• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

राजस्थान में अशोक गहलोत की बजट बाजीगरी

    • प्रभुनाथ शुक्ला
    • Updated: 15 फरवरी, 2023 01:47 PM
  • 15 फरवरी, 2023 01:47 PM
offline
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक सधे हुए 'पॉलिटिकल मैजिक मैन' हैं. राजस्थान के आम बजट में उन्होंने राज्य के सभी वर्गों को साधने का काम किया है. बजट में उन्होंने आम आदमी की जेब का विशेष ख्याल रखा है. वैसे तो यह राज्य का वित्त बजट है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एक सधे हुए 'पॉलिटिकल मैजिक मैन' हैं. राजस्थान के आम बजट में उन्होंने राज्य के सभी वर्गों को साधने का काम किया है. बजट में उन्होंने आम आदमी की जेब का विशेष ख्याल रखा है. वैसे तो यह राज्य का वित्त बजट है, लेकिन इसका सीधा सरोकार होने वाली विधानसभा चुनाव से है. राजस्थान की सत्ता में दोबारा वापसी के लिए उन्होंने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है.

गहलोत के जादुवी बजट से यह साबित होता है कि राजस्थान का आम चुनाव मोदी बनाम अशोक गहलोत होगा. क्योंकि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, अन्नपूर्णा योजना, किसानों को मुफ्त बिजली, उज्जवला योजना में सस्ती गैस जैसी सुविधाएं भाजपा के फ्री राशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और सुशासन की काट हैं. निश्चित रूप से राजस्थान की जनता पर इसका सीधा असर पड़ेगा. क्योंकि राज्य के आम बजट में आम आदमी का खासा ख्याल रखा गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राज्य का आम चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा, क्योंकि एक तरफ सत्ता में दोबारा वापसी के लिए जहां सारे प्रयोग करने पड़ेंगे. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी से उन्हें लड़ना पड़ेगा. लेकिन इन सब के बावजूद स्वयं उन्हें कांग्रेस से लड़ना पड़ेगा, क्योंकि पार्टी में ही सचिन पायलट उनके धुर राजनीतिक विरोधी रहे हैं. उनकी नाराज़गी और बगावती तेवर कई बार सड़क पर आ चुके हैं. भाजपा कांग्रेस की इस अंदरूनी फूट का लाभ उठाना चाहेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राज्य का आम चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दौरा भी कर चुके हैं और वहां उन्होंने जनसभाओं के जरिए राज्य की नब्ज टटोलने की कोशिश की है. कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कैसे तालमेल बिठाएंगी यह भी एक बड़ा सवाल है....

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एक सधे हुए 'पॉलिटिकल मैजिक मैन' हैं. राजस्थान के आम बजट में उन्होंने राज्य के सभी वर्गों को साधने का काम किया है. बजट में उन्होंने आम आदमी की जेब का विशेष ख्याल रखा है. वैसे तो यह राज्य का वित्त बजट है, लेकिन इसका सीधा सरोकार होने वाली विधानसभा चुनाव से है. राजस्थान की सत्ता में दोबारा वापसी के लिए उन्होंने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है.

गहलोत के जादुवी बजट से यह साबित होता है कि राजस्थान का आम चुनाव मोदी बनाम अशोक गहलोत होगा. क्योंकि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, अन्नपूर्णा योजना, किसानों को मुफ्त बिजली, उज्जवला योजना में सस्ती गैस जैसी सुविधाएं भाजपा के फ्री राशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और सुशासन की काट हैं. निश्चित रूप से राजस्थान की जनता पर इसका सीधा असर पड़ेगा. क्योंकि राज्य के आम बजट में आम आदमी का खासा ख्याल रखा गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राज्य का आम चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा, क्योंकि एक तरफ सत्ता में दोबारा वापसी के लिए जहां सारे प्रयोग करने पड़ेंगे. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी से उन्हें लड़ना पड़ेगा. लेकिन इन सब के बावजूद स्वयं उन्हें कांग्रेस से लड़ना पड़ेगा, क्योंकि पार्टी में ही सचिन पायलट उनके धुर राजनीतिक विरोधी रहे हैं. उनकी नाराज़गी और बगावती तेवर कई बार सड़क पर आ चुके हैं. भाजपा कांग्रेस की इस अंदरूनी फूट का लाभ उठाना चाहेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राज्य का आम चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दौरा भी कर चुके हैं और वहां उन्होंने जनसभाओं के जरिए राज्य की नब्ज टटोलने की कोशिश की है. कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कैसे तालमेल बिठाएंगी यह भी एक बड़ा सवाल है. लेकिन फिर भी राज्य में गहलोत की अपनी साख है. सियासी और करिश्माई व्यक्ति हैं. हालांकि राजस्थान में वह गांधी परिवार का भरोसा खोने के बावजूद भी सबसे अधिक भरोसेमंद दिखते हैं.

