• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

शराब और मांसाहार के बिना तड़प उठे लोग जान देने पर उतारू !

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 14 अप्रिल, 2020 11:14 AM
  • 14 अप्रिल, 2020 11:14 AM
offline
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के मद्देनजर सब से ज्यादा विचलित वो लोग हैं जो शराब (Liquor) और मांसाहार (Non-veg) का सेवन करते थे. चूंकि सब कुछ बंद है तो ये लोग ऐसी ऐसी हरकत कर रहे हैं जो न सिर्फ इनके लिए बल्कि पूरे समाज की सेहत को प्रभावित करती नजर आ रही है.

अब इसे डर कहें या सावधानी लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते अपने अपने घरों में बंद हैं और परेशान हैं. इनमें भी वो लोग जो नशेबाज हैं उनकी चुनौती दूसरी है. लॉकडाउन (Lockdown) को 13 दिन बीच चुके हैं. 8 दिन अब भी बाक़ी हैं.ऐसे में चाहे वो शराब हो या फिर गुटखा और सिगरेट नशेबाजों को इन चीजों को लेने के लिए तमाम तरह के पापड़ बोलने पड़ रहे हैं. हालात कुछ ऐसे हैं कि किसी भी तरह की नशे की आदत करने वाले लोगों को अपना घर नशा मुक्ति केंद्र लगने लगा है. नशे की दीवानगी किस हद तक आदमी की मति भ्रष्ट कर देती है इसे समझना हो तो हम तमिलनाडु (Tamilnadu) का रुख कर सकते हैं.यहां शराब (Alcohol) न मिल पाने के कारण तीन व्यक्ति इतना विचलित हो गए कि उन्होंने अपने नशे की प्यास बुझाने के लिए पेंट और वार्निश पी लिया जिसके चलते उनकी मौत हो गई.

लॉक डाउन के कारण शराब और मांसाहार नहीं मिल रहा है जिस कारण घर में बंद लोग एक अलग ही चुनौती का सामना कर रहे हैं

बता दें कि पूरे देश के साथ साथ तमिलनाडु में भी शराब की दुकानें बंद हैं जिस कारण लोग खासे बेचैन हैं. लोग अपने नशे को पूरा करने के लिए ऐसी ऐसी हरकत कर रहे हैं जो न सिर्फ उनकी खुद की जान को जोखिम में डाल रही है. बल्कि उससे हर वो व्यक्ति हैरत में है जिस जिस के पास ये जानकारी जा रही है.

ज्ञात हो कि तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में रविवार को शिवशंकर, प्रदीप और शिवारमन को भर्ती कराया गया. यह तीनों उल्टियां कर रहे थे. बताया जा रहा है कि तीनों को शराब की लत थी. शराब न मिलने पर तीनों ने वार्निश पी लिया और तीनों के ही प्राण पखेरू उड़ गए. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

शुरुआती जांच में कुछ दिलचस्प चीजें निकल कर सामने आई हैं.पुलिस को पता चला कि तीनों ही व्यक्ति बुरी तरह से शराब के लती थे और...

अब इसे डर कहें या सावधानी लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते अपने अपने घरों में बंद हैं और परेशान हैं. इनमें भी वो लोग जो नशेबाज हैं उनकी चुनौती दूसरी है. लॉकडाउन (Lockdown) को 13 दिन बीच चुके हैं. 8 दिन अब भी बाक़ी हैं.ऐसे में चाहे वो शराब हो या फिर गुटखा और सिगरेट नशेबाजों को इन चीजों को लेने के लिए तमाम तरह के पापड़ बोलने पड़ रहे हैं. हालात कुछ ऐसे हैं कि किसी भी तरह की नशे की आदत करने वाले लोगों को अपना घर नशा मुक्ति केंद्र लगने लगा है. नशे की दीवानगी किस हद तक आदमी की मति भ्रष्ट कर देती है इसे समझना हो तो हम तमिलनाडु (Tamilnadu) का रुख कर सकते हैं.यहां शराब (Alcohol) न मिल पाने के कारण तीन व्यक्ति इतना विचलित हो गए कि उन्होंने अपने नशे की प्यास बुझाने के लिए पेंट और वार्निश पी लिया जिसके चलते उनकी मौत हो गई.

लॉक डाउन के कारण शराब और मांसाहार नहीं मिल रहा है जिस कारण घर में बंद लोग एक अलग ही चुनौती का सामना कर रहे हैं

बता दें कि पूरे देश के साथ साथ तमिलनाडु में भी शराब की दुकानें बंद हैं जिस कारण लोग खासे बेचैन हैं. लोग अपने नशे को पूरा करने के लिए ऐसी ऐसी हरकत कर रहे हैं जो न सिर्फ उनकी खुद की जान को जोखिम में डाल रही है. बल्कि उससे हर वो व्यक्ति हैरत में है जिस जिस के पास ये जानकारी जा रही है.

