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गांव को कोरोना हॉटस्पॉट बनाने में शादी-विवाह ने सुपर स्प्रेडर का काम किया

    • आशुतोष मिश्रा
    • Updated: 17 मई, 2021 09:43 PM
  • 17 मई, 2021 09:41 PM
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Covidvirus spread in rural India: कोरोना की पहली लहर में तो अपने देश के गांव बच गए, लेकिन दूसरी लहर ने ग्रामीणों पर कहर बरपा रखा है. इसके पीछे शादी-विवाह, मुंडन और तेरहवीं जैसे इवेंट सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं. लोग नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, सरकार तमाशा देख रही है.

कोरोना की दूसरी लहर ने शहरों से अब गांवों की ओर रुख कर लिया है. गांवों में पैठ बना रहा है. गांव के लोगों पर कहर बरपा रहा है. ग्रामीण भारत को बुरी तरह जकड़ लिया है. कोविड-उपयुक्त व्यवहार और सेफ्टी प्रोटोकॉल से अनभिज्ञ, गांव के लोग कोरोना की दूसरी लहर का खामियाजा भुगत रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह गांवों में शादी-विवाह और हरिद्वार कुंभ से आए लोगों को माना जा रहा है. गांवों में शादी-विवाह, मुंडन और तेरहवीं जैसे इवेंट सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं. सरकार द्वारा शादियों को रोकने और मेहमानों की संख्या सीमित करने जैसे सख्त कदम उठाए गए, लेकिन लोग कोविड प्रोटोकाल की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.

गांवों में शादी समारोह बेरोकटोक जारी हैं, यहां कोरोना प्रोटोकाल का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा.

भारत गांवों का देश है. एक बड़ी आबादी गांवों में ही बसती है. लेकिन शिक्षा और जागरूकता के अभाव में यहां के लोग कोरोना के कहर के तेजी से शिकार हो रहे हैं. यहां तक कि कुछ लोग कोरोना जैसी बीमारी को मानने से ही इंकार कर दे रहे हैं. मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की ही एक घटना देख लीजिए. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित एक युवक अपने गांव में हो रही एक शादी समारोह में शामिल हुआ. इस दौरान उसने लोगों को भोजन परोसा और अगले दिन बारात में उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के भी एक गांव में गया. बैंड-बाजे की धुन पर सबके साथ जमकर नाचा. दूल्हा-दूल्हन के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. यहां भी वह कई लोगों के संपर्क में आया.

इसके कुछ दिन बाद गांव में कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. लोगों ने जांच कराई तो 60 में 40 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. इसके बाद पूरे गांव को सील कर बाकी लोगों की भी जांच की जा रही है. देश में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है. इसी तरह तेलंगाना के...

कोरोना की दूसरी लहर ने शहरों से अब गांवों की ओर रुख कर लिया है. गांवों में पैठ बना रहा है. गांव के लोगों पर कहर बरपा रहा है. ग्रामीण भारत को बुरी तरह जकड़ लिया है. कोविड-उपयुक्त व्यवहार और सेफ्टी प्रोटोकॉल से अनभिज्ञ, गांव के लोग कोरोना की दूसरी लहर का खामियाजा भुगत रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह गांवों में शादी-विवाह और हरिद्वार कुंभ से आए लोगों को माना जा रहा है. गांवों में शादी-विवाह, मुंडन और तेरहवीं जैसे इवेंट सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं. सरकार द्वारा शादियों को रोकने और मेहमानों की संख्या सीमित करने जैसे सख्त कदम उठाए गए, लेकिन लोग कोविड प्रोटोकाल की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.

गांवों में शादी समारोह बेरोकटोक जारी हैं, यहां कोरोना प्रोटोकाल का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा.

भारत गांवों का देश है. एक बड़ी आबादी गांवों में ही बसती है. लेकिन शिक्षा और जागरूकता के अभाव में यहां के लोग कोरोना के कहर के तेजी से शिकार हो रहे हैं. यहां तक कि कुछ लोग कोरोना जैसी बीमारी को मानने से ही इंकार कर दे रहे हैं. मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की ही एक घटना देख लीजिए. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित एक युवक अपने गांव में हो रही एक शादी समारोह में शामिल हुआ. इस दौरान उसने लोगों को भोजन परोसा और अगले दिन बारात में उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के भी एक गांव में गया. बैंड-बाजे की धुन पर सबके साथ जमकर नाचा. दूल्हा-दूल्हन के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. यहां भी वह कई लोगों के संपर्क में आया.

