• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

सीएम से मिलना है तो शैम्पू से बाल धोकर, लाइफ बॉय से नहाकर, तेल लगाकर ही आना

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 मई, 2017 06:52 PM
  • 28 मई, 2017 06:52 PM
offline
उत्तर प्रदेश में अधिकारीयों द्वारा मुसहर समुदाय के लोगों से कहा गया है कि वो मुख्यमंत्री से तभी मिल पाएंगे जब वो नहा - धोकर, तेल शैम्पू लगाकर आएं हो ताकि उनके शरीर से बदबू न आए.

आजकल हर दूसरे मुहल्ले की चौथी गली में इंजीनियरिंग कॉलेज का होना एक आम बात है. इन इंजीनियरिंग कॉलेजों और इनमें मौजूद हॉस्टल्स को आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी ज़रूर देखा होगा. कभी मौका मिले तो इंजीनियरिंग कॉलेजों के इन हॉस्टल्स में आप यूं ही टाइम पास के लिए घूमने आ जाइए. हॉस्टल्स में आपको कई ऐसे छात्र दिखेंगे जो आपका ध्यान आकर्षित करेंगे. पूरे एक सेमेस्टर में केवल दो बार नहाने वाले इंजीनियरिंग के ये छात्र बड़े मासूम और निहायती शरीफ होते हैं.

सोचिये कि अब वो छात्र जो पूरे सेमेस्टर में केवल दो बार नहाया हो और रूम मेट की अलमारी से चुराकर डियो लगाकर रह रहा हो उसे तब कैसा लगेगा जब उसे रोज़ नहाना पड़े. या फिर उस स्थिति की कल्पना करिए जब न नहाने वाले स्टूडेंट के पास कॉलेज के मैनेजमेंट से ये फरमान आए कि अगर तुम नहाकर क्लास में नहीं आए तो तुम्हें इंटरनल एग्जाम में फेल कर दिया जायगा. 'वाईबी' लगने के डर से बौखलाया छात्र तो ये सोचते हुए जीते जी मर जायगा कि नहाने और इंजीनियरिंग की डिग्री मिलने में क्या सम्बन्ध है.

आप शायद विश्वास न करें मगर, नहाना जहां एक तरफ सामाजिक कृत्य है तो वहीं ये किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद व्यक्तिगत मामला होता है. आदमी स्वेच्छा से नहाता है, अपने नहाने में उसे किसी की भी दखलंदाजी पसंद नहीं होती. यदि आप किसी को जबरन नहला भी दें तो ऐसा नहलाना केवल पानी की बर्बादी कहा जायगा. यूं भी दुनिया में पानी की कमी है कहा जा रहा है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा. बेहतर है कि हम पानी बचाते हुए चलें. 

मुख्यमंत्री से मिलना है तो नहाकर आओ

बहरहाल, नहाने का एक अजीब ओ गरीब प्रकरण उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है जिसके चलते प्रदेश की रूलिंग पार्टी भाजपा को अन्य दलों से तीखी आलोचना मिल रही है. मामला मीडिया...

आजकल हर दूसरे मुहल्ले की चौथी गली में इंजीनियरिंग कॉलेज का होना एक आम बात है. इन इंजीनियरिंग कॉलेजों और इनमें मौजूद हॉस्टल्स को आपने भी अपने जीवन में कभी न कभी ज़रूर देखा होगा. कभी मौका मिले तो इंजीनियरिंग कॉलेजों के इन हॉस्टल्स में आप यूं ही टाइम पास के लिए घूमने आ जाइए. हॉस्टल्स में आपको कई ऐसे छात्र दिखेंगे जो आपका ध्यान आकर्षित करेंगे. पूरे एक सेमेस्टर में केवल दो बार नहाने वाले इंजीनियरिंग के ये छात्र बड़े मासूम और निहायती शरीफ होते हैं.

सोचिये कि अब वो छात्र जो पूरे सेमेस्टर में केवल दो बार नहाया हो और रूम मेट की अलमारी से चुराकर डियो लगाकर रह रहा हो उसे तब कैसा लगेगा जब उसे रोज़ नहाना पड़े. या फिर उस स्थिति की कल्पना करिए जब न नहाने वाले स्टूडेंट के पास कॉलेज के मैनेजमेंट से ये फरमान आए कि अगर तुम नहाकर क्लास में नहीं आए तो तुम्हें इंटरनल एग्जाम में फेल कर दिया जायगा. 'वाईबी' लगने के डर से बौखलाया छात्र तो ये सोचते हुए जीते जी मर जायगा कि नहाने और इंजीनियरिंग की डिग्री मिलने में क्या सम्बन्ध है.

