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धर्म के नाम पर आखिर कब तक बलि चढ़ेंगी लड़कियां..

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 30 दिसम्बर, 2017 04:05 PM
  • 30 दिसम्बर, 2017 03:40 PM
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जहां एक ओर 2017 में मोदी विकास की बात कर रहे हैं वहीं आए दिन किसी न किसी फेक बाबा, मंदिर में रेप और छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं.

ये है 2017 का अंत. एक मदरसे में पढ़ने वाली 51 लड़िकयों को छुड़वाया गया. मदरसे में उन्हें बंधक बना कर रखा जाता था और उनके साथ अभद्र हरकतें की जाती थीं. ये मामला लखनऊ के शहादतगंज का है.

इस मदरसे में 125 लड़कियां पढ़ती थीं. लेकिन रेड के समय 51 ही मौजूद थीं. जब पुलिस ने मदरसे में छापामारी की तो 51 लड़कियों को बंधक बना लिया गया. अंत में सभी को छुड़वा लिया गया.

कैसे पता लगा मामले के बारे में?

खबर के मुताबिक कुछ लड़कियों ने एक पर्चियों में अपनी कहानी लिखकर पड़ोसियों को देनी शुरू की थी. आखिर में इनमें से ही किसी ने पुलिस को खबर दी. 51 लड़कियों को बंदी बनाने वाला आरोपी भी पकड़ा गया है. आरोपी बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करता था और उन्हें पीटता भी था. आरोपी लड़कियों को अपने सामने नाचने को भी कहता था.

अब मामला तो सामने आ गया है. इस मामले ने 2017 को एक और शर्मिंदगी ने नवाज़ा है. जहां एक ओर 2017 में मोदी विकास की बात कर रहे हैं वहीं आए दिन किसी न किसी फेक बाबा, मंदिर में रेप और छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं.

2017 में धर्मिक स्थलों पर किए गए शर्मनाक काम..

2017 में अगर सिर्फ धार्मिक स्थलों की बात करें तो ही कई रेप 2017 में मंदिरों के अंदर हुए हैं...

1. जगन्नाथ पुरी मंदिर में 10 साल की अपाहिज लड़की से अप्रैल 2017 में रेप हुआ था. 2. महेशकुट, खागरिया ड्रिस्ट्रिक्ट में एक मंदिर के अंदर लड़की से गैंगरेप. दिसंबर 2017 की घटना. 3. पानीपत देवी मंदिर में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश दिसंबर 2017 में की गई.

इन सभी...

ये है 2017 का अंत. एक मदरसे में पढ़ने वाली 51 लड़िकयों को छुड़वाया गया. मदरसे में उन्हें बंधक बना कर रखा जाता था और उनके साथ अभद्र हरकतें की जाती थीं. ये मामला लखनऊ के शहादतगंज का है.

इस मदरसे में 125 लड़कियां पढ़ती थीं. लेकिन रेड के समय 51 ही मौजूद थीं. जब पुलिस ने मदरसे में छापामारी की तो 51 लड़कियों को बंधक बना लिया गया. अंत में सभी को छुड़वा लिया गया.

कैसे पता लगा मामले के बारे में?

खबर के मुताबिक कुछ लड़कियों ने एक पर्चियों में अपनी कहानी लिखकर पड़ोसियों को देनी शुरू की थी. आखिर में इनमें से ही किसी ने पुलिस को खबर दी. 51 लड़कियों को बंदी बनाने वाला आरोपी भी पकड़ा गया है. आरोपी बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करता था और उन्हें पीटता भी था. आरोपी लड़कियों को अपने सामने नाचने को भी कहता था.

अब मामला तो सामने आ गया है. इस मामले ने 2017 को एक और शर्मिंदगी ने नवाज़ा है. जहां एक ओर 2017 में मोदी विकास की बात कर रहे हैं वहीं आए दिन किसी न किसी फेक बाबा, मंदिर में रेप और छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं.

2017 में धर्मिक स्थलों पर किए गए शर्मनाक काम..

2017 में अगर सिर्फ धार्मिक स्थलों की बात करें तो ही कई रेप 2017 में मंदिरों के अंदर हुए हैं...

1. जगन्नाथ पुरी मंदिर में 10 साल की अपाहिज लड़की से अप्रैल 2017 में रेप हुआ था. 2. महेशकुट, खागरिया ड्रिस्ट्रिक्ट में एक मंदिर के अंदर लड़की से गैंगरेप. दिसंबर 2017 की घटना. 3. पानीपत देवी मंदिर में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश दिसंबर 2017 में की गई.

इन सभी मामलों में विक्टिम बच्चियां ही थीं. ये तो मंदिर में रेप के मामले थे, लेकिन 2017 में लोभी और ठरकी बाबाओं ने भी बच्चियों, महिलाओं के साथ रेप किया. उनका शोषण किया और उन्हें प्रताड़ित किया... ये रही लिस्ट...

1. बाबा राम रहीम...

बाबा राम रहीम का केस किसी से छुपा हुआ नहीं है. चमत्कारी गुफा और पिता जी की माफी वाला मामला और पापा की परी हनिप्रीत की कहानी जगजाहिर है. 2017 में अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो डेरा कारोबार से जुड़े हुए हैं और डेरा के सच्चे भक्त हैं. न जाने कितनी ही लड़कियों के बयान आ चुके हैं फिर भी लोगों को राम रहीम और डेरा के बाकी लोगों पर भरोसा है.

2. फलाहारी बाबा...

अलवर के फलाहारी बाबा भी इस साल रेप केस में पकड़े गए. फलाहारी बाबा अपने अनुयायी की एक बेटी से रेप के आरोप में आए हैं. रेप 21 साल की एक लॉ स्टूडेंट के साथ किया गया था. स्टूडेंट लड़की अपनी पहली कमाई बाबा के आश्रम में देने गई थी.

3. स्वामी ओम....

बिग बॉस से चर्चा में आए स्वामी ओम किस तरह फर्जी बाबा साबित हुए और 2017 में उनके कैसे अश्लील वीडियो सामने आए ये देखा ही जा चुका है. खुद को बाबा बताने वाले स्वामी ओम के साथ अभी भी कुछ लोग हैं.

4. वीरेंद्र देव दीक्षित...

दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम से दो बार 41, 41 लड़कियों को छुड़वाया गया, इनके आश्रमों का इतिहास 19 साल पुराना है. आश्रम के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित का कंपिल में गंगा रोड स्थित आध्यात्मिक ईश्वरीय विद्यालय 1998 में पहली बार चर्चा में आया था.

अब समझने की ये बाद है कि वाकई 2017 में भी लड़कियां धर्म के नाम पर बली चढ़ रही हैं और किसी न किसी तरह से मां बाप खुद बच्चियों को इस तरह के धार्मिक जाल में फंसा रहे हैं. किस ओर जा रहा है हमारा देश ये तो सोचने वाली बात है. आखिर कब तक धर्म के नाम पर अंधे हुए लोग अपनी बच्चियों के साथ ये करते रहेंगे?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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