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इस दरिंदगी के खिलाफ युद्ध की जरूरत है

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 11 जून, 2018 12:32 PM
  • 20 अक्टूबर, 2017 06:58 PM
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दिल्ली दिलवालों की नहीं दरिंदों का शहर है. लड़की पटाना स्वैग और लड़की काे काट देना मर्दानगी की मिसाल बन गए हैं. ये कैसा देश है? ये कैसा समाज है?

कहने के लिए तो हम कह देते हैं कि दिल्ली दिलवालों का शहर है. लेकिन असलियत में इसे क्राइम सिटी और रेप कैपिटल के नाम से ज्यादा जाना जाता है. दुखद ये था कि रेप कैपिटल का ये तमगा दिल्ली को यूं ही नहीं मिला था. आलम ये है कि रात की बात तो दूर, दिन-दहाड़े, बीच सड़क पर भी लड़कियों को मार डालना एक फैशन है. क्योंकि यहां कि सड़कों पर इंसान नहीं जिंदा, सांस लेते मुर्दे चलते हैं. और फिर मुर्दों को कभी कोई फर्क पड़ा है भला? 

कुछ महीनों पहले दिल्ली के बुराड़ी में एक सनकी आशिक ने दिन के उजाले में भरी सड़क पर एक मासूम लड़की को 22 बार चाकू से गोद दिया. वहां खड़ी जनता इसकी मूक दर्शक बनी रही. किसी ने लड़की को बचाने तो दूर पुलिस को फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई. इसी तरह का दिल दहलाने वाला एक और वाकया कल फिर दिन के उजाले में भरी सड़क पर हुआ. 21 साल के सनकी लड़के ने खुली सड़क पर एयरहोस्टेस बनने के ख्वाब देखती लड़की को मौत के घाट उतार दिया. हद तो ये थी कि आसपास के लोगों ने उस तरफ देखा भी नहीं और ना ही पुलिस को फोन किया. इन दोनों ही घटनाओं में लड़कियों का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने उन लड़कों के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. 

दिन दहाड़े चाकू से चीर दिया, लोग देखते रहे

देखें वो खौफनाक वीडियो

वैसे एक बात और, आपलोग इस मुगालते में कतई मत रहिएगा कि ऐसी घटनाएं दिल्ली के गली-कूचों या फिर सुनसान इलाकों में ही होती है. बल्कि इस तरह की वारदात कहीं भी हो सकती है. किसी पॉश इलाके में भी. लड़कों और मनचलों के मन तो इतने बढ़े हुए हैं कि रेप करने के लिए वो लड़की को किडनैप करने की योजना बनाते हैं. वो भी फुल प्रूफ प्लानिंग.

यह घटना दिल्ली के हौज खास की है. हौज खास को दिल्ली के पॉश इलाके में गिना जाता है. ये जगह अपने...

कहने के लिए तो हम कह देते हैं कि दिल्ली दिलवालों का शहर है. लेकिन असलियत में इसे क्राइम सिटी और रेप कैपिटल के नाम से ज्यादा जाना जाता है. दुखद ये था कि रेप कैपिटल का ये तमगा दिल्ली को यूं ही नहीं मिला था. आलम ये है कि रात की बात तो दूर, दिन-दहाड़े, बीच सड़क पर भी लड़कियों को मार डालना एक फैशन है. क्योंकि यहां कि सड़कों पर इंसान नहीं जिंदा, सांस लेते मुर्दे चलते हैं. और फिर मुर्दों को कभी कोई फर्क पड़ा है भला? 