इसके कुछ दिन बाद गांव में कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. लोगों ने जांच कराई तो 60 में 40 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. इसके बाद पूरे गांव को सील कर बाकी लोगों की भी जांच की जा रही है. देश में यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है. इसी तरह तेलंगाना के निजामाबाद में हुई एक शादी में शामिल होने वाले करीब 87 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया. यहां भी वही हुआ, एक गांव में आजोयित शादी-समारोह में करीब 400 लोगों ने हिस्सा लिया. सबने जमकर दावत का लुत्फ उठाया. जब लोगों की तबियत खराब होनी शुरू हुई, तो जांच कराया, जिसमें 87 लोग कोरोना के शिकार हो गए. बचे लोगों की जान हलक में अटकी है.

गांवों में फैल रहे कोरोना संक्रमण की सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि यहां बच्चे इसके शिकार ज्यादा हो रहे हैं. बिहार के सीतामढ़ी के कई गांवों का दौरा कर चुके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि गांवों में ज्यादातर संक्रमण के मामले 25 साल से कम उम्र के लोगों के हैं. यहां तक कि कोविड-19 ने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को भी नहीं बख्शा है. एक रैंडम कोविड टेस्ट ड्राइव के दौरान 12 वर्षीय लड़की को कोरोना संक्रमित पाया गया. वह लड़की लगातार शादी समारोह में जा रही थी. ग्रामीणों ने भी बताया कि संक्रमित लड़की हाल ही में किसी शादी समारोह में दूसरे गांव गई थी, जहां से उसे वायरस हो सकता है. फिलहाल वो आइसोलेट है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि गांवों में इस वक्त विवाह समारोह बेरोकटोक जारी हैं. यहां कोरोना प्रोटोकाल का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता. इस वजह से सुपर स्प्रेडर इवेंट बन गए हैं. यहां तक कि टियर-2 शहरों में भी कुछ प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नियम नहीं है. हालांकि, कुछ जगहों पर जहां कोरोना संक्रमण की वजह से हालत खराब हो चुकी है, वहां के लोग भीड़भाड़ या शादी समारोह में जाने से बच रहे हैं. कई लोगों ने तो कभी सपने में भी सोचा नहीं था कि उनकी शादी का दिन ऐसा वीरान नजर आएगा. लेकिन कोविड के प्रसार के कारण शहरों और कस्बों में दहशतजदा लोग अब शादियों से दूर रह रहे हैं.

गांवों की हालत देखते हुए केंद्र ने सभी राज्यों से अभियान चलाकर मरीजों की पहचान और उनके इलाज की बात कही है. सरकार ने गांवों के लिए अलग से कोविड गाइडलाइन जारी की है, ताकि कोरोना का संक्रमण रोका जा सके. इस गाइडलाइन के मुताबिक, आशा कार्यकर्ताओं को जुकाम-बुखार की मॉनिटरिंग और संक्रमित मामलों में कम्युनिटी हेल्थ अफसर को फोन पर केस देखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा एएनएम को भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की ट्रेनिंग दिए जाने की बात कही गई है. स्वास्थ्य केंद्रों पर टेस्ट किए जाने के बाद मरीज को तब तक आइसोलेट होने की सलाह दी गई, जब तक उनकी टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती.

बताते चलें कि इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार थोड़ी कम होती हुई नजर आ रही है. बीते 24 घंटे में 2 लाख 81 हजार कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इस दौरान 4092 लोगों की मौत हो गई है. 10 से 16 मई के बीच करीब 23 लाख संक्रमितों की पहचान हुई. यह आंकड़ा पिछले 3 हफ्ते में सबसे कम है. इससे पहले 26 अप्रैल से 2 मई के बीच 26.13 लाख और 3-9 मई के बीच 27.42 लाख संक्रमितों की पहचान हुई थी. पिछले हफ्ते 28266 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा एक हफ्ते में हुई मौत के मामले में दुनिया में सबसे ज्यादा है. इससे पहले अमेरिका में 11 से 17 जनवरी के बीच 24282 लोगों की मौत हुई थी.




इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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