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हे साध्‍वी, बाहुबली फिल्‍म इसलिए तो नहीं बनाई थी...

    • आईचौक
    • Updated: 16 जून, 2017 08:50 PM
  • 16 जून, 2017 08:50 PM
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मेडिकल चेकअप के लिए पैरोल पर बाहर आई एक साध्वी ने न सिर्फ स्पा जाने के बाद फिल्म देखी बल्कि वो फरार होने में भी कामयाब हुई. पुलिस कस्टडी से भागने वाली साध्वी जय श्री गिरी, जिले में मंदिर का संचालन करने वाले एक ट्रस्ट की मुखिया हैं.

कुछ फ़िल्में अच्छी होती हैं, कुछ बहुत अच्छी होती हैं. अच्छी फिल्मों को लोग देख लेते हैं और बहुत अच्छी फिल्मों से लोग प्रेरित हो जाते हैं. हालिया रिलीज फिल्म बाहुबली एक अच्छी फिल्म है. दक्षिण की चर्चित फिल्म बाहुबली को रिलीज हुए लम्बा वक्त हो चुका है मगर इसके बावजूद फिल्म आज भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन कर रही है. लोग अब भी फिल्म देखने जा रहे हैं और एक्टर की एक्टिंग स्किल के अलावा डायरेक्टर की क्रिएटिविटी पर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं.

हो सकता है बाहुबली को देखकर कोई व्यक्ति माँ की आज्ञा के पालन या पत्नी को उसके अधिकार दिलाने के लिए प्रेरित हो जाए. मगर कोई फिल्म देखकर पुलिस हिरासत से भागने के लिए प्रेरित हो जाये तो ये अपने में सोचनीय विषय है.

जी हां बिल्कुल सही सुना आपने खबर है कि मेडिकल चेकअप के लिए पैरोल पर बाहर आई एक साध्वी ने न सिर्फ स्पा जाने के बाद फिल्म देखी बल्कि वो फरार होने में भी कामयाब हुई. पुलिस कस्टडी से भागने वाली साध्वी जयश्री गिरी, जिले में मंदिर का संचालन करने वाले एक ट्रस्ट की मुखिया हैं. बताया जा रहा है कि 45 साल की इस साध्वी को इसी वर्ष जनवरी में गुजरात के बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किया गया था. साध्वी ने बीते नवम्बर एक स्थानीय ज्वैलर से 5 करोड़ के सोने के बिस्किट लिए थे जिसकी कीमत चुकाने में उसने धोखाधड़ी की और मामले की शिकायत के बाद उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.

अनोखे अंदाज में पुलिस को चकमा देकर फरार हुई साध्वी

बताया जा रहा है कि जेल में साध्वी की 'तबीयत खराब' हो गयी और वो एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप के लिए चार पुलिस वालों संग पैरोल पर बाहर आई थी. पैरोल पर बाहर आने के बाद साध्वी ने अपने साथ आये हुए पुलिस वालों से पार्लर जाकर स्पा कराने और बाहुबली 2 देखने की बात रखी. प्राप्त...

कुछ फ़िल्में अच्छी होती हैं, कुछ बहुत अच्छी होती हैं. अच्छी फिल्मों को लोग देख लेते हैं और बहुत अच्छी फिल्मों से लोग प्रेरित हो जाते हैं. हालिया रिलीज फिल्म बाहुबली एक अच्छी फिल्म है. दक्षिण की चर्चित फिल्म बाहुबली को रिलीज हुए लम्बा वक्त हो चुका है मगर इसके बावजूद फिल्म आज भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन कर रही है. लोग अब भी फिल्म देखने जा रहे हैं और एक्टर की एक्टिंग स्किल के अलावा डायरेक्टर की क्रिएटिविटी पर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं.

हो सकता है बाहुबली को देखकर कोई व्यक्ति माँ की आज्ञा के पालन या पत्नी को उसके अधिकार दिलाने के लिए प्रेरित हो जाए. मगर कोई फिल्म देखकर पुलिस हिरासत से भागने के लिए प्रेरित हो जाये तो ये अपने में सोचनीय विषय है.

जी हां बिल्कुल सही सुना आपने खबर है कि मेडिकल चेकअप के लिए पैरोल पर बाहर आई एक साध्वी ने न सिर्फ स्पा जाने के बाद फिल्म देखी बल्कि वो फरार होने में भी कामयाब हुई. पुलिस कस्टडी से भागने वाली साध्वी जयश्री गिरी, जिले में मंदिर का संचालन करने वाले एक ट्रस्ट की मुखिया हैं. बताया जा रहा है कि 45 साल की इस साध्वी को इसी वर्ष जनवरी में गुजरात के बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किया गया था. साध्वी ने बीते नवम्बर एक स्थानीय ज्वैलर से 5 करोड़ के सोने के बिस्किट लिए थे जिसकी कीमत चुकाने में उसने धोखाधड़ी की और मामले की शिकायत के बाद उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.

अनोखे अंदाज में पुलिस को चकमा देकर फरार हुई साध्वी

बताया जा रहा है कि जेल में साध्वी की 'तबीयत खराब' हो गयी और वो एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप के लिए चार पुलिस वालों संग पैरोल पर बाहर आई थी. पैरोल पर बाहर आने के बाद साध्वी ने अपने साथ आये हुए पुलिस वालों से पार्लर जाकर स्पा कराने और बाहुबली 2 देखने की बात रखी. प्राप्त जानकारी के अनुसार, साध्वी को बाहर लेकर निकले चारों पुलिस वाले नए भर्ती हुए थे और शायद उन्हें कानून की इतनी समझ नहीं थी जिस कारण उन्होंने साध्वी की बात मान ली और साध्वी फरार होने में कामयाब हुई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने साध्वी के वकील और उसके साथ आए चार पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.

इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने बताया कि गुरुवार को चेकअप के बाद साध्वी अपने वकील के साथ एक स्थानीय मॉल में गई जहाँ उसने मसाज कराया और बाहुबली 2 देखी. इस पूरे प्रकरण में साध्वी का भागने का किस्सा सबसे दिलचस्प है. साध्वी बार - बार अपने वकील से पैरोल में बढ़ोतरी की बात कर रही थीं और जब उसे पता लगा कि पैरोल को बढ़ाया नहीं जा सकता तो वो फिल्म देखने के दौरान वाशरूम जाने की बात कहकर फरार हो गयीं.

इस पूरे मामले से एक बात तो साफ है कि अभी भी हमारी पुलिस इतनी सक्षम नहीं है कि वो अपराधियों के इरादे भाप सके और शायद यही कारण है कि आज अपराधी अपराध के नए नए तरीके अपनाकर न सिर्फ लोगों को बल्कि स्वयं पुलिस को भी हैरत में डाल रहे हैं. अपनी बात खत्म करते हुए हम बस इतना ही कहेंगे कि साध्वी जयश्री गिरी का इस तरह भागना न सिर्फ पुलिस और तंत्र के मुंह पर करारा प्रहार है बल्कि ये बात भी दर्शाता है कि अभी भी हमारी पुलिस को बहुत कुछ सीखने और समझने की ज़रुरत है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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