कोरोना की मौजूदा सुनामी का असर ब्लूमबर्ग की ताजा रैंकिंग में दिखा है. कुछ हफ़्तों में बेतहाशा बढ़े मामलों, कमजोर टीकाकरण, और दूसरी तमाम वजहों से महामारी के मौजूदा दौर में भारत दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों की लिस्ट में बहुत नीचे खिसक कर पाकिस्तान के करीब 30वें पायदान पर पहुंच गया है. पाकिस्तान मामूली सुधार के साथ 35वें पायदान पर है. इससे पहले 53 महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था वाले देशों की सूची में भारत 10वें पायदान पर था. हालांकि ब्लूमबर्ग को उम्मीद है कि कोरोना से जंग में प्रयासों की वजह से डेटा फिर शिफ्ट होंगे और रैंकिंग पर भी उनका असर दिखेगा. लेकिन यह भी साफ कहा है कि बेहतर स्थिति में नजर आने वाले आर्थिक विकास की दिशा में बहुत आगे बढ़ेंगे.
पिछले साल नवंबर में ब्लूमबर्ग ने Covid Resilience Ranking जारी की थी. कोरोना महामारी में उससे निपटने के लिहाज से कौन सा देश कितना सुरक्षित हैं, इसे रैंकिंग का आधार बनाया गया था. ब्लूमबर्ग ने लगातार नए डेटा को अपडेट कर रैंकिंग की है. अप्रैल अपडेट के लिहाज से भारत बेहद खराब स्थिति में है. कहना नहीं होगा कि महामारी की सुनामी वजह है.
ट्रेंड के आधार पर ब्लूमबर्ग ने महामारी के खात्मे के लिए सिर्फ टीकाकरण को अपर्याप्त बताया है. ब्लूमबर्ग ने कहा- चिली जैसे देश में एक तिहाई आबादी का टीकाकरण कर दिया गया, लेकिन दूसरी कमियों की वजह से उसकी हालत खराब बनी हुई है. चिली रैंकिंग में 36वें पायदान पर है.
महामारी में कौन सबसे सुरक्षित देश
सिंगापुर दुनिया का सबसे सुरक्षित देश बन गया है. जबकि न्यूजीलैंड दूसरे और ऑस्ट्रेलिया तीसरे पायदान पर है. सिंगापुर ने संक्रमण पर लगभग पूरी तरह से काबू पा लिया है. हालात पूरी तरह से काबू में होने की वजह से सिंगापुर को अंदर से खोल दिया गया है. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था रफ़्तार पकड़ रही है....
कोरोना की मौजूदा सुनामी का असर ब्लूमबर्ग की ताजा रैंकिंग में दिखा है. कुछ हफ़्तों में बेतहाशा बढ़े मामलों, कमजोर टीकाकरण, और दूसरी तमाम वजहों से महामारी के मौजूदा दौर में भारत दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों की लिस्ट में बहुत नीचे खिसक कर पाकिस्तान के करीब 30वें पायदान पर पहुंच गया है. पाकिस्तान मामूली सुधार के साथ 35वें पायदान पर है. इससे पहले 53 महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था वाले देशों की सूची में भारत 10वें पायदान पर था. हालांकि ब्लूमबर्ग को उम्मीद है कि कोरोना से जंग में प्रयासों की वजह से डेटा फिर शिफ्ट होंगे और रैंकिंग पर भी उनका असर दिखेगा. लेकिन यह भी साफ कहा है कि बेहतर स्थिति में नजर आने वाले आर्थिक विकास की दिशा में बहुत आगे बढ़ेंगे.
पिछले साल नवंबर में ब्लूमबर्ग ने Covid Resilience Ranking जारी की थी. कोरोना महामारी में उससे निपटने के लिहाज से कौन सा देश कितना सुरक्षित हैं, इसे रैंकिंग का आधार बनाया गया था. ब्लूमबर्ग ने लगातार नए डेटा को अपडेट कर रैंकिंग की है. अप्रैल अपडेट के लिहाज से भारत बेहद खराब स्थिति में है. कहना नहीं होगा कि महामारी की सुनामी वजह है.
