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Chandra Grahan 2020: चंद्रग्रहण से ज्‍यादा गंभीर है अमेरिका का 'नंबर 4'

    • प्रवीण मिश्रा
    • Updated: 09 जनवरी, 2020 07:03 PM
  • 09 जनवरी, 2020 06:31 PM
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10 जनवरी को आ रहे चंद्रग्रहण का प्रभाव (chandra grahan 2020 impact) क्‍या होगा? इंटरनेट पर सबसे ज्‍यादा पूछे जा रहे इस सवाल का ज्‍योतिषाचार्य प्रवीण मिश्रा जवाब दे रहे हैं. और साथ ही ये भी बता रहे हैं कि 2020 में अंक 4 क्‍या गुल खिलाने जा रहा है.

What is Chandra Grahan 2020 or Lunar Eclipse? तो सीधा से जवाब है कि चंद्रमा पर पृथ्‍वी का छाया पड़ने लगे. या कहें कि चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को पृथ्‍वी रोक ले. लेकिन ज्‍योतिष विज्ञान पर विश्‍वास करने वाले लोगों के लिए भी क्‍या यह मामला इतना ही सरल है? तो जवाब है- नहीं. ऐसे में अगला सवाल यही उठता है कि 10 जनवरी को आ रहे चंद्रग्रहण (chandra grahan 2020) का प्रभाव क्‍या होगा? तो इसका जवाब थोड़ी गहराई में जाने से मिलता है.

10 जनवरी की रात को लगने वाला ग्रहण चंद्रमा का उपछाया ग्रहण है. उपछाया ग्रहण वास्तव में चंद्रग्रहण नहीं होता है. हर चंद्रग्रहण के शुरु होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य या अंग्रेजी में Penumbra कहा जाता है. उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया जिसे mbra कहते हैं, में प्रवेश करता है. तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं.

ऐसा कई बार होता है जब पूर्णिमा को चंद्रमा धरती की उपछाया (Penumbra) में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है. इस उपछाया या Penumbra के समय चंद्रमा का स्वरूप धुंधला पड़ जाता है लेकिन काला नहीं होता है.

Chandra Grahan 2020 impact:

धर्मशास्त्रों में चंद्रमा के इस तरह से धुंधला पड़ने को ग्रहण नहीं माना जाता है, 10 जनवरी की रात 10:38 बजे ऐसी ही स्थिति बनेगी जब चंद्रमा उपछाया में प्रवेश कर वहीं से वापस आ जाएगा है.

-10 जनवरी की रात 10:38 बजे उपछाया में प्रवेश

-रात 12:50 बजे परमग्रास

-11 जनवरी की सुबह 2:42 बजे मोक्ष

प्रकृति में घटित होने वाले इस उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा कुछ धुंधला सा दिखेगा जिसे भारत से उपकरणों का प्रयोग कर देखा जा सकेगा. धर्म शास्त्रों के अनुसार उपछाया ग्रहण में सूतक, स्नान का विचार नहीं किया जाता है इसलिए आम जनता को इस उपछाया ग्रहण को लेकर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है और इसका किसी राशि पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

What is Chandra Grahan 2020 or Lunar Eclipse? तो सीधा से जवाब है कि चंद्रमा पर पृथ्‍वी का छाया पड़ने लगे. या कहें कि चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को पृथ्‍वी रोक ले. लेकिन ज्‍योतिष विज्ञान पर विश्‍वास करने वाले लोगों के लिए भी क्‍या यह मामला इतना ही सरल है? तो जवाब है- नहीं. ऐसे में अगला सवाल यही उठता है कि 10 जनवरी को आ रहे चंद्रग्रहण (chandra grahan 2020) का प्रभाव क्‍या होगा? तो इसका जवाब थोड़ी गहराई में जाने से मिलता है.

