• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

Bandra में हुए हंगामे के लिए विनय दुबे कितना दोषी?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 15 अप्रिल, 2020 09:08 PM
  • 15 अप्रिल, 2020 09:08 PM
offline
मुंबई (Mumbai ) में मजदूरों (Labourers) को सड़क पर लाने का जिम्मेदार विनय दुबे (Vinay Dubey ) को मन गया है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार (Arrest ) किया है. विनय ने इन सब के लिए अपनी सोशल मीडिया (Social Media ) प्रोफाइल का इस्तेमाल किया है. बताया जा रहा है कि भड़काऊ पोस्ट देखकर ही लॉकडाउन (Lockdown ) के वक़्त मजदूर सड़क पर आए.

अलग अलग सोशल मीडिया टूल जैसे फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter), इंस्टाग्राम (Instagram) को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लेना आसान है मगर जब इनका इस्तेमाल हो तो सावधानी का विशेष ध्यान रखा जाए वरना स्थिति गफ़लत वाली हो सकती है. अगर व्यक्ति अनाड़ी है तो सोशल मीडिया टूल बंदर के हाथ में उस्तरा की कहावत को चरितार्थ करते हैं और अनर्थ हो जाता है और हालात ठीक वैसे होते हैं जैसे लॉकडाउन (Lockdown) के वक़्त मुंबई (Mumbai) के बांद्रा (Bandra ) स्टेशन पर हुए. मुंबई में सोशल मीडिया के जरिये अफवाह उड़ी. लोग सड़कों पर आए. हालात बेकाबू हुए और पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. हालात खराब थे इसलिए पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया और 1000 के आस पास लोगों पर दंगा भड़काने के लिए मुकदमे दर्ज किए और विनय दुबे (Vinay  Dubey) नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

माना जा रहा है कि विनय दुबे के वायरल संदेश के बाद ही मुंबई में मजदूरों की भीड़ सड़कों पर आई

पुलिस का मानना है कि आरोपी विनय ने ही प्रवासी मजदूरों को उकसाया, जिसकी वजह से मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जमा हो गई जिससे हालात बेकाबू हो गए. ध्यान रहे ये सब तब हुआ जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को नाम दिए अपने संबोधन में लॉक डाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया.

अपनी बात रखने के लिए विनय ने किया सोशल मीडिया का इस्तेमाल

शुरुआती जांच में सामने आया है कि बांद्रा में हुए इस मामले में सोशल मीडिया विशेषकर फेसबुक की एक बड़ी भूमिका थी. अपनी बात कहने के लिए विनय ने फेसबुक का सहारा लिया. विनय ने अपने फेसबुक पेज पर जो बातें कहीं हैं साफ तौर पर वो उसके मंसूबे बताती नजर आ रही हैं.अपने को मजदूरों का हिमायती बताने वाले विनय ने खराब हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार और...

अलग अलग सोशल मीडिया टूल जैसे फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter), इंस्टाग्राम (Instagram) को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लेना आसान है मगर जब इनका इस्तेमाल हो तो सावधानी का विशेष ध्यान रखा जाए वरना स्थिति गफ़लत वाली हो सकती है. अगर व्यक्ति अनाड़ी है तो सोशल मीडिया टूल बंदर के हाथ में उस्तरा की कहावत को चरितार्थ करते हैं और अनर्थ हो जाता है और हालात ठीक वैसे होते हैं जैसे लॉकडाउन (Lockdown) के वक़्त मुंबई (Mumbai) के बांद्रा (Bandra ) स्टेशन पर हुए. मुंबई में सोशल मीडिया के जरिये अफवाह उड़ी. लोग सड़कों पर आए. हालात बेकाबू हुए और पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. हालात खराब थे इसलिए पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया और 1000 के आस पास लोगों पर दंगा भड़काने के लिए मुकदमे दर्ज किए और विनय दुबे (Vinay  Dubey) नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

माना जा रहा है कि विनय दुबे के वायरल संदेश के बाद ही मुंबई में मजदूरों की भीड़ सड़कों पर आई

पुलिस का मानना है कि आरोपी विनय ने ही प्रवासी मजदूरों को उकसाया, जिसकी वजह से मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर लोगों की भीड़ जमा हो गई जिससे हालात बेकाबू हो गए. ध्यान रहे ये सब तब हुआ जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को नाम दिए अपने संबोधन में लॉक डाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया.

