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इंसानों की क्या बिसात जब हम पुतलों की बनावट में भेदभाव करते हैं!

    • सोनाक्षी कोहली
    • Updated: 03 नवम्बर, 2017 01:58 PM
  • 03 नवम्बर, 2017 01:58 PM
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पुरुषों के पुतलों की शारीरिक बनावट औसत महिला पुतलों के शारीरिक आकार की तुलना में बड़ा और स्वस्थ दिखाया जाता है. और महिला पुतलों के विपरीत सिर्फ आठ प्रतिशत पुरुष पुतले ही अंडरवेट या सामान्य से कम वज़न वाले शरीर के आकार दिखाता है.

विंडो शॉपिंग ऐसी चीज है जिस स्त्री हो या पुरूष सभी अक्सर अपने खाली समय में करते हैं. दुकानों के बाहर लगे पुतलों को रंग-बिरंगे और स्टाइलिश कपड़ों में देखकर क्या चीज खरीदनी है वो तय करते हैं या फिर अगर कुछ नहीं खरीदारी नहीं करनी तो फिर आंखों की ठंडक लेकर वापस चले आते हैं.

पर क्या आपने कभी भी कपड़ों की दुकानों के आगे लगे पुतलों पर ध्यान दिया है? दुकानदारों के लिए ये सिर्फ खरीददारों को फैशनेबल कपड़ों को दिखाने और दुकान में मौजूद बेस्ट ट्रेंडी कपड़ों का प्रदर्शिन करने का एकमात्र माध्यम हो सकता है. लेकिन अगर आप इन पुतलों को ध्यान से देखेंगे तो एहसास होगा कि सिर्फ कपड़ों की प्रदर्शनी के लिए प्रयोग किए जाने वाले ये पुतले भी मर्द और औरत के बीच के भेदभाव को दिखाता है.

पुतले भी भेदभाव के शिकार

जी हां ये पुतले भी आने-जाने वालों के लिए मर्द और औरत की शारीरिक संरचना के अलावा सामाजिक दायरों को दिखाते हैं. भले ही ये प्रत्यक्ष रूप से हमें किसी तरह का संकेत नहीं देते लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये पुतले स्त्री और पुरूष की शारीरिक बनावट या कहें कि बॉडी फिगर को लेकर लोगों के मन में एक धारणा बनाते हैं. दुर्भाग्य ये है कि हमारे मन पर इसका प्रभाव काफी नकारात्मक होता है.

जर्नल ऑफ इटिंग डिसआर्डर में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार दुकानों के बाहर लगे पुतले लोगों में बेहद पतला (अल्ट्रा थिन) और बीमार शारीरिक बनावट को बढ़ावा देते हैं. लिवरपूल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी, हेल्थ एंड सोसाइटी के प्रमुख शोधकर्ता डॉ एरिक रॉबिन्सन ने बताया कि- 'अल्ट्रा थिन पुतले युवाओं में अपने शरीर को लेकर कई समस्याओं की जड़ बन जाते हैं. पतली काया को लेकर इस तरह की सोच को बदलने की जरूरत है.'

लेकिन सच्चाई तो ये है कि समस्या यहीं खत्म नहीं...

विंडो शॉपिंग ऐसी चीज है जिस स्त्री हो या पुरूष सभी अक्सर अपने खाली समय में करते हैं. दुकानों के बाहर लगे पुतलों को रंग-बिरंगे और स्टाइलिश कपड़ों में देखकर क्या चीज खरीदनी है वो तय करते हैं या फिर अगर कुछ नहीं खरीदारी नहीं करनी तो फिर आंखों की ठंडक लेकर वापस चले आते हैं.

पर क्या आपने कभी भी कपड़ों की दुकानों के आगे लगे पुतलों पर ध्यान दिया है? दुकानदारों के लिए ये सिर्फ खरीददारों को फैशनेबल कपड़ों को दिखाने और दुकान में मौजूद बेस्ट ट्रेंडी कपड़ों का प्रदर्शिन करने का एकमात्र माध्यम हो सकता है. लेकिन अगर आप इन पुतलों को ध्यान से देखेंगे तो एहसास होगा कि सिर्फ कपड़ों की प्रदर्शनी के लिए प्रयोग किए जाने वाले ये पुतले भी मर्द और औरत के बीच के भेदभाव को दिखाता है.

पुतले भी भेदभाव के शिकार

जी हां ये पुतले भी आने-जाने वालों के लिए मर्द और औरत की शारीरिक संरचना के अलावा सामाजिक दायरों को दिखाते हैं. भले ही ये प्रत्यक्ष रूप से हमें किसी तरह का संकेत नहीं देते लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये पुतले स्त्री और पुरूष की शारीरिक बनावट या कहें कि बॉडी फिगर को लेकर लोगों के मन में एक धारणा बनाते हैं. दुर्भाग्य ये है कि हमारे मन पर इसका प्रभाव काफी नकारात्मक होता है.

जर्नल ऑफ इटिंग डिसआर्डर में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार दुकानों के बाहर लगे पुतले लोगों में बेहद पतला (अल्ट्रा थिन) और बीमार शारीरिक बनावट को बढ़ावा देते हैं. लिवरपूल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी, हेल्थ एंड सोसाइटी के प्रमुख शोधकर्ता डॉ एरिक रॉबिन्सन ने बताया कि- 'अल्ट्रा थिन पुतले युवाओं में अपने शरीर को लेकर कई समस्याओं की जड़ बन जाते हैं. पतली काया को लेकर इस तरह की सोच को बदलने की जरूरत है.'

लेकिन सच्चाई तो ये है कि समस्या यहीं खत्म नहीं होती है. स्टडी में ये भी पाया गया की बाजार में इस्तेमाल किए गए पुरुष और महिला की छवि वाले पुतलों के बीच एक बड़ा अंतर है. पुरुषों के पुतलों की शारीरिक बनावट औसत महिला पुतलों के शारीरिक आकार की तुलना में बड़ा और स्वस्थ दिखाया जाता है. और महिला पुतलों के विपरीत सिर्फ आठ प्रतिशत पुरुष पुतले ही अंडरवेट या सामान्य से कम वज़न वाले शरीर के आकार दिखाता है.

ये अंतर साफ तौर पर देखा जा सकता है. लेकिन मुद्दा यहां ये है कि चाहे पुरुष हो या महिला किसी के भी शरीर के आकार को लेकर इस तरह के बेकार, खोखले और अस्वस्थ तरीकों को रोकने की जरूरत है.

तो फिर क्यों ना शुरुआत औसत बॉडी साइज के पुतलों का उपयोग करने से करें?

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