कुछ महीनों पहले दिल्ली के बुराड़ी में एक सनकी आशिक ने दिन के उजाले में भरी सड़क पर एक मासूम लड़की को 22 बार चाकू से गोद दिया. वहां खड़ी जनता इसकी मूक दर्शक बनी रही. किसी ने लड़की को बचाने तो दूर पुलिस को फोन करने तक की जहमत नहीं उठाई. इसी तरह का दिल दहलाने वाला एक और वाकया कल फिर दिन के उजाले में भरी सड़क पर हुआ. 21 साल के सनकी लड़के ने खुली सड़क पर एयरहोस्टेस बनने के ख्वाब देखती लड़की को मौत के घाट उतार दिया. हद तो ये थी कि आसपास के लोगों ने उस तरफ देखा भी नहीं और ना ही पुलिस को फोन किया. इन दोनों ही घटनाओं में लड़कियों का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने उन लड़कों के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. 

दिन दहाड़े चाकू से चीर दिया, लोग देखते रहे

देखें वो खौफनाक वीडियो

वैसे एक बात और, आपलोग इस मुगालते में कतई मत रहिएगा कि ऐसी घटनाएं दिल्ली के गली-कूचों या फिर सुनसान इलाकों में ही होती है. बल्कि इस तरह की वारदात कहीं भी हो सकती है. किसी पॉश इलाके में भी. लड़कों और मनचलों के मन तो इतने बढ़े हुए हैं कि रेप करने के लिए वो लड़की को किडनैप करने की योजना बनाते हैं. वो भी फुल प्रूफ प्लानिंग.

यह घटना दिल्ली के हौज खास की है. हौज खास को दिल्ली के पॉश इलाके में गिना जाता है. ये जगह अपने नाइट लाइफ और रेस्तरां के लिए फेमस है. यहां पर लड़कियों की भीड़ होती है और बुधवार की रात तो ये भीड़ कुछ ज्यादा ही होती है. क्योंकि हर बुधवार को यहां के रेस्तरां 'लेडिज नाइट' का ऑफर देते हैं. इसी पॉश इलाके में अपनी आंखों देखी एक लड़की ने ट्विटर पर बयान किया.

इस लड़की ने अपनी पहचान जाहिर न करने का अनुरोध किया है, इसलिए हम उनका नाम तो नहीं बता रहे लेकिन उनकी पूरी कहानी आपको बताते हैं.

 

मैं आप लोगों को यहां बताती हूं कि हौज खास गांव (एच.के.वि.) में कल रात क्या हुआ. हौज खास से बाहर निकलने के लिए हम अरविंदो मार्केट की तरफ जा रहे थे. उसी समय हौज खास की तरफ जा रही एक कार ने नशे में धुत्त अपने दोस्त के साथ शॉर्ट्स पहनी हुई एक लड़की को जाते देखा तो यू-टर्न ले लिया.

गाड़ी रुक जाती है. दो लोग बाहर निकलते हैं और आपको सुनाई देता है 'बस गाड़ी में डालो', वे लड़की का पीछा करना शुरू करते हैं. वो लड़की अपने शराबी दोस्त को संभालने में व्यस्त है.

इसके बाद कार में तीन से चार लोग और पैदल दो लड़के उस लड़की के करीब जाने लगते हैं. इसके बाद ये टविटर वाली लड़की और उसके दोस्त बीच में आते हैं. लड़की और उसके दोस्तों को देखते ही वे लोग अपनी [कार] में वापस चले जाते हैं और थोड़ी देर इंतजार करते हैं.

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी.

लड़की लिखती है- 'दो लड़के फिर से कार से बाहर निकलते हैं और सीधा लड़की के पास जाते हैं. इस बार लड़की को गाड़ी में डालती ही भाग निकलने के लिए गाड़ी भी बिल्कुल तैयार थी. वो उस लड़की को घेर लेते हैं.'

'अब मैं कार की तरफ दौड़ती हूं और पूछती हूं कि ये क्या हो रहा है? वे कहते हैं, 'कुछ नहीं, तुम भागो यहां से.' मैं कहती हूं, 'तुमलोग इस लड़की का पीछा कर रहे हो, भागो यहां से.' वे हंसने लगते हैं और कहते हैं,

'इसको ड्रॉप कर कर देंगे कहीं. ज्यादा बोलेगी तो तेरे को भी कही ले जाएंगे. मैं उन्हें पुलिस को फोन करने की धमकी देती हूं. लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा.'

