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10 रुपए में प्लेट भर बिरयानी !!! कहीं ये बिल्लियानी तो नहीं ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 13 फरवरी, 2018 02:18 PM
  • 13 फरवरी, 2018 02:18 PM
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चेन्नई से बिल्लियां चोरी होने और फिर उनके मांस से बिरयानी बनने की खबर न सिर्फ विचलित करने वाली है बल्कि ये प्रश्न भी उठाती है कि आज सस्ते के नाम पर हमारे सामने जो भी परोसा जा रहा है हम खाने से पहले उसकी पड़ताल क्यों नहीं करते.

चेन्नई का बालाजी नगर, बेचैनी से इधर उधर भगाते और एक दूसरे से बात करते परेशान लोग, रेस्टुरेंट के मेनू में बिरयानी और पालतू बिल्लियां. इतनी बात पढ़कर शायद आप यही कहें कि हम चेन्नई के किसी बालाजी नगर की बात कर रहे हैं. जहां उन लोगों को बिल्लियां परेशान कर रही हैं, जो अपने मनपसंद रेस्टुरेंट में बैठकर बिरयानी खा रहे हैं. यदि आपकी कल्पना के घोड़े यहीं तक दौड़े, तो माफ करिए मगर आपको उन्हें चने खिलाने की ज़रूरत है. चेन्नई में लोगों की परेशानी का सबब बिरयानी खाते लोगों को टकटकी बांध कर देखती बिल्लियां नहीं हैं. बल्कि उनकी परेशानी का कारण प्लेट में जो बोनलेस बोटी है उसका बिल्ली का होना है.

जी हां हो सकता है ये बात आपको विचलित कर दे मगर ये सच है. इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खबर है कि चेन्नई के बालाजी नगर में रहने वाले लोग काफी लम्बे समय से अपनी पालतू बिल्लियों के गायब होने से परेशान थे. उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की और जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो जो परिणाम आए वो चौकाने वाले थे.

चेन्नई का ये मामला ये बताने के लिए काफी है कि सस्ते के नाम पर हमें बाजार में क्या परोसा जा रहा है

बिल्लियां चोरी करने वालों में क्षेत्र के ही नरिकुरवर समुदाय का हाथ था. ये लोग पहले तो बिल्लियां चोरी करते फिर उन्हें मार के उसका मांस उन ठेले वालों को बेचते जो सड़क किनारे लोगों को कम दामों में बिरयानी खिलाते थे. हालांकि अब तक कितनी बिल्लियों को लोग बिरयानी के नाम पर चट गए इसका कोई अंदाजा नहीं है. मगर पुलिस ने जो प्रारंभिक जांच की है उसमें अनुसार चेन्नई के इस हिस्से में बिल्लियों की ये चोरी पिछले 20 सालों से चल रही थी.

पुलिस के अनुसार नरिकुरवर समुदाय के लोग अपनी शादियों में बिल्ली के मांस की बिरयानी बनाने के लिए जाने जाते हैं साथ ही जब इनके यहां बेटे...

चेन्नई का बालाजी नगर, बेचैनी से इधर उधर भगाते और एक दूसरे से बात करते परेशान लोग, रेस्टुरेंट के मेनू में बिरयानी और पालतू बिल्लियां. इतनी बात पढ़कर शायद आप यही कहें कि हम चेन्नई के किसी बालाजी नगर की बात कर रहे हैं. जहां उन लोगों को बिल्लियां परेशान कर रही हैं, जो अपने मनपसंद रेस्टुरेंट में बैठकर बिरयानी खा रहे हैं. यदि आपकी कल्पना के घोड़े यहीं तक दौड़े, तो माफ करिए मगर आपको उन्हें चने खिलाने की ज़रूरत है. चेन्नई में लोगों की परेशानी का सबब बिरयानी खाते लोगों को टकटकी बांध कर देखती बिल्लियां नहीं हैं. बल्कि उनकी परेशानी का कारण प्लेट में जो बोनलेस बोटी है उसका बिल्ली का होना है.

जी हां हो सकता है ये बात आपको विचलित कर दे मगर ये सच है. इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खबर है कि चेन्नई के बालाजी नगर में रहने वाले लोग काफी लम्बे समय से अपनी पालतू बिल्लियों के गायब होने से परेशान थे. उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की और जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो जो परिणाम आए वो चौकाने वाले थे.

चेन्नई का ये मामला ये बताने के लिए काफी है कि सस्ते के नाम पर हमें बाजार में क्या परोसा जा रहा है

बिल्लियां चोरी करने वालों में क्षेत्र के ही नरिकुरवर समुदाय का हाथ था. ये लोग पहले तो बिल्लियां चोरी करते फिर उन्हें मार के उसका मांस उन ठेले वालों को बेचते जो सड़क किनारे लोगों को कम दामों में बिरयानी खिलाते थे. हालांकि अब तक कितनी बिल्लियों को लोग बिरयानी के नाम पर चट गए इसका कोई अंदाजा नहीं है. मगर पुलिस ने जो प्रारंभिक जांच की है उसमें अनुसार चेन्नई के इस हिस्से में बिल्लियों की ये चोरी पिछले 20 सालों से चल रही थी.

पुलिस के अनुसार नरिकुरवर समुदाय के लोग अपनी शादियों में बिल्ली के मांस की बिरयानी बनाने के लिए जाने जाते हैं साथ ही जब इनके यहां बेटे का जन्म होता है तो ये लोग एक दूसरे को बिल्ली के मांस का सूप परोसते हैं.गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब दुकानदारों द्वारा मिलावट का ये घिनौना तरीका अपनाया गया है. इससे पहले अभी उत्तर प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए थे जब सड़क किनारे सस्ता खाना बेचने वाले होटल और ढाबे वालों ने लोगों को कुत्ते तक का मांस परोसा था.

रन फिल्म का ये सीन शायद ही कोई भूल पाए

बहरहाल इस खबर के बाद किसी के भी जहन में अभिषेक बच्चन, विजय राज अभिनीत "रन" मूवी आ जाएगी. याद शायद आपको भी हो. फिल्म में विजय राज बहुत भूखे थे और उन्हें सड़क किनारे एक बिरयानी का ठेला दिखा जहां 10 रुपए में सस्ती बिरयानी खिलाई जा रही थी. फिल्म के दृश्य में बिरयानी खाते हुए चावल उनके गले में अटक गया और हिचकी आ गयी.

हर हिचकी के बाद उन्हें गले से कव्वे की आवाज आती. फिल्म में ही जब विजय ने ठेले वाले से इसकी पड़ताल की थी तो उनके होश तब उड़ गए जब ठेले वाले ये उन्हें बताया कि अभी कुछ देर पहले जो बिरयानी उन्होंने 10 रुपए में खाई है वो मुर्गे की नहीं बल्कि कव्वे की थी.

अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि चेन्नई का ये मामला अपने आप में एक गंभीर मामला है. ऐसा इसलिए क्योंकि हमें कुछ खाने से पहले इस बात की पड़ताल कर लेनी चाहिए कि सस्ते के नाम पर हमें क्या और किस तरह परोसा जा रहा है. यदि समय रहते हम नहीं चेते तो हमारा भी हाल कुछ वैसा ही होगा जैसे रन मूवी में विजय राज का हुआ था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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