आप शायद विश्वास न करें मगर, नहाना जहां एक तरफ सामाजिक कृत्य है तो वहीं ये किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद व्यक्तिगत मामला होता है. आदमी स्वेच्छा से नहाता है, अपने नहाने में उसे किसी की भी दखलंदाजी पसंद नहीं होती. यदि आप किसी को जबरन नहला भी दें तो ऐसा नहलाना केवल पानी की बर्बादी कहा जायगा. यूं भी दुनिया में पानी की कमी है कहा जा रहा है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा. बेहतर है कि हम पानी बचाते हुए चलें. 

मुख्यमंत्री से मिलना है तो नहाकर आओ

बहरहाल, नहाने का एक अजीब ओ गरीब प्रकरण उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है जिसके चलते प्रदेश की रूलिंग पार्टी भाजपा को अन्य दलों से तीखी आलोचना मिल रही है. मामला मीडिया में बना हुआ है जिस पर सक्रिय मीडिया से लेके सोशल मीडिया तक लोगों के अपने अलग - अलग तर्क हैं. खबर है कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मुसहर समुदाय के लोगों के बीच मुख्यमंत्री के आगमन से पहले, अधिकारीयों द्वारा साबुन, तेल, शैम्पू और पाउडर बांटा गया है.

प्रदेश के लोगों को तेल, साबुन, शैम्पू और पाउडर बांटना कोई बुरा कृत्य नहीं है. मगर जिस कारण ये बांटे जा रहे हैं वो वजह किसी भी आम भारतीय को शर्मसार करने के लिए काफी है. बताया जा रहा है कि प्रशासन के लोगों ने कुशीनगर स्थित मुसहर टोला के लोगों को निर्देश दिया है कि वो जब मुख्यमंत्री से मिलने आएं तो नहा - धोकर, तेल शैम्पू लगाकर आएं ताकि उनके शरीर से आने वाली बदबू के चलते मुख्यमंत्री बिलकुल भी परेशान न हों.

गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यूपी के कुशीनगर में जापानी इंसेफ्लाइटिस के खिलाफ 5 बच्चों को टीका लगाकर प्रदेश व्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्हें मुसहर टोले भी जाना था. योगी का काफिला अभी मुसहर बस्ती पहुंचा भी नहीं था कि अधिकारीयों द्वारा तेल, साबुन, शैम्पू लोगों के बीच बांट दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन मुसहरों की दयनीय स्थिति को प्रेस और मीडिया में नहीं लाना चाहता था.

ज्ञात हो कि बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ ने हमेशा ही मुसहरों के मुद्दे पर संघर्ष किया है और ये पहली बार था जब वो बतौर मुख्यमंत्री मुसहरों से मिलने उनकी बस्ती में पहुंचे थे.

मुख्यमंत्री से मिलना है तो नहाकर आओ

अंत में हम अपनी बात खत्म करते हुए बस इतना ही कहेंगे कि अधिकारीयों के ऐसे कृत्य निस्संदेह ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबसे अहम बात 'सबका साथ, सबका विकास' के अलावा उत्तर प्रदेश के शासन और स्वयं मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. वर्तमान में तमाम तरह के कुकृत्य सरकार की नाक के नीचे हो रहे हैं ऐसे में यदि सरकार दोषी अधिकारीयों पर कार्यवाही नहीं करती है तो निश्चित ही समस्या बेहद गंभीर है.

एक शोषित समुदाय पर सरकार और सरकार से जुड़े आला अधिकारीयों का ये रवैया इस बात की ओर साफ तौर से इशारा कर रहा है कि आज भी उत्तर प्रदेश जातिगत समस्याओं के तारों में उलझा हुआ है. सारी बातों के अलावा मुख्यमंत्री को इस बात का भी खासा ख्याल रखना होगा कि केवल हिंदुत्तव के नाम पर कुशल राजनीति की कल्पना नहीं की जाती. वो राजनीति में लम्बी पारी तभी खेल पाएंगे जब वो एक प्लेटफार्म पर सबके साथ और सबके कल्याण की बात करें.   

ये भी पढ़ें -

रामलला हम आएंगे, मंदिर बाद में पहले सबको हिन्दू बनाएंगे !

योगी आदित्यनाथ के राज में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल!

योगी जी, सब्जी और दूधवालों को भी एक नजर देख लीजिए...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