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पोर्न बैन होने के बाद अब इंटरनेट के ये ठिकाने लोगों का डेटा और समय बर्बाद कर रहे हैं!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 26 जनवरी, 2019 06:44 PM
  • 26 जनवरी, 2019 06:44 PM
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ये तय है कि पोर्न में अपना समय बर्बाद करने वाले अधिकर इंटरनेट यूजर्स को या तो पोर्न देखने का कोई नया ठिकाना मिल गया है, जिस पर बैन नहीं है या फिर अब वह अन्य चीजों में अपना इंटरनेट डेटा खर्च करने लगे हैं.

कुछ दिन पहले जब रिलायंस जियो ने इंटरनेट डेटा की खपत की रिपोर्ट जारी की, तो पता चला कि पोर्न बैन होने के बाद जियो के इंटरनेट डेटा की खपत कम हो गई है. आंदाजा लगाया जाने लगा कि ये गिरावट पोर्न बैन की वजह से ही आई है. लेकिन खपत में सिर्फ 200 एमबी प्रति महीने की गिरावट थी. दूसरी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार हर महीने एक जियो यूजर करीब 11 जीबी डेटा खर्च करता था, जबकि तीसरी तिमाही में ये आंकड़ा घटकर 10.8 जीबी रह गया. इसने उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि जियो का अधिकतर इंटरनेट डेटा पोर्न देखने में खर्च होता है. अब इसके दो मतलब निकलते हैं. या तो यूजर्स इंटरनेट पर पोर्न देखते ही बहुत कम थे या फिर वह अन्य किसी काम में भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि पोर्न देखने वाला महीने भर में सिर्फ 200 एमबी डेटा तो पोर्न में खर्च नहीं करता होगा. वहीं ये कहना भी सरासर गलत होगा कि भारत में लोग पोर्न देखते ही नहीं, क्योंकि खुद पोर्नहब की रिपोर्ट ने भारत को पोर्न देखने वालों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बताया है.

पोर्नहब के अनुसार 2013 से 2017 के बीच में भारत में पोर्न देखने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2017 के डेटा के अनुसार दुनिया भर में पोर्न देखने के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. इस मामले में भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम हैं. यहां तक कि जापान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी जैसे देश भी पोर्न देखने के मामले में भारत से पीछे हैं. यानी भारत में पोर्न तो खूब देखा जा रहा था, लेकिन अब सवाल ये है कि इस पर बैन लगने के बाद इंटरनेट की खपत में गिरावट इतनी कम क्यों आई? यानी ये तय है कि पोर्न में अपना समय बर्बाद करने वाले अधिकर इंटरनेट यूजर्स को या तो पोर्न देखने का कोई नया ठिकाना मिल गया है, जिस पर बैन नहीं है या फिर अब वह अन्य चीजों में अपना इंटरनेट डेटा खर्च करने लगे हैं. तो चलिए एक नजर डालते हैं इंटरनेट की दुनिया पर और जानते हैं कि वहां क्या चल रहा है और लोग कहां-कहां अपना डेटा और समय दोनों ही बर्बाद कर रहे हैं?

कुछ दिन पहले जब रिलायंस जियो ने इंटरनेट डेटा की खपत की रिपोर्ट जारी की, तो पता चला कि पोर्न बैन होने के बाद जियो के इंटरनेट डेटा की खपत कम हो गई है. आंदाजा लगाया जाने लगा कि ये गिरावट पोर्न बैन की वजह से ही आई है. लेकिन खपत में सिर्फ 200 एमबी प्रति महीने की गिरावट थी. दूसरी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार हर महीने एक जियो यूजर करीब 11 जीबी डेटा खर्च करता था, जबकि तीसरी तिमाही में ये आंकड़ा घटकर 10.8 जीबी रह गया. इसने उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि जियो का अधिकतर इंटरनेट डेटा पोर्न देखने में खर्च होता है. अब इसके दो मतलब निकलते हैं. या तो यूजर्स इंटरनेट पर पोर्न देखते ही बहुत कम थे या फिर वह अन्य किसी काम में भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि पोर्न देखने वाला महीने भर में सिर्फ 200 एमबी डेटा तो पोर्न में खर्च नहीं करता होगा. वहीं ये कहना भी सरासर गलत होगा कि भारत में लोग पोर्न देखते ही नहीं, क्योंकि खुद पोर्नहब की रिपोर्ट ने भारत को पोर्न देखने वालों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बताया है.

