• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

एक पिता जो रोजाना अपनी बेटी के साथ कब्र में जाता है..

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 14 अगस्त, 2018 10:34 AM
  • 02 जुलाई, 2017 06:28 PM
offline
बच्ची के इलाज के लिए पैसे नहीं बचे तो ये निराश पिता हालातों के आगे हार गया और मजबूर होकर वो किया जिसे करते हुए न जाने कितनी ही बार इसके हाथ कांपे होंगे.

ये दिन किसी माता-पिता के जीवन में न आए, जो इन मां-बाप को देखने पड़ रहे हैं. चीन के झांग लियोंग और उनकी पत्नी डेंग मिन जीवन के ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां वो खुद को सबसे ज्यादा बदकिस्मत मां-बाप मान रहे हैं. भला किसी भी माता-पिता के लिए इससे ज्यादा अफसोस की बात क्या होगी कि उन्हें खुद अपने बच्चे के कफन का इंतजाम करना पड़े. 

असल में ये एक किसान परिवार है जो बहुत गरीब है. इनकी दो साल की बेटी झांग जिनली खून की गंभीर बीमारी थेलेसीमिया से ग्रसित है. उसके इलाज में ये गरीब परिवार करीब 11000 पाउंड यानी करीब 10 लाख रुपए खर्च चुका है, पर अब इलाज के लिए पैसे नहीं बचे तो ये निराश पिता हालातों के आगे हार गया. और मजबूर होकर वो किया जिसे करते हुए न जाने कितनी ही बार इसके हाथ कांपे होंगे.

अब ये पिता अपनी बच्ची की मौत के लिए तैयारी कर रहा है. इसने अपने ही हाथों से एक कब्र खोदी जिसमें हर रोज ये अपनी बच्ची के साथ आता है, वहां उसके साथ खेलता है और आराम करता है, जिससे वो उस जगह से अच्छी तरह वाकिफ हो जाए जहां उसे आखिरकार जाना है.

इस दंपति ने एक और बच्चा दुनिया में लाने का निर्णय भी लिया जिससे दूसरे बच्चे की अंबलिकल कॉर्ड से बच्ची को बचाया जा सके, हालांकि वो ये जानते हैं कि इस इलाज के पैसे भी वो नहीं जोड़ पाएंगे.  

परिवार को उम्मीद है कि दूसरे बच्चे के आने के बाद बच्ची की जान बच जाएगी

पिता झांग लियोंग का कहना...

ये दिन किसी माता-पिता के जीवन में न आए, जो इन मां-बाप को देखने पड़ रहे हैं. चीन के झांग लियोंग और उनकी पत्नी डेंग मिन जीवन के ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां वो खुद को सबसे ज्यादा बदकिस्मत मां-बाप मान रहे हैं. भला किसी भी माता-पिता के लिए इससे ज्यादा अफसोस की बात क्या होगी कि उन्हें खुद अपने बच्चे के कफन का इंतजाम करना पड़े. 

असल में ये एक किसान परिवार है जो बहुत गरीब है. इनकी दो साल की बेटी झांग जिनली खून की गंभीर बीमारी थेलेसीमिया से ग्रसित है. उसके इलाज में ये गरीब परिवार करीब 11000 पाउंड यानी करीब 10 लाख रुपए खर्च चुका है, पर अब इलाज के लिए पैसे नहीं बचे तो ये निराश पिता हालातों के आगे हार गया. और मजबूर होकर वो किया जिसे करते हुए न जाने कितनी ही बार इसके हाथ कांपे होंगे.

अब ये पिता अपनी बच्ची की मौत के लिए तैयारी कर रहा है. इसने अपने ही हाथों से एक कब्र खोदी जिसमें हर रोज ये अपनी बच्ची के साथ आता है, वहां उसके साथ खेलता है और आराम करता है, जिससे वो उस जगह से अच्छी तरह वाकिफ हो जाए जहां उसे आखिरकार जाना है.

इस दंपति ने एक और बच्चा दुनिया में लाने का निर्णय भी लिया जिससे दूसरे बच्चे की अंबलिकल कॉर्ड से बच्ची को बचाया जा सके, हालांकि वो ये जानते हैं कि इस इलाज के पैसे भी वो नहीं जोड़ पाएंगे.  

परिवार को उम्मीद है कि दूसरे बच्चे के आने के बाद बच्ची की जान बच जाएगी

पिता झांग लियोंग का कहना है- 'हमने बहुत से लोगों से पैसा उधार लिया लेकिन अब कोई हमें इससे ज्यादा उधार देना नहीं चाहता.' इसलिए उन्होंने इलाज छोड़कर अपनी बेटी को उसकी मौत के लिए तैयार करना शुरू कर दिया.

पिता का कहना है- 'मुझे यही समझ में आया कि मैं इसे यहां लाकर इसके साथ खेलूं. यही वो जगह है जहां ये शांति से आराम करेगी. मैं अब बस इतना कर सकता हूं कि रोजाना इसका साथ दूं'

देखिए दिल को झकझोर कर रख देने वाला वीडियो

एक पिता के लिए शायद ये सबसे मुश्किल समय है. ऐसा करके वो अपनी बच्ची के मन से मौत के डर को दूर करना चाहता है, वो चाहता है कि जब मौत उसके पास आए तो वो निडर होकर उसका सामना करे. यही समझाना चाहता है कि वो हमेशा अपनी बच्ची के साथ है.. हर जगह उसके साथ है.. उसकी कब्र तक भी.

इस वीडियो के जरिए ये परिवार लोगों से मदद की उ्मीद कर रहा है

हालांकि इस वीडियो के बाहर आने के बाद लोगों को इस बेबस परिवार के बारे में पता चला, और कहा जा रहा है कि बहुत से लोग इस परिवार की मदद करने आगे आए हैं. आर्थिक रूप से हार चुके इस परिवार को सहारा मिलना शुरू हो गया है. उम्मीद की जा रही है कि दो साल की उस मासूम को कभी भी उस कब्र में न जाना पड़े.

ये भी पढ़ें-

1 मिनट के वीडियो में 4 साल की बीमार बच्ची ने सिखाया जीने का तरीका

एक आखिरी डांस और फिर वो दुनिया को अलविदा कह देगी!

एलियन कहो या भगवान, एक मां के लिए यह क्रूर सच है


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