• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

Covid Vaccine Mixing मामले में दुनिया के बाकी देशों का क्या रुख है, जानिए...

    • आईचौक
    • Updated: 11 अगस्त, 2021 11:46 AM
  • 11 अगस्त, 2021 11:46 AM
offline
दुनियाभर के कई देशों ने वैक्सीन मिक्सिंग की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. हाल ही में भारत में भी वैक्सीन मिक्सिंग की एक रिपोर्ट को ICMR ने जारी किया था. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्स डोज पूरी तरह से सुरक्षित है और वैक्सीन मिक्सिंग से कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी मिलती है.

दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (Corona Virus) का डेल्टा वेरिएंट फिर से तबाही मचा रहा है. भारत में भी एक्सपर्ट्स ने कोरोना (Corona) की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है. हालांकि, भारत में तेजी से कोरोना टीकाकरण अभियान (Vaccination) चलाया जा रहा है. लेकिन, देश की बड़ी आबादी के लिहाज इसकी गति काफी धीमी नजर आ रही है. हाल ही में कोरोना महामारी से जंग में देश को एक और वैक्सीन का साथ मिल गया है. कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक वी और मॉडर्ना के बाद अब जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है. दुनियाभर में एंटी कोविड वैक्सीन के लिए तमाम शोध किए जा रहे हैं. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों ने कोविड वैक्सीन की मिक्सिंग (Vaccine Mixing) के सहारे भी कोविड-19 को मात देने की कोशिश की जा रही है.

दुनियाभर के कई देशों ने वैक्सीन मिक्सिंग की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. हाल ही में भारत में भी वैक्सीन मिक्सिंग की एक रिपोर्ट को ICMR ने जारी किया था. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्स डोज पूरी तरह से सुरक्षित है और वैक्सीन मिक्सिंग से कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी मिलती है. अलग-अलग वैक्सीन की मिक्सिंग के जरिये कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर नतीजे पाने की कोशिश में कई देशों में इसे बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा वैक्सीन मिक्सिंग को 'खतरनाक चलन' कहा है. लेकिन, इस चेतावनी के बाद भी कई देश कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग के सहारे अच्छे नतीजे पा रहे हैं. भारत में भी वैक्सीन मिक्सिंग के बेहतर परिणाम सामने आए थे. आइए जानते हैं कि किन देशों ने वैक्सीन मिक्सिंग की शुरुआत की है और कैसे हैं उसके नतीजे?

भारत में कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग के लिए कोवैक्सीन और...

दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (Corona Virus) का डेल्टा वेरिएंट फिर से तबाही मचा रहा है. भारत में भी एक्सपर्ट्स ने कोरोना (Corona) की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है. हालांकि, भारत में तेजी से कोरोना टीकाकरण अभियान (Vaccination) चलाया जा रहा है. लेकिन, देश की बड़ी आबादी के लिहाज इसकी गति काफी धीमी नजर आ रही है. हाल ही में कोरोना महामारी से जंग में देश को एक और वैक्सीन का साथ मिल गया है. कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक वी और मॉडर्ना के बाद अब जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है. दुनियाभर में एंटी कोविड वैक्सीन के लिए तमाम शोध किए जा रहे हैं. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों ने कोविड वैक्सीन की मिक्सिंग (Vaccine Mixing) के सहारे भी कोविड-19 को मात देने की कोशिश की जा रही है.

दुनियाभर के कई देशों ने वैक्सीन मिक्सिंग की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. हाल ही में भारत में भी वैक्सीन मिक्सिंग की एक रिपोर्ट को ICMR ने जारी किया था. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्स डोज पूरी तरह से सुरक्षित है और वैक्सीन मिक्सिंग से कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी मिलती है. अलग-अलग वैक्सीन की मिक्सिंग के जरिये कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर नतीजे पाने की कोशिश में कई देशों में इसे बढ़ावा मिल रहा है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा वैक्सीन मिक्सिंग को 'खतरनाक चलन' कहा है. लेकिन, इस चेतावनी के बाद भी कई देश कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग के सहारे अच्छे नतीजे पा रहे हैं. भारत में भी वैक्सीन मिक्सिंग के बेहतर परिणाम सामने आए थे. आइए जानते हैं कि किन देशों ने वैक्सीन मिक्सिंग की शुरुआत की है और कैसे हैं उसके नतीजे?