पोर्नहब के अनुसार 2013 से 2017 के बीच में भारत में पोर्न देखने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2017 के डेटा के अनुसार दुनिया भर में पोर्न देखने के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. इस मामले में भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम हैं. यहां तक कि जापान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी जैसे देश भी पोर्न देखने के मामले में भारत से पीछे हैं. यानी भारत में पोर्न तो खूब देखा जा रहा था, लेकिन अब सवाल ये है कि इस पर बैन लगने के बाद इंटरनेट की खपत में गिरावट इतनी कम क्यों आई? यानी ये तय है कि पोर्न में अपना समय बर्बाद करने वाले अधिकर इंटरनेट यूजर्स को या तो पोर्न देखने का कोई नया ठिकाना मिल गया है, जिस पर बैन नहीं है या फिर अब वह अन्य चीजों में अपना इंटरनेट डेटा खर्च करने लगे हैं. तो चलिए एक नजर डालते हैं इंटरनेट की दुनिया पर और जानते हैं कि वहां क्या चल रहा है और लोग कहां-कहां अपना डेटा और समय दोनों ही बर्बाद कर रहे हैं?

पोर्न बैन होने के बाद इंटरनेट यूजर्स अन्य चीजों में अपना इंटरनेट डेटा खर्च करने लगे हैं..

टिक-टॉक और म्यूजिकली जैसे ऐप

इन ऐप्स पर पहले से तय कुछ डायलॉग या गाने होते हैं, जिन पर लिप्सिंग करते हुए या किसी और तरीके से लोग अपना वीडियो बनाते हैं. दो अलग-अलग लोग भी एक ही वीडियो में अपनी-अपनी बात डाल लेते हैं और यूं लगता है जैसे वो एक दूसरे से ही अपनी बातें कह रहे हों. ये वीडियो देखने में कितने दिलचस्प लगते हैं इसका अंदाजा आपको नीचे दिए कुछ वीडियो देखकर ही लग जाएगा. इन्हें बनाने में तो इंटरनेट डेटा खर्च हो ही रहा है, लेकिन इन्हें देखने में लोग काफी अधिक डेटा खर्च कर देते हैं. कई वीडियो तो ऐसे होते हैं, जिन्हें लोग बार-बार देखते हैं. आप भी देखिए और तय कीजिए कि इसकी लत लग सकती है या नहीं?

टिक-टॉक वीडियोज-

म्यूजिकली वीडियोज-

ऑनलाइन गेम्स

अगर पोर्न हब की रिपोर्ट की मानें तो पोर्न देखने वालों में सबसे बड़ी संख्या 18-34 साल के लोगों की थी, जिनसे करीब 80 फीसदी ट्रैफिक आता था. अब यहां ये जानना दिलचस्प है कि ऑनलाइन गेम जैसे पबजी खेलने वाले अधिकतर लोग भी इसी उम्र के होते हैं. और ये बताने की बिल्कुल जरूरत नहीं है कि जब कोई गेम खेलने बैठता है तो जमकर खेलता है और इसकी लत लगने में भी देर नहीं लगती. भले ही यह पोर्न नहीं है, लेकिन समय की बर्बादी इसमें भी खूब होती है. एक झलक देखिए पबजी गेम पर और खुद ही तय कीजिए कि अगर किसी के पास डेटा और समय की कोई कमी ना हो तो वह खुद को ये गेम खेलने से कैसे रोक पाएगा.