इस समय तक ट्विटर यूजर का एक दोस्त आ गया और वो चीखते हुए उसे पुलिस को फोन करने के लिए कहती है, ताकि वो लड़के डर जाएं और भाग जाएं. जैसे ही लड़कों ने ट्विटर यूजर के साथ लड़कों को देखा वो 'चिंतिंत' हो गए. इसके बाद पैदल चलने वाले दोनों लड़के 'कार में जाकर बैठ जाते हैं.' लेकिन फिर भी वहीं मंडराते रहते हैं. मैं चीखती रहती हूं. थक-हार कर वो लोग वहां से चले जाते हैं. हालांकि ट्विटर यूजर गाड़ी का पूरा नंबर नोट नहीं कर पाई लेकिन फिर भी उसने थोड़ा याद कर लिया था. गाड़ी का नंबर है- 'DL xxxx 7226'

इन लड़कों ने कुछ देर रूककर ये तय किया था कि कौन सी लड़की को उठाना है और लड़की के अपहरण के लिए उनके पास पूरा प्लान था. वे नशे में भी नहीं थे. इनके पास लड़की के अपहरण और रेप करने का फुल प्रूफ प्लान था. ऐसा नहीं था वो ये सब किसी आवेश में आकर ये काम कर रहे थे. वे यहां आए ही इसी काम के लिए थे.

ट्विटर पर लोगों के रिएक्शन

हमेशा की तरह ट्विटर पर कुछ लोगों ने लड़की के हिम्मत की तारीफ की तो कुछ ने उस लड़की के अकाउंट पर ही उंगली उठा दी.

एक लड़की ने ट्विटर पर जवाब में लिखा- 'आप बहुत बहादुर हैं. भगवान का बहुत-बहुत शुक्रिया कि आप उस वक्त वहां थी और उस लड़की बचा लिया. काश मुझे पुलिस पर कोई भरोसा होता.'

एक लड़के ने ट्वीट किया- 'आपकी बहादुरी को सलाम! न जाने इस तरह की घटनाएं रोजाना होती हैं जिसे लड़कियां शेयर नहीं करती.'

हालांकि कई लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे

एक ट्विटर यूजर ने लिखा- 'मुझे यकीन नहीं होता कि तुमने इतना सब किया लेकिन कार का पूरा नंबर नोट नहीं कर पाई.'

अब बात आती है कि इतना सब होने के बाद भी पुलिस कहां थी? तो पुलिस वाले हमेशा की तरह अपनी 'ड्यूटी' बजा रहे थे! इसी साल फरवरी में हौज खास में ही एक लड़की के साथ हुई रेप की घटना के बाद पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ाने का आश्वासन दिया था. लेकिन महिलाओं की सुरक्षा का आश्वासन तो 2012 के निर्भया कांड के बाद भी दिया गया था. नतीजा आज भी हमारे सामने है. आश्वासन सिर्फ बोल हैं, चमड़े की जीभ हिला दी, हमारा काम खत्म हो गया. अब जिसे अपनी सुरक्षा की चिंता है वो समझे.

दिल्ली पुलिस भी सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव है

पुलिस के साथ-साथ दोष उन सभी मूक दर्शकों का भी है जिन्हें किसी घटना का वीडियो बनना तो याद रहता है लेकिन पुलिस को फोन करना नहीं. जिन्हें हमारे घर में जब कुछ होगा तब का इंतजार रहता है. जिन्हें सड़क पर चलती लड़की इंसान नहीं सामान नजर आती है. रोजाना इस तरह की घटनाओं से पटे अखबार और टीवी, लोगों का निर्विकार व्यवहार देखकर मुझे कुढ़न के अलावा अब कुछ नहीं होता. कब बदलेगा ये रवैया? कब हम खुलकर सांस ले पाएंगे?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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