• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

सरहद के झगड़े में एक हाथी की जान चली गयी, मामला हिंदुस्तान-पाकिस्तान का नहीं है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 16 अगस्त, 2022 08:41 PM
  • 16 अगस्त, 2022 08:41 PM
offline
केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर एक हाथी की मौत हुई है. वजह सीमा विवाद है. जैसा मामला है कह सकते हैं कि, आज के समय में राजनीति ने इंसानों और जानवरों के बीच के भेद को मिटा दिया है. ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरहद के हवाले से इंसान जानवर बनने पर मजबूर हो गया है.

केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर एक हाथी की मौत हुई है. यहां तक जानकारी सामान्य है. मगर खून तब खौल उठता है जब पता चलता है कि, यह निरीह हाथी सीमा विवाद के चलते इलाज न मिलने के कारण मरा है. जी हां, सरहद के झगड़े में एक हाथी की जान चली गयी है. और ये सीमा विवाद कोई हिंदुस्तान-पाकिस्तान का मामला नहीं है, लेकिन इस हाथी की जान के लिए इससे कम भी नहीं है.

तमिलनाडु केरल बॉर्डर पर बीमारी के चलते हाथी की मौत एक साथ कई सवालों को जन्म देती है

आइये पहले मामला समझ लेते हैं. तमिलनाडु में एक बहुत खूबसूरत जगह है, नाम है अनैकट्टी. यहां काफी जलाशय है, जिसमें पानी पीने हाथी आया करते थे. यहीं बहने वाली कोदुंगरई नदी में लोगों ने एक नर हाथी को देखा. हालांकि ऐसे दृश्य इस इलाके के लोगों के लिए नए नहीं हैं, लेकिन यह नर हाथी काफी कमजोर नजर आ रहा था.

हाथी को बीमार पाकर वन विभाग को सूचना दी गयी. मगर उनके कान पर जूं तक न रेंगी. अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि, जिस जगह पर हाथी है वो स्थान तमिलनाडु और केरल की सीमा पर है. अधिकारियों ने न केवल मामले से बचने की कोशिश की बल्कि बार-बार सीमा विवाद का हवाला दियाए और अंततः हाथी को इलाज नहीं मिल सका. आखिर उसकी मौत हो गयी.

हाथी भले ही अब इस दुनिया में नहीं हो. लेकिन अधिकारीयों के तर्क किस हद तक खोखले थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीमा विवाद का बहाना बनाकर वो बार बार यही कह रहे थे कि ;हाथी ज़िंदा है और कई बार उसने बॉर्डर क्रॉस किया है. 

केरल-तमिलनाडु बॉर्डर पर एक हाथी की मौत हुई है. यहां तक जानकारी सामान्य है. मगर खून तब खौल उठता है जब पता चलता है कि, यह निरीह हाथी सीमा विवाद के चलते इलाज न मिलने के कारण मरा है. जी हां, सरहद के झगड़े में एक हाथी की जान चली गयी है. और ये सीमा विवाद कोई हिंदुस्तान-पाकिस्तान का मामला नहीं है, लेकिन इस हाथी की जान के लिए इससे कम भी नहीं है.

तमिलनाडु केरल बॉर्डर पर बीमारी के चलते हाथी की मौत एक साथ कई सवालों को जन्म देती है

आइये पहले मामला समझ लेते हैं. तमिलनाडु में एक बहुत खूबसूरत जगह है, नाम है अनैकट्टी. यहां काफी जलाशय है, जिसमें पानी पीने हाथी आया करते थे. यहीं बहने वाली कोदुंगरई नदी में लोगों ने एक नर हाथी को देखा. हालांकि ऐसे दृश्य इस इलाके के लोगों के लिए नए नहीं हैं, लेकिन यह नर हाथी काफी कमजोर नजर आ रहा था.

हाथी को बीमार पाकर वन विभाग को सूचना दी गयी. मगर उनके कान पर जूं तक न रेंगी. अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि, जिस जगह पर हाथी है वो स्थान तमिलनाडु और केरल की सीमा पर है. अधिकारियों ने न केवल मामले से बचने की कोशिश की बल्कि बार-बार सीमा विवाद का हवाला दियाए और अंततः हाथी को इलाज नहीं मिल सका. आखिर उसकी मौत हो गयी.

हाथी भले ही अब इस दुनिया में नहीं हो. लेकिन अधिकारीयों के तर्क किस हद तक खोखले थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीमा विवाद का बहाना बनाकर वो बार बार यही कह रहे थे कि ;हाथी ज़िंदा है और कई बार उसने बॉर्डर क्रॉस किया है. 

भले ही जिला वन अधिकारी ये कहकर मामले से अपना पिंड छुड़ा दिया हो कि दोनों ही राज्यों के वन अधिकारियों ने हाथी की मॉनिटरिंग की थी लेकिनअगर सच में ऐसा कुछ हुआ होता तो आज हाथी ज़िंदा और सलामत होता. हाथी अब इस दुनिया से दूसरी दुनिया में जा चुका है इसलिए ये कहना भी गलत नहीं है कि ये सिर्फ और सिर्फ  राजनीति ही है जिसने इंसान और जानवर के बीच के भेद को मिटा दिया है और सरहद के हवाले से इंसान को जानवर बनने पर मजबूर कर मानव और  मानवता दोनों को शर्मसार किया है.

 

ये भी पढ़ें -

Dominos को पता है हम रेस्त्रां की दाल में बाल इग्नोर करने वाले लोग हैं, उसे क्या ही फर्क पड़ेगा

ब्रो! हमारे जवान सियाचिन में खड़े हैं, क्या अब भी आप इस मजाक पर हंस पाएंगे?

Langya Vs Lumpy: कोविड से मुक्त हुए भी नहीं, दो वायरस और सिर आ खड़े हुए!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