फिल्में और गाने

यूं तो मनोरंजन के लिए हमेशा से ही लोग फिल्मों और गानों का सहारा लिया करते थे, लेकिन अब नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, वूट और न जाने कितने ऐसे ऐप आ चुके हैं, जो अपनी खुद की सीरीज बना रहे हैं. वहीं यूट्यूब पर अभी भी लोग वीडियोज, फिल्में और गाने खूब देखते हैं. इन सब में भी बहुत सारा डेटा खर्च होता है, खासकर जब आप हाई क्वालिटी के वीडियो देखते हैं. आपको बता दें कि स्टैंडर्ड क्वालिटी में यूट्यूब पर कोई वीडियो देखने पर 1 जीबी डेटा 5 घंटे में खत्म हो जाता है, जबकि नेटफ्लिक्स जैसे ऐप पर क्वालिटी ऑटोमैटिक होती है यानी उसे जैसी स्पीड मिलती है वो उसी हिसाब से स्पीड एडस्ट कर लेता है. ऐसे में अच्छी स्पीड वाले नेटवर्क पर अधिक डेटा खर्च होता है.

इंटरनेट का ऐसा भी हो रहा है इस्तेमाल

इन सबके अलावा सोशल मीडिया पर लोग अपना बहुत सारा समय देते हैं. अब ये अलग बात है कि कुछ तो सोशल मीडिया का सदुपयोग कर के जानकारी जमा करते हैं, जबकि कुछ ऐसे होते हैं जो सिर्फ मौज-मस्ती के लिए सोशल मीडिया पर आते हैं. ये मौज मस्ती करने वाले तरह-तरह के मीम और वीडियो वायरल करते हैं और अक्सर ही किसी न किसी को ट्रोल भी किया करते हैं. वहीं दूसरी ओर, इंरनेट का इस्तेमाल इन दिनों बच्चें अपनी पढ़ाई के लिए भी खूब कर रहे हैं. वह ना सिर्फ विकीपीडिया और अन्य जगहों से जानकारियां जमा करते हैं, बल्कि ऑनलाइन क्लाइसेस और यूट्यूब से पढ़ाई भी करते हैं, जिनमें डेटा खर्च होता है.

पिछले ही साल सितंबर में सरकार की तरफ से पोर्न बैन करने के आदेश के बाद जियो ने एक के बाद एक बहुत सारी पोर्न वेबसाइट बैन कर दी थीं, जिनमें पोर्नहब और एक्सवीडियोज जैसी लोकप्रिय वेबसाइट भी शामिल हैं. इस बैन के बाद आई जियो की रिपोर्ट से पता चला कि इंटरनेट डेटा की खपत में भी मामूली कमी आई है. दरअसल, लोगों ने इसे पोर्न से जोड़ते हुए इसलिए देखा, क्योंकि जियो के आने के बाद भी पोर्न देखने वालों की तादात में एक बड़ा इजाफा हुआ था, खासकर मोबाइल पर पोर्न देखने वालों में. 2013 में पोर्नपब पर करीब 39 फीसदी ट्रैफिक भारत से मोबाइल के जरिए आता था, जो 2017 में बढ़कर 86 फीसदी हो गया. इस बीच ऐसा क्या हुआ? दरअसल, सितंबर 2016 में जियो लॉन्च हुआ, जिसने 31 मार्च 2017 तक मुफ्त में इंटरनेट और कॉल्स मुहैया कराईं और उसके बाद भी बेहद सस्ता डेटा दिया. आपको बता दें कि 2013 से 2017 के बीच भारत से पोर्न का ट्रैफिक करीब 121 फीसदी बढ़ गया था.

इसमें कोई दोराय नहीं है कि पोर्न बैन होने के बाद डेटा की खपत कम हुई है, लेकिन ये भी समझना होगा कि जो लोग पहले अपना समय और डेटा पोर्न देखने में बर्बाद कर देते थे, उन्होंने मनोरंजन के दूसरे ठिकाने ढूंढ़ लिए हैं. वह टिक-टॉक और म्यूजिकली जैसे वीडियो ऐप पर समय बिताते हैं और गेम्स भी खेलते हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो इंटरनेट डेटा में बड़ी गिरावट देखने को मिलती, क्योंकि भारत पोर्न देखने वाले यूजर्स का एक बड़ा बाजार है. खैर, भले ही मोबाइल नेटवर्क पर पोर्न बैन हो गया हो, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. तो भले ही लोगों ने अब मोबाइल पर पोर्न देखना बंद कर दिया हो, लेकिन ब्रॉडबैंड के जरिए वह अभी भी पोर्न देखते होंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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