ज्ञात हो कि तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में रविवार को शिवशंकर, प्रदीप और शिवारमन को भर्ती कराया गया. यह तीनों उल्टियां कर रहे थे. बताया जा रहा है कि तीनों को शराब की लत थी. शराब न मिलने पर तीनों ने वार्निश पी लिया और तीनों के ही प्राण पखेरू उड़ गए. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

शुरुआती जांच में कुछ दिलचस्प चीजें निकल कर सामने आई हैं.पुलिस को पता चला कि तीनों ही व्यक्ति बुरी तरह से शराब के लती थे और बीते कई दिनों से उन्हें शराब नहीं मिली थी. अपनी लत को दूर करने के लिए तीनों ही व्यक्ति साथ बैठे और पेंट वार्निश को पानी में मिलाया और पी गए. पीने के बाद तीनों उल्टी करने लगे. हालात बिगड़ने में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां तीनों की मौत हो गई.

तमिलनाडु की ही तरह पूर्व में केरल में भी ऐसे ही मामले सामने आए थे. बीते दिनों केरल में शराब ना मिल पाने के कारण लोग आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो गए.मामले का संज्ञान खुद राज्य सरकार ने लिया और आदेश पारित किया कि व्यक्ति शराब तभी पी सकता है जब डॉक्टर, सर्टिफिकेट दे हालांकि, राज्य सरकार के इस आदेश पर केरल हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

दक्षिण से ही मिलता जुलता हाल उत्तर का भी है. उत्तर भारत में भी शराबी हैं और ये भी उतने ही बेचैन हैं जितने दक्षिण के शराबी. ये भी अपनी लत को पूरा करने के लिए तमाम तरह की जुगत भिड़ा रहे हैं. दिमाग किस हद तक भिड़ाया जा रहा है इसे हम उस गिरफ्तारी से समझ सकते हैं जो दिल्ली में हुई है. दिल्ली पुलिस ने बॉबी नाम के व्यक्ति को पकड़ा है. बॉबी पर आरोप है कि वो दूध की 4 टंकियों में शराब लेकर जा रहा था. बॉबी शराब गुड़गावं से लेकर आया था और उसे ये पूरा माल गाज़ियाबाद में डिलीवर करना था.

ये तो हो गयी शराबियों और नशाखोरों की बात कुछ ऐसा ही हाल उनका है तो मांसाहारी या नॉन वेज है. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच ऐसी तमाम दुकानें जो मांस बेचती थीं बन्द है जिस कारण लोग बेचैन हैं और दोगुनी तीन गुनी कीमत पर मांस खरीदने को तैयार हैं.

सोशल मीडिया पर तमाम वो ग्रुप्स जो खाने पीने और फूडीज को समर्पित हैं उनमें लगातार ऐसी क्वेरी आ रही हैं जिनमें लोग एक दूसरे से मांस को लेकर बात कर रहे हैं. लोगों का मत है कि जितनी दुश्वारी उन्हें लॉक डाउन से नहीं हो रही उससे ज्यादा परेशानी उन्हें नॉन वेज के न मिलने से हो रही है.

जनता नॉनवेज न मिलने से इतनी बेचैन है कि वो सोशल मीडिया पर भी औरों से सलाह मांग रही है कि क्या किया जाए? लोग ये तक पूछ रहे हैं कि क्या संकट के इस समय कबूतर जैसे जीवों का शिकार किया जा सकता है?

बहरहाल जैसी हालत हम शराबियों और मांसाहारियों की देख रहे हैं उसके बाद ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि हमारे आपके विपरीत लॉकडाउन खुलने की सबसे ज्यादा जल्दबाजी इन लोगों को है. ये लोग बस यही चाह रहे हैं कि कैसे भी करके 21 दिन पूरे हों और ये लोग अपने मन का कर पाएं जो इन्हें तृप्त कर सके. देखना दिलचस्प रहेगा कि सरकार इनकी इच्छा की पूर्ति करती है या नहीं.

ये भी पढ़ें -

Coronavirus: इंसानों ने बाघ को भी नहीं बख्शा!

Markazi Jamaat वालों ने तो वाक़ई पूरे देश को खतरे में डाल दिया है!

Tablighi Jamaat ने नंगे होकर व्यवस्था की बड़ी ख़ामियों पर पर्दा डाल दिया!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