अपनी बात रखने के लिए विनय ने किया सोशल मीडिया का इस्तेमाल

शुरुआती जांच में सामने आया है कि बांद्रा में हुए इस मामले में सोशल मीडिया विशेषकर फेसबुक की एक बड़ी भूमिका थी. अपनी बात कहने के लिए विनय ने फेसबुक का सहारा लिया. विनय ने अपने फेसबुक पेज पर जो बातें कहीं हैं साफ तौर पर वो उसके मंसूबे बताती नजर आ रही हैं.अपने को मजदूरों का हिमायती बताने वाले विनय ने खराब हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार और उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहराया है.

साथ ही उसने ये भी कहा था कि महाराष्ट्र में रह रहे प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों पर यदि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे गंभीर नहीं हुए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और 20 अप्रैल की सुबह मुंबई से कूच करते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ आया जाएगा.

इस मुहिम में लोग ज्यादा से ज्यादा साथ आ सकें इसके लिए विनय ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया था और लोगों से आग्रह किया था कि वो उसे व्हाट्सएप के जरिये बताएं कि उसकी इस मुहिम में कौन कौन उसके साथ है.माना जा रहा है कि विनय का संदेश जिस तेजी के साथ व्हाट्सएप फेसबुक समेत दीगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैले, उन्होंने ही लोगों को सड़क पर आने के लिए बाध्य किया.

बता दें कि विनय अपने सोशल मीडिया पेज पर बीते कुछ दिनों से इस संबंध में पोस्ट कर रहा था और लोगों को भड़काने का काम कर रहा था. अपने पोस्ट में उसने इस बात को स्वीकारा था कि यदि सरकार लोगों को घर पहुंचाने का काम नहीं करती है तो वो देशव्यापी आंदोलन करेगा.विनय का एक वीडियो और सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहा है इस वीडियो में विनय ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों की जिंदगी के बारे में बिना सोचे देश में लॉकडाउन का फैसला लिया है.

विनय ने सरकार से आग्रह किया था कि मुंबई में फंसे लोगों के लिए रेल सेवा शुरू की जाए ताकि मजदूर वापस अपने घरों की ओर लौट सकें.

विनय और उसके आंदोलन के बारे में तमाम बातें पता चल चुकी हैं ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि ये व्यक्ति है कौन? यदि इसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल का अवलोकन किया जाए तो पता चलता है कि विनय एक सामाजिक कार्यकर्ता है जिसकी राजनीतिक पहुंच भी अच्छी है और जो उत्तर भारतीयों विशेषकर निचले तबके में अपनी गहरी पैठ रखता है.

फिलहाल पुलिस ने विनय को गिरफ्तार कर लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने विनय पर हजारों लोगों को गुमराह करने के लिए एपिडेमिक एक्ट की धारा 3 और आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया है.

बहरहाल एक ऐसे समय में जब देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हो और देश के प्रधानमंत्री सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा भीड़ से बचने की बात कह रहे हों विनय ने जो किया वो पाप की श्रेणी में रखा जाएगा. इस मामले में अफ़वाह ने बेवकूफी का रूप लिया है और अब फैसला इस देश की जनता को करना है कि विनय दुबे जैसे नियम तोड़ने वाले लोगों को क्या और कितनी सजा मिलनी चाहिए.

ये भी पढ़ें -

Bandra में एक अफवाह और ओछी राजनीति ने सब कबाड़ा कर दिया!

Coronavirus का असर- भारतीय अर्थव्यवस्था को चीनी सहारा

Lockdown 2 में आएगा लोगों का रिपोर्ट कार्ड

  


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