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हम अरब देशों से कहां अलग हैं..?

    • आईचौक
    • Updated: 16 जनवरी, 2016 10:39 AM
  • 16 जनवरी, 2016 10:39 AM
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गांव की पंचायत में तीन दिनों तक एक नाबालिग लड़की की बोली लगती रही और उसे 70 हजार रुपए में बेच दिया गया.

16 साल की एक छात्रा नीलाम हो गई. नीलामी छुप-छुपाकर किसी मंडी में नहीं बल्कि गांव की ही एक पंचायत में की गई. नहीं, ये घटना किसी ऐसे देश की नहीं है जहां औरतें गुलाम हैं. शर्मसार करने वाली ये घटना यूपी के संभल की है. गांव की पंचायत में तीन दिनों तक इस लड़की की बोली लगती रही और 70 हजार रुपए में इसे एक शख्स के हवाले कर दिया गया. 10वीं की इस नाबालिग लड़की को उसके गांव से अगवा किया गया था.

कई देश में महिलाओं को गुलाम बनाकर रखा जाता है. नाइजीरिया हो या अरब, महिलाओं की बोली लगाना और चंद रुपयों के लिए उन्हें बेच देना आम बात है. अरब के शेख अपनी अय्याशियों के लिए पैसे लुटाते हैं, और चंद पैसों के लालच में गरीब अपनी बेटियों को उनके हवाले कर देते हैं. मानवता की दृष्टि से देखें तो ये निहायत ही अमानवीय लगता है, हम ऐसे देशों पर लानत भेजते हैं, पर जब अपने ही देश में इस तरह की हैवानियत देखने मिलती है तो सवाल यही खड़ा होता है कि भारत में महिलाओं की दशा बाकी देशों से कैसे अलग है.

हैदराबाद में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां खाड़ी देश में रहने वालों ने यहां की लड़कियों के सौदे किए. ऐसी इक्का दुक्का घटनाएं नहीं, बल्कि सैकड़ों लड़कियां गवाह हैं. गरीब मुस्लिम परिवारों की लड़कियां कच्ची उम्र में ही पैसा देने वाली मशीन की तरह बन जाती हैं. बस एक मालदार ग्राहक ढ़ूंढकर लड़की का बाकायदा निकाह कराया जाता है, बदले में लड़की के घरवालों को पैसे मिल जाते हैं. लड़की की उम्र जितनी कम होगी, वो जितनी सुंदर होगी, उसी के अनुसार कीमत मिलेगी ये ग्राहक कुछ दिन लड़की को साथ रखते हैं, अय्याशियां करते हैं और जब मन भर जाता है तो उन्हें, तलाक देकर आजाद कर देते हैं. कई शेख तो लड़कियों को अपनी बेगम बनाकर बाहर ले जाते हैं और फिर उन्हें वहां बेच देते हैं. ये अरबी शेख कुछ दिनों के लिए यहां आते हैं और जब तक यहां रहते हैं किसी न किसी लड़की से निकाह कर लेते हैं. ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है. लड़की बार बार बेची जाती है, और एक ही लड़की का कई बार निकाह पढ़ा जाता है. इस खरीद फरोक्त के धंधे को बस निकाह का जामा पहनाकर, शराफत का नकाब उड़ा दिया जाता है.

16 साल की एक छात्रा नीलाम हो गई. नीलामी छुप-छुपाकर किसी मंडी में नहीं बल्कि गांव की ही एक पंचायत में की गई. नहीं, ये घटना किसी ऐसे देश की नहीं है जहां औरतें गुलाम हैं. शर्मसार करने वाली ये घटना यूपी के संभल की है. गांव की पंचायत में तीन दिनों तक इस लड़की की बोली लगती रही और 70 हजार रुपए में इसे एक शख्स के हवाले कर दिया गया. 10वीं की इस नाबालिग लड़की को उसके गांव से अगवा किया गया था.

कई देश में महिलाओं को गुलाम बनाकर रखा जाता है. नाइजीरिया हो या अरब, महिलाओं की बोली लगाना और चंद रुपयों के लिए उन्हें बेच देना आम बात है. अरब के शेख अपनी अय्याशियों के लिए पैसे लुटाते हैं, और चंद पैसों के लालच में गरीब अपनी बेटियों को उनके हवाले कर देते हैं. मानवता की दृष्टि से देखें तो ये निहायत ही अमानवीय लगता है, हम ऐसे देशों पर लानत भेजते हैं, पर जब अपने ही देश में इस तरह की हैवानियत देखने मिलती है तो सवाल यही खड़ा होता है कि भारत में महिलाओं की दशा बाकी देशों से कैसे अलग है.

हैदराबाद में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां खाड़ी देश में रहने वालों ने यहां की लड़कियों के सौदे किए. ऐसी इक्का दुक्का घटनाएं नहीं, बल्कि सैकड़ों लड़कियां गवाह हैं. गरीब मुस्लिम परिवारों की लड़कियां कच्ची उम्र में ही पैसा देने वाली मशीन की तरह बन जाती हैं. बस एक मालदार ग्राहक ढ़ूंढकर लड़की का बाकायदा निकाह कराया जाता है, बदले में लड़की के घरवालों को पैसे मिल जाते हैं. लड़की की उम्र जितनी कम होगी, वो जितनी सुंदर होगी, उसी के अनुसार कीमत मिलेगी ये ग्राहक कुछ दिन लड़की को साथ रखते हैं, अय्याशियां करते हैं और जब मन भर जाता है तो उन्हें, तलाक देकर आजाद कर देते हैं. कई शेख तो लड़कियों को अपनी बेगम बनाकर बाहर ले जाते हैं और फिर उन्हें वहां बेच देते हैं. ये अरबी शेख कुछ दिनों के लिए यहां आते हैं और जब तक यहां रहते हैं किसी न किसी लड़की से निकाह कर लेते हैं. ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहता है. लड़की बार बार बेची जाती है, और एक ही लड़की का कई बार निकाह पढ़ा जाता है. इस खरीद फरोक्त के धंधे को बस निकाह का जामा पहनाकर, शराफत का नकाब उड़ा दिया जाता है.

संभल का वाकया, शायद प्रशासन की आखें खोलने के लिए काफी है, ये वाकया बता रहा है कि हैदराबाद ही नहीं, देश के कई हिस्सों में लोग अब इस तरह के जहनी खयालों को अंजाम दे रहे हैं. लड़कियां नीलाम हो रही हैं, बिक रही हैं, दो चार बार बिकने के बाद वो वेश्यावृत्ति के धंधे में शामिल हो जाती हैं. लड़की को अगवा करना और फिर उसकी बोली लगाना. तीन दिन तक ये सिलसिला चलना और गांव में कोई सरगर्मी नहीं, तीन दिन तक किसी का जमीर नहीं जागा.

बेटियों को बेचना, लड़कियों को अगवा कर नीलाम करना इस देश में भी चल रहा है, महिलाओं की सुरक्षा और अपराधों के मामले में हम अरब देशों से कहां अलग हैं?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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