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कर्मठ कर्मचारी, दिलदार बॉस, अनूठा ईनाम... और एक वायरल कहानी

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 19 जुलाई, 2018 08:57 PM
  • 19 जुलाई, 2018 08:57 PM
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अमेरिका के अलाबामा में एक शख्स की कार खराब हो गई तो वह पैदल ही घर से निकल पड़ा और 32 किलोमीटर का सफर तय करके ऑफिस पहुंचा. जब बॉस को ये सब पता चला तो उसने जो किया, वो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.

आपकी कार या बाइक खराब हो जाए और ऑफिस जाने में दिक्कत हो तो अधिकतर लोग बॉस को फोन कर के यही कहेंगे कि 'ऑफिस नहीं आ सकता' या 'ऑफिस आने में देर होगी'. लेकिन अमेरिका के अलाबामा में ऐसी दिक्कतें भी एक शख्स को ऑफिस जाने से नहीं रोक सकीं. वह पैदल ही घर से निकल पड़ा और 32 किलोमीटर पैदल चलकर ऑफिस जा पहुंचा. एक एंप्लॉई होने के नाते उसने तो अपनी निष्ठा और ईमानदारी का परिचय दे दिया, लेकिन अब बारी थी बॉस की. जब बॉस को ये सब पता चला तो उसने जो किया, वो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. लोग न सिर्फ 32 किलोमीटर चलने वाले एंप्लॉई की तारीफ कर रहे हैं, बल्कि उसके बॉस की भी सराहना कर रहे हैं.

बॉस ने तोहफे में दे दी अपनी कार

यह कहानी है अलाबामा के वाल्टर कार्र की, जिन्हें पेल्हम स्थित Bellhops कंपनी में नौकरी मिली थी, जो पैकर्स मूवर्स का बिजनेस करती है. पहले ही दिन उनकी कार ने धोखा दे दिया, लेकिन कभी अमेरिकी मरीन में रह चुके वॉल्टर को ये चुनौती भी ऑफिस जाने से नहीं रोक सकी. वह एक दिन पहले शाम को ही घर से ऑफिस के लिए निकल पड़े और 32 किलोमीटर की दूरी करीब 7 घंटे में पूरी करते हुए सुबह 4 बजे ही ऑफिस जा पहुंचे. वहां से गुजरती पुलिस ने जब एक बेहाल से शख्स को अकेले बैठे देखा तो पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें वॉल्टर के संघर्ष का पता चला. वह पुलिस वाला वॉल्टर से इतना प्रभावित हुआ कि उसे नाश्ता कराया और फिर वापस उसके गंतव्य तक छोड़ा भी. जब ये बात वॉल्टर के बॉस को पता चली को अपने एंप्लॉई की निष्ठा देखते हुए उन्होंने अपनी कार ही उस एंप्लॉई को गिफ्ट में दे दी. उस कार के मिलने की खुशी में वॉल्टर हैरान भी हुए और खुश भी. अब एंप्लॉई को कार गिफ्ट करने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

आपकी कार या बाइक खराब हो जाए और ऑफिस जाने में दिक्कत हो तो अधिकतर लोग बॉस को फोन कर के यही कहेंगे कि 'ऑफिस नहीं आ सकता' या 'ऑफिस आने में देर होगी'. लेकिन अमेरिका के अलाबामा में ऐसी दिक्कतें भी एक शख्स को ऑफिस जाने से नहीं रोक सकीं. वह पैदल ही घर से निकल पड़ा और 32 किलोमीटर पैदल चलकर ऑफिस जा पहुंचा. एक एंप्लॉई होने के नाते उसने तो अपनी निष्ठा और ईमानदारी का परिचय दे दिया, लेकिन अब बारी थी बॉस की. जब बॉस को ये सब पता चला तो उसने जो किया, वो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. लोग न सिर्फ 32 किलोमीटर चलने वाले एंप्लॉई की तारीफ कर रहे हैं, बल्कि उसके बॉस की भी सराहना कर रहे हैं.

