• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

ढाका अटैक: ISIS हमारे पास आ चुका है!

    • वीरू सोनकर
    • Updated: 02 जुलाई, 2016 02:55 PM
  • 02 जुलाई, 2016 02:55 PM
offline
यदि सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के उदाहरण से आप सीखने को तैयार नहीं हैं, तो फिर जल्दी ही आप खुद को ऐसे ही हालातों के बीच फंसा हुआ पाएंगे

ढाका यानि भारत का पड़ोस, जहाँ से बार्डर पार करके भारत में आना-जाना हाल के दिनों तक एक संगठित व्यापार जैसा था. हालिया समझौते के बाद बांग्लादेश से सटी सीमा को सुरक्षित करने का काम शुरू है और अब ढाका में आईएसआईएस के ताजा आतंकवादी हमलों के बाद इसमें युद्ध स्तर पर कार्य होना चाहिए.

लगातार कई धर्म आधारित हत्याओं के बाद, कल रात से जारी ढाका के इस बंधक संकट के बाद भारत की आँखे खुल जानी चाहिए. आप जिस संकट को हमेशा यह कह कर टालते थे कि वह हमारे देश में नहीं आ सकते, तो जान लीजिये वो आपके आस-पास आ चुके है. तुष्टिकरण की राजनीति को त्याग कर हमें हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए. यदि देश को बहुत बड़े संकट से बचना है, यदि सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के उदाहरण से आप सीखने को तैयार नहीं हैं, तो फिर जल्दी ही आप खुद को ऐसे ही हालातों के बीच फंसा हुआ पाएंगे.

ये भी पढ़ें- हमारे 11 राज्यों में तो पहुंच ही गया है ISIS...

 ढाका में एक रेस्टोरेंट पर शुक्रवार रात हथियारबंद आतंकी हमले के बाद कमांडो ऑपरेशन शुरू किया गया. रेस्टोरेंट में मौजूद सात आतंकियों में से 6 को मार दिया गया और 18 बंधकों को छुड़ाया गया

आईएसआईएस सामने से बाद में हमला करता है, पहले वह आपके दिमाग पर हमला करके आपके सोचने समझने की शक्ति मार देता है. युवा पीढ़ी को आप अगर इस आतंकवादी संगठन से बचाना चाहते हैं तो अभी भी समय है कि हम उन्हें बताएं कि दुनिया का कोई भी धर्म, कोई आसमानी किताब, कोई भी वेद-पुराण और बाइबिल मानवता से बढ़कर नहीं है. कुछ भी आसमान से नहीं उतरा हुआ है, यह सब इंसानो ने ही लिखा है. उन पुस्तकों से अधिक पवित्र पुस्तकें वह हैं जो आप अपने क्लास...

ढाका यानि भारत का पड़ोस, जहाँ से बार्डर पार करके भारत में आना-जाना हाल के दिनों तक एक संगठित व्यापार जैसा था. हालिया समझौते के बाद बांग्लादेश से सटी सीमा को सुरक्षित करने का काम शुरू है और अब ढाका में आईएसआईएस के ताजा आतंकवादी हमलों के बाद इसमें युद्ध स्तर पर कार्य होना चाहिए.

लगातार कई धर्म आधारित हत्याओं के बाद, कल रात से जारी ढाका के इस बंधक संकट के बाद भारत की आँखे खुल जानी चाहिए. आप जिस संकट को हमेशा यह कह कर टालते थे कि वह हमारे देश में नहीं आ सकते, तो जान लीजिये वो आपके आस-पास आ चुके है. तुष्टिकरण की राजनीति को त्याग कर हमें हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए. यदि देश को बहुत बड़े संकट से बचना है, यदि सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के उदाहरण से आप सीखने को तैयार नहीं हैं, तो फिर जल्दी ही आप खुद को ऐसे ही हालातों के बीच फंसा हुआ पाएंