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Bois Locker Room: जिम्मेदार इंस्टाग्राम नहीं बल्कि अपने को बिजी कहने वाले मां-बाप हैं!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 मई, 2020 07:15 PM
  • 05 मई, 2020 07:15 PM
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Bois Locker Room ग्रुप चैट के नाम पर जो कुछ भी दिल्ली (Delhi ) के नामी गिरामी स्कूलों के बच्चे (Students ) ने किया वो घिनौना तो है ही साथ ही साथ ये भी दर्शा रहा है कि जो कुछ भी हुआ ये उस पेरेंटिंग (Parenting) का हिस्सा है जहां मां बाप के पास अपने बच्चों के लिए वक़्त नहीं है और इस कमी को पूरा करने के लिए वो उन्हें तकनीक के हवाले कर देते हैं.

अमेरिका की फर्स्ट लेडी हुई हैं Eleanor Roosevelt कहने को तो इन्होंने तमाम मुद्दों पर तमाम बातें कहीं हैं लेकिन अपने जिस कोट के लिए ये सबसे ज्यादा याद की जाती हैं वो था इनका कहना कि "With Freedom Comes Responsibility" यानी स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है. सोशल मीडिया का दौर है. हम कुछ भी लिख सकते हैं. कुछ भी पढ़ सकते हैं. कुछ भी देख सकते हैं मतलब कुल मिलाकर हम स्वतंत्र हैं और जब स्वतंत्रता हमें मिली है तो हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास रहना चाहिए. सोशल मीडिया पर bois Locker Room बीते दिन से ही सुर्खियों में रहा है. ये राजधानी दिल्ली के 21 स्कूली लड़कों का इंस्टाग्राम (Instagram Group) पर बनाया गया एक ग्रुप है जिसमें तमाम तरह की बातें होती हैं. बातें हुईं तो वहां लड़कों ने अपनी फैंटेसी का जिक्र भी किया. जोकि कई मायनों में भयानक था. ग्रुप की चैट लीक हुईं और बात पुलिस (Delhi Police ) तक आई जिसने तत्परता दिखाते हुए एक नामी स्कूल के छात्र को पकड़ा बाद में जब पूछताछ हुई तो अन्य 20 नाम भी पुलिस के सामने आ गए.

ग्रुप चैट के नामपर जो हरकत दिल्ली के लड़कों ने इंस्टाग्राम पर की है उससे हर कोई सन्न रह गया है

क्या है Boys Locker Room

बताया जा रहा है कि ब्वॉयज लॉकर रूम एक इंस्टग्राम ग्रुप का नाम है. इस ग्रुप के ज्यादातर सदस्य बड़े बड़े नामी स्कूलों के स्कूली छात्र हैं. इस ग्रुप में स्कूली बच्चे लड़कियों की तस्वीरों को शेयर कर अश्लील बाते करते पाए गए हैं. साथ ही लड़कियों की तस्वीरों को शेयर कर उनसे गैंगरेप तक करने की बात करते दिखे हैं.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

बॉयज लॉकर रूम के बारे में लोगों को तब पता चला जब एक ट्विटर यूजर ने इस ग्रुप में हुई बातचीत को ट्विटर पर साझा किया. ट्विटर पर मामले के आने के बाद ही...

अमेरिका की फर्स्ट लेडी हुई हैं Eleanor Roosevelt कहने को तो इन्होंने तमाम मुद्दों पर तमाम बातें कहीं हैं लेकिन अपने जिस कोट के लिए ये सबसे ज्यादा याद की जाती हैं वो था इनका कहना कि "With Freedom Comes Responsibility" यानी स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है. सोशल मीडिया का दौर है. हम कुछ भी लिख सकते हैं. कुछ भी पढ़ सकते हैं. कुछ भी देख सकते हैं मतलब कुल मिलाकर हम स्वतंत्र हैं और जब स्वतंत्रता हमें मिली है तो हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास रहना चाहिए. सोशल मीडिया पर bois Locker Room बीते दिन से ही सुर्खियों में रहा है. ये राजधानी दिल्ली के 21 स्कूली लड़कों का इंस्टाग्राम (Instagram Group) पर बनाया गया एक ग्रुप है जिसमें तमाम तरह की बातें होती हैं. बातें हुईं तो वहां लड़कों ने अपनी फैंटेसी का जिक्र भी किया. जोकि कई मायनों में भयानक था. ग्रुप की चैट लीक हुईं और बात पुलिस (Delhi Police ) तक आई जिसने तत्परता दिखाते हुए एक नामी स्कूल के छात्र को पकड़ा बाद में जब पूछताछ हुई तो अन्य 20 नाम भी पुलिस के सामने आ गए.