ट्रेंड के आधार पर ब्लूमबर्ग ने महामारी के खात्मे के लिए सिर्फ टीकाकरण को अपर्याप्त बताया है. ब्लूमबर्ग ने कहा- चिली जैसे देश में एक तिहाई आबादी का टीकाकरण कर दिया गया, लेकिन दूसरी कमियों की वजह से उसकी हालत खराब बनी हुई है. चिली रैंकिंग में 36वें पायदान पर है.
महामारी में कौन सबसे सुरक्षित देश
सिंगापुर दुनिया का सबसे सुरक्षित देश बन गया है. जबकि न्यूजीलैंड दूसरे और ऑस्ट्रेलिया तीसरे पायदान पर है. सिंगापुर ने संक्रमण पर लगभग पूरी तरह से काबू पा लिया है. हालात पूरी तरह से काबू में होने की वजह से सिंगापुर को अंदर से खोल दिया गया है. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था रफ़्तार पकड़ रही है. स्कूल खुल चुके हैं लोग दफ्तरों में जा रहे हैं. हालांकि वहां अब भी मास्किंग और सोशल डिस्टेंशिंग के नियम सख्ती से फ़ॉलो किए जा रहे हैं. ब्लूमबर्ग ने सिंगापुर के टीकाकरण, लॉकडाउन, सीमाओं पर अंकुश और सख्त क्वारंटीन के नियमों की तारीफ़ की है.
महामारी से निपटने में दुनिया से भारत को मिल रहा फ़ॉर्मूला
ब्लूमबर्ग के इंडेक्स में दिसंबर के बाद भारत लगातार ऊपर की ओर जा रहा था. यहां तक कि फरवरी (करीब 25 तारीख तक) में महामारी के दोबारा सिर उठाने तक भी भारत की रफ़्तार बेहतर थी. मगर इसके बाद देश पूरी तरह से खुलने लगा, कोरोना के नियमों का उल्लंघन होने लगा, बड़े सार्वजनिक जलसे होने लगे. इसी दौरान टीकाकरण की रफ़्तार कमजोर होने की खबरें आईं और बहुत तेजी से संक्रमण ने अलग-अलग इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया. दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों की हालत तो खराब ही हुई, तमाम छोटे शहर भी बदतर हालत में पहुंच गए.
इंडेक्स में साफ़ दिख रहा है कि 25 फरवरी के बाद भारत की हालत लगातार खराब होती गई और वो लुढ़कर 30वें पायदान पर चला गया. अभी भी हालत खराब ही नजर आ रही है. भारत में संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि जारी है. पिछले 24 घंटों में 3.86 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि 3,498 लोगों की मौतें हुई हैं. उधर, फरवरी से अप्रैल के दौरान इस्रायल और अमेरिका जैसे देशों में जबरदस्त सुधार दिखा.
इंडेक्स में इस्रायल समेत जो भी देश ऊपर नजर आ रहे हैं उन्होंने अपनी आबादी के बहुत बड़े हिस्से का टीकाकरण तो किया ही है विदेशी आवागमन और कोरोना के लिहाज से अभी भी सख्त नियम फॉलो किए जा रहे हैं. सुधार वाले देशों में आम जीवन पटरी पर लौटने के साथ ही उनकी अर्थव्यवस्था में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है. सिंगापुर, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में नए वेरियंट को घुसने से रोकने के लिए आब्रजन नियमों की तारीफ़ की गई है. साफ है कि कोरोना से लड़ाई में भारत को टीकाकरण के अलावा दूसरे सख्त कदम भी उठाने होंगे. ब्लूमबर्ग ने मौजूदा हालत में भारत में टीकाकरण और संक्रमण रोकने के प्रयासों को अपर्याप्त बताया है. 53 देशों की रैंकिंग में पांच सबसे खराब देशों में ब्राजील, पोलैंड, अर्जेंटीना, कोलंबिया ईरान और मैक्सिको शामिल है.
महामारी की सुनामी में भारत के लिए बड़े सबक
-टीकाकरण के साथ ही टेस्टिंग/ट्रेकिंग की रफ़्तार बढ़ानी होगी.
-इसके लिए टीकों के उत्पादन, आयात और सप्लाई को बेहतर करना होगा.
-ट्रैवल (विदेशी और घरेलू) के नियम ज्यादा सख्त बनाने होंगे.
-क्वारंटीन के नियमों को सख्ती से लागू करना होगा.
-मास्किंग/सोशल डिस्टेशिंग के लिए बेहतर जनभागीदारी चाहिए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.