान ले ली.

अब भले ही यूपी प्रशासन उन पुलिस वालों के साथ कुछ भी करे, उन्हें सस्पेंड करे या किसी भी तरह का एक्शन ले पर क्या उन दो बच्चों की जान वापस आएगी? क्या पता अगर पुलिस वालों ने थोड़ी सी सावधानी दिखाई होती तो शायद किसी की जान बच जाती.

एक समय पर असहिष्णुता की बात पर देश में इतना बवाल मचा था. आज के समय में ये अंदाजा लगाना कि देश में कितनी असहिष्णुता फैली हुई है कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर देखा जाए तो आज के समय में असंवेदनशीलता ज्यादा बढ़ गई है. तभी तो 11वीं का एक बच्चा सिर्फ परीक्षा की तारीख आगे बढ़वाने के लिए एक छोटे बच्चे का बेरहमी से कत्ल कर देता है. इसीलिए तो हरियाणा में 4 साल की बच्ची का घिनौनी तरह से रेप होने के बाद भी ज्यादा हल्ला नहीं मचता, इसीलिए तो पुलिस वाले दो मरते हुए बच्चों को हॉस्पिटल नहीं पहुंचाते.

अब मुद्दा ये है कि बात असहिष्णुता की करें या फिर असंवेदनशीलता की?

ये भी पढ़ें-

7 साल की पाकिस्‍तानी निर्भया के नन्हे जनाजे तले दबा पूरा देश

योगी सरकार के एक आदेश ने ट्विटर पर यूपी पुलिस की ‘खिंचाई’ करवा दी !



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