बॉस ने तोहफे में दे दी अपनी कार

यह कहानी है अलाबामा के वाल्टर कार्र की, जिन्हें पेल्हम स्थित Bellhops कंपनी में नौकरी मिली थी, जो पैकर्स मूवर्स का बिजनेस करती है. पहले ही दिन उनकी कार ने धोखा दे दिया, लेकिन कभी अमेरिकी मरीन में रह चुके वॉल्टर को ये चुनौती भी ऑफिस जाने से नहीं रोक सकी. वह एक दिन पहले शाम को ही घर से ऑफिस के लिए निकल पड़े और 32 किलोमीटर की दूरी करीब 7 घंटे में पूरी करते हुए सुबह 4 बजे ही ऑफिस जा पहुंचे. वहां से गुजरती पुलिस ने जब एक बेहाल से शख्स को अकेले बैठे देखा तो पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें वॉल्टर के संघर्ष का पता चला. वह पुलिस वाला वॉल्टर से इतना प्रभावित हुआ कि उसे नाश्ता कराया और फिर वापस उसके गंतव्य तक छोड़ा भी. जब ये बात वॉल्टर के बॉस को पता चली को अपने एंप्लॉई की निष्ठा देखते हुए उन्होंने अपनी कार ही उस एंप्लॉई को गिफ्ट में दे दी. उस कार के मिलने की खुशी में वॉल्टर हैरान भी हुए और खुश भी. अब एंप्लॉई को कार गिफ्ट करने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

इस कहानी की तीसरी हीरो हैं जेनी हेडन

इस कहानी को दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका जेनी की है. उन्होंने ही इस कहानी को फेसबुक पर डाला, जिसके बाद पूरी दुनिया में यह फैलने लगी. इसी पोस्ट के बाद वॉल्टर के बॉस को ये पता चला कि वह 32 किमी. पैदल चलकर ऑफिस पहुंचा था. जेनी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह सुबह-सुबह उठकर पैकिंग के लिए तैयार ही हो रही थीं कि 6.30 बजे दरवाजे की घंटी बजी. दरवाजे पर एक पुलिस अधिकारी था, जो वॉल्टर के साथ था. उसने कहा कि ये 'प्यारा बच्चा' उन्हें पेहलाम में बैठा मिला, जो घर बदलने में उनकी मदद करेगा. दरअसल, ये Bellhops कंपनी में उसका पहला दिन था. उस दिन पुलिसवाले से ही जेनी को वॉल्टर की कहानी पता चली. जेनी ने वॉल्टर को कुछ देर आराम करने के लिए भी कहा, लेकिन कंपनी की टीम के अन्य लोगों के पहुंचने से पहले ही उसने जेनी की मदद करना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने यह कहानी फेसबुक पर शेयर कर दी और जब वॉल्टर के बॉस ने वो देखा तो उसे अपनी कार ही गिफ्ट कर दी.

कहते हैं किस्मत हर किसी का दरवाजा जरूर खटखटाती है, लेकिन परीक्षा भी लेती है. कुछ ऐसा ही हुआ है वॉल्टर के केस में. अगर वॉल्टर ने उस दिन गाड़ी खराब होने की बात कह दी होती तो भी उसकी नौकरी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हर कोई समझता है कि गाड़ी खराब होने से ऑफिस पहुंचने में दिक्कत होती ही है. लेकिन वॉल्टर ने हर हाल में ऑफिस पहुंचने का फैसला किया. अपनी नौकरी के लिए इतनी निष्ठा और संघर्ष किसी का भी दिल जीतने के लिए काफी है, लेकिन अगर बॉस दिलदार हो तो कहने ही क्या. एक दिन की नौकरी में जितना कुछ वॉल्टर को मिला, शायद ही किसी एंप्लॉई को मिला होगा. इसके लिए 32 किलोमीटर पैदल चल कर ऑफिस पहुंचने वाला एंप्लॉई और उसकी निष्टा की कद्र करते हुए अपनी ही कार उसे गिफ्ट दे देने वाला बॉस, दोनों ही तारीफ के काबिल हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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