10 जनवरी की रात को लगने वाला ग्रहण चंद्रमा का उपछाया ग्रहण है. उपछाया ग्रहण वास्तव में चंद्रग्रहण नहीं होता है. हर चंद्रग्रहण के शुरु होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य या अंग्रेजी में Penumbra कहा जाता है. उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया जिसे mbra कहते हैं, में प्रवेश करता है. तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं.

ऐसा कई बार होता है जब पूर्णिमा को चंद्रमा धरती की उपछाया (Penumbra) में प्रवेश कर वहीं से बाहर निकल जाता है. इस उपछाया या Penumbra के समय चंद्रमा का स्वरूप धुंधला पड़ जाता है लेकिन काला नहीं होता है.

Chandra Grahan 2020 impact:

धर्मशास्त्रों में चंद्रमा के इस तरह से धुंधला पड़ने को ग्रहण नहीं माना जाता है, 10 जनवरी की रात 10:38 बजे ऐसी ही स्थिति बनेगी जब चंद्रमा उपछाया में प्रवेश कर वहीं से वापस आ जाएगा है.

-10 जनवरी की रात 10:38 बजे उपछाया में प्रवेश

-रात 12:50 बजे परमग्रास

-11 जनवरी की सुबह 2:42 बजे मोक्ष

प्रकृति में घटित होने वाले इस उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा कुछ धुंधला सा दिखेगा जिसे भारत से उपकरणों का प्रयोग कर देखा जा सकेगा. धर्म शास्त्रों के अनुसार उपछाया ग्रहण में सूतक, स्नान का विचार नहीं किया जाता है इसलिए आम जनता को इस उपछाया ग्रहण को लेकर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है और इसका किसी राशि पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse timing) से जुड़ी सबसे बड़ी जिज्ञासा इसके असर को लेकर है.

2020 में नंबर 4 वालों का बढ़ेगा प्रभाव, अमेरिका का भी यही नंबर है

साल 2020 का योग 4 (2+0+2+0=4) है. अंक ज्योतिष में 4 नंबर राहु का नंबर माना जाता है. साल 2020 में ऐसे लोगों को ज्यादा तरक्की मिलेगी जिनका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तरीख को हुआ है. साथ ही ऐसे देशों को भी ज्यादा ख्याति मिलेगी या दुनिया में प्रभाव बढ़ेगा, जिनकी स्थापना किसी भी महीने की 4, 13, 22, या 31 तारीख को हुई है. संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना 4 जुलाई 1776 को हुई. नंबर 4 का संयुक्त राज्य अमेरिका पर सबसे ज्यादा प्रभाव है. संयुक्त राज्य अमेरिका की शुरुआत 13 कॉलोनियों से हुई. अमेरिका के झंडे में 13 पट्टियां हैं, 7 लाल पट्टियां और 6 सफेद पट्टियां हैं. इनके शुरुआती झंडे में 13 स्टार बने थे. संयुक्त राज्य अमेरिका की अधिकारिक सील में भी 13 तरह के चिह्न हैं.

साल 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका पूरी दुनिया में छाया रहेगा. राहु के प्रभाव की वजह से यूएसए का प्रभाव दुनियाभर में बढ़ेगा. अंक ज्योतिष के अनुसार राहु अपने स्वभाव के अनुसार फल देता है. राहु लाइम लाइट में लाता है, तेजी से तरक्की दिलाता है, राहु भ्रम पैदा करता है, राहु दुश्मनों की संख्या बढ़ता है, राहु अर्श और फर्श दोनों दिखाता है. कभी तेजी से तरक्की दिलाता है और कभी तेजी से नुकसान कराता है यानी जमीन पर गिरा देता है. इसलिए जिन लोगों पर या जिन देशों पर राहु का प्रभाव ज्यादा रहेगा उन्हें साल 2020 में सफलता और असफलता दोनों का सामना करना होगा. राहु लाभ भी कराएगा और अचानक नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसलिए नंबर 4 वाले लोगों को या देशों को 2020 में हर काम सावधानी से करना होगा. कोई भी बड़ा फैसला करने से पहले उसके लाभ और हानि के बारे में पूरा आंकलन करना होगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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