भारत में कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड पर परीक्षण किया गया.

भारत में वैक्सीन मिक्सिंग

भारत में कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड पर परीक्षण किया गया. ICMR के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन का मिक्स डोज लेना पूरी तरह से सुरक्षित है. कोवैक्सीन और कोविशील्ड की अलग-अलग डोज से बेहतर इम्यूनिटी मिलने की बात भी इस रिपोर्ट में कही गई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में वैक्सीनेशन के दौरान लापरवाही के चलते कुछ लोगों को कोविशील्ड की पहली डोज के बाद कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई थी. हालांकि, वैक्सीन की मिक्स डोज के बाद भी इन लोगों में से किसी को स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या नही हुई थी.

रूस में वैक्सीन कॉकटेल

रूस में वैक्सीन कॉकटेल को बढ़ावा दिया जा रहा है. रूस का डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड ने 'वैक्सीन कॉकटेल' के मामले में खुद को अव्वल घोषित कर दिया है. रूस में स्पूतनिक वी की पहली डोज के बाद एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि परीक्षण में शामिल हुए लोगों पर इसका कोई भी गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है. माना जा रहा है कि इस परीक्षण के नतीजे इसी माह के अंत तक सार्वजनिक कर दिए जाएंगे.

डेनमार्क

डेनमार्क में वैक्सीन कॉकटेल यानी वैक्सीन मिक्सिंग का परीक्षण किया जा रहा है. डेनमार्क का कहना है कि फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना की पहली डोज के बाद एस्ट्राजेनेका/कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लोगों को बेहतर सुरक्षा देती है.

जर्मनी

जर्मनी में सितंबर से ही वैक्सीन मिक्सिंग पर फोकस किए जाने की घोषणा कर दी है. जर्मनी में लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर एमआरएनए वैक्सीन- फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना के बूस्टर डोज दिए जाएंगे. जर्मनी में इस बात की परवाह नहीं की जा रही है कि लोगों ने पहला डोज किस वैक्सीन का लिया था. यहां कमजोर व्यक्तियों, पेंशनभोगियों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को एमआरएनए-वैक्सीन का बूस्टर दिया जाएगा.

दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया में वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि एस्ट्राजेनेका की पहली डोज के बाद फाइजर की दूसरी डोज लेने पर एंटीबॉडी का स्तर एक ही वैक्सीन की दोनों डोज लेने से 6 गुना ज्यादा बढ़ जाता है.

थाईलैंड में कोरोना टीकाकरण के लिए चीन की कोविड वैक्सीन सिनोवैक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

थाईलैंड

थाईलैंड में कोरोना टीकाकरण के लिए चीन की कोविड वैक्सीन सिनोवैक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां सिनोवैक की पहली डोज के बाद कोरोना वायरस से सुरक्षा बढ़ाने के लिए दूसरी खुराक के तौर पर एस्ट्राजेनेका की डोज दी जा रही है. दावा किया जा रहा है कि इससे लोगों की सुरक्षा में बढ़ी है. थाइलैंड पहला देश है, जो चीन की सिनोवैक के साथ दूसरी वैक्सीन की मिक्सिंग कर रहा है.

कनाडा

कनाडा सरकार की एडवाइजरी कमेटी ने टीकाकरण में वैक्सीन मिक्सिंग की सिफारिश की है. इस कमेटी का कहना है कि एस्ट्राजेनेका/कोविशील्ड की पहली डोज के बाद एमआरएनए वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा सकती है.

स्पेन

स्पेन की बायोएथिक्स कमेटी ने भी लोगों को एस्ट्राजेनेका की पहली डोज के बाद दूसरी डोज के तौर पर एमआरएनए वैक्सीन लेने की सलाह दी है. हालांकि, स्पेन में इस बात पर जोर दिया गया है कि लोगों को दूसरी डोज लेना जरूरी है, चाहे वो एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ही हो.

अमेरिका और यूरोप में नहीं की जा रही वैक्सीन मिक्सिंग

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया के 135 देशों में डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आए हैं. माना जा रहा है कि डेल्टा वेरिएंट के डर की वजह से ही इन देशों में वैक्सीन मिक्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. हालांकि, अमेरिका के यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) और यूरोप के ड्रग रेगुलेटर ने वैक्सीन कॉकटेल को लेकर अभी तक कोई सिफारिश नहीं की है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