केंद्र की मोदी सरकार निश्चित रूप से महंगाई नियंत्रण करने में विफल रही है. रसोई गैस और बिजली जैसी सुविधा को फ्री कर मुख्यमंत्री ने आम आदमी को साधने की पूरी कोशिश की है. रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से लोग बेहद परेशान हैं. राजस्थान से सटे राज्य पंजाब और दिल्ली में केजरीवाल की फ्री बिजली योजना काफी कारगर रहीं है. जिसका असर गहलोत की राजनीति पर भी पड़ता दिखता है. आम आदमी के लिए राज्य सरकार ने जहाँ 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की है. वहीं किसानों एकदम मुफ्त बिजली मिलेगी. सरकार की सबसे बड़ी घोषणाओं में यह ख़ास है कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरी मिलेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम आदमी और किसानों के लिए विशेष रियायत दी है. किसानों को मुफ्त बिजली देने का भी उन्होंने ऐलान किया है. इसके तहत राज्य के 11 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे. इसके साथ किसानों को तीन हजार करोड़ का कर्ज भी दिया जाएगा जो ब्याज मुक्त होगा.

राजस्थान में लंपी बीमारी की वजह से लाखों गायों की मौत हुई है. जिसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जिन पशुपालकों की दो गायों की मौत हुई है उन्हें प्रति गाय 40-40 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा. अपने आप में यह बड़ी घोषणा है. कृषि कल्याण कोष के वित्त को भी बढ़ा दिया गया है. इसमें 50 फीसदी का इजाफा कर 7500 करोड़ कर दिया गया है. संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एक हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. निश्चित रूप से यह घोषणाएं किसानों के लिए वरदान साबित होंगी.

राज्य में अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए वर्तमान वित्त बजट को दोगुना कर दिया गया है. अभी तक लाभार्थियों को जहां ₹50 हजार मिलते थे अब सीधे एक लाख की मदद मिलेगी. इसके साथ ही युवाओं में स्किल डेवलपमेंट के लिए 500 करोड़ की योजना प्रस्तावित है. राज्य में अब एक से बारहवीं तक के छात्र- छात्राओं को मुफ्त शिक्षा मिलेगी.

राजस्थान की महिला आबादी पर भी विशेष ख्याल रखा गया है. राजकीय बसों में यात्रा पर 50 फ़ीसदी छूट मिलेगी. राज्य में साफ सफाई और स्वच्छता बनाए रखने के लिए 30 हजार युवाओं को नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा बुजुर्गों की सबसे बड़ी मासिक पेंशन योजना की धनराशि को दोगुना कर दिया गया है. पूर्व में जिसे 500 रुपए की मासिक पेंशन मिलती थीं अब उसे एक हजार रुपए मिलेंगे. ग्रामीण इलाकों में इंदिरा रसोईया और आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या भी बढ़ायी जाएगी.

अशोक गहलोत ने राज्य के गरीब परिवारों को सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा दी है. संभवत यह देश का इकलौता राज्य है जहाँ चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए की राशि मुफ्त इलाज के लिए उपलब्ध होगी. जबकि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत ₹5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है.

यह सुविधा राजस्थान के चुनिंदा निजी अस्पतालों में भी मिलेगी. इस योजना की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है. इसके अलावा उज्जवला योजना पर भी केंद्र की मोदी सरकार को हाशिए पर लिया है. राज्य के 76 लाख परिवारों को ₹500 में रसोई गैस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस पर ₹1500 करोड़ से अधिक का बजट आएगा. साथ ही एक करोड़ परिवारों को अन्नपूर्णा पैकेट भी वितरित किया जाएगा. यह खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत होगा. जिसमें दाल, चीनी, चावल नमक और मसाले होंगे. यह केंद्र की तरफ से मुफ्त अनाज योजना से अलग होगी.

भाजपा आमतौर पर राज्यों का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरों को आगे रखकर लड़ती है और उसे सफलता भी मिलती है. राजस्थान का चुनाव भाजपा के लिए करो और मरो की स्थिति होगी. क्योंकि वह राज्य की सत्ता से बाहर. वैसे भी कहा जाता है कि राजस्थान में पांच साल बाद सत्ता बदल जाती है. फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास मोदी जैसा चेहरा नहीं है. लेकिन हाल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान चुनाव में कितना करिश्मा दिखा पाती है यह वक्त बताएगा. सवाल है कि गहलोत की जादूगरी के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कितना करिश्मा चलता है यह देखना होगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