ग्रुप चैट के नामपर जो हरकत दिल्ली के लड़कों ने इंस्टाग्राम पर की है उससे हर कोई सन्न रह गया है

क्या है Boys Locker Room

बताया जा रहा है कि ब्वॉयज लॉकर रूम एक इंस्टग्राम ग्रुप का नाम है. इस ग्रुप के ज्यादातर सदस्य बड़े बड़े नामी स्कूलों के स्कूली छात्र हैं. इस ग्रुप में स्कूली बच्चे लड़कियों की तस्वीरों को शेयर कर अश्लील बाते करते पाए गए हैं. साथ ही लड़कियों की तस्वीरों को शेयर कर उनसे गैंगरेप तक करने की बात करते दिखे हैं.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

बॉयज लॉकर रूम के बारे में लोगों को तब पता चला जब एक ट्विटर यूजर ने इस ग्रुप में हुई बातचीत को ट्विटर पर साझा किया. ट्विटर पर मामले के आने के बाद ही पूरे देश की नजर इसपर पड़ी और जिस तरह की प्रतिक्रियाएं इसपर आई हर कोई इस ग्रुप से जुड़े बच्चों से नाराज था. मांग की गई कि पुलिस इसका संज्ञान ले और बच्चों को सख्त से सख्त सजा दी जाए.

बताया ये भी जा रहा है कि इस ग्रुप में हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट को साउथ दिल्ली की एक लड़की ने ट्विटर पर साझा किया है. जिसमें उसने लिखा है कि दक्षिण दिल्ली के 17-18 साल की उम्र के लड़कों का यह एक ग्रुप है, जिसका नाम बॉयज लॉकर रूम’ है, ग्रुप में नाबालिग लड़कियों की तस्वीरों को मॉर्फ़ कर उन्हें आपत्तिजनक और अश्लील बनाया जा रहा था.

अपनी पोस्ट में लड़की ने इस बात का भी जिक्र किया कि उसके खुद के स्कूल के दो लड़के इस ग्रुप का हिस्सा हैं.

लड़की ने ग्रुप में शामिल लड़कों की लिस्ट और उनके चैट के स्क्रीनशॉट को भी साझा किया. लड़की द्वारा शेयर किए गए इस स्क्रीन शॉट पर अगर नजर डालें तो साफ था कि ग्रुप के लड़के लड़कियों और उनकी तस्वीरों को लेकर ऐसी तमाम बातें जो न केवल डराने वाली थीं बल्कि जिन्होंने ये भी बताया कि आज लोगों के पास समय की इतनी कमी है कि वो अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं जिसका साफ असर उनकी परवरिश पर पड़ रहा है.

मामला कुछ इस तरह बढ़ा कि दिल्ली पुलिस को भी इसका संज्ञान लेना पड़ा. कार्रवाई के तहत दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दिल्ली के नामी स्कूल के एक नाबालिग छात्र को पकड़ा है. पुलिस ने लड़के का मोबाइल फोन जब्त किया है जिसके आधार पर ग्रुप के करीब 20 और लड़कों की पहचान हुई है. सभी छात्र साउथ दिल्ली के 4-5 बड़े स्कूलों के स्टूडेंट हैं.

पुलिस भी इस ग्रुप चैट में हुई बातों से खासी नाराज़ है और उसने अपनी एफआईआर मे आईपीसी की 465, 471,469,509 जैसी धाराएं जोड़कर छात्रों को सख्त से सख्त सजा देने का फैसला किया है. इसके अलावा इंस्टाग्राम को भी दिल्ली पुलिस ने चिट्ठी लिखकर ग्रुप से जुड़े डिटेल मांगे हैं.

दिल्ली महिला आयोग भी इस मामले को लेकर बेहद सख्त है. ध्यान रहे कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी दिल्ली पुलिस और इंस्टाग्राम को नोटिस भेजकर मामले की जानकारी मांगी है और एक्शन लेने को कहा था.

बहरहाल वक़्त रहते इस मामले का खुलासा हो गया है और एक बड़ी अनहोनी होने से बच गयी है मगर जिस तरह 16-17 साल के बच्चों के बीच बातें हुईं और चीजों विशेषकर महिलाओं और लड़कियों को लेकर उनका नजरिया था वो इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इसने सीधे पेरेंटिंग पर सवाल उठाए हैं.

ये चैट्स उन मां बाप के मुंह पर करारा तमाचा है जिनके पास इतना वक़्त नहीं है कि वो देखें उनका बेटा या बेटी हाथ में मोबाइल लेकर कर क्या रहा है. हम बार बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि सवाल पेरेंटिंग के मद्देनजर है. इन चैट्स के सामने आने के बाद अब वो वक़्त आ गया है जिसमें मां बाप बच्चे के साथ बैठे और अगर उन्हें अपने बच्चे में कोई परिवर्तन दिखाई दे रहा है तो उसकी काउंसलिंग कराने में जरा भी वक़्त न लें.

अब चूंकि ये मामला हमारे सामने है इसलिए मां बाप को सोचना होगा कि जो स्वतंत्रता उन्होंने अपने बच्चों को दी है वो जिम्मेदारी के साथ उसका निर्वहन कर रहा है. या फिर अपनी आजादी में बच्चा इतना अंधा हो गया है कि उसे इस बात की समझ नहीं है कि उसके द्वारा किया गया कृत्य उसके अलावा उसके मां बाप तक को बड़ी परेशानी में डाल देगा. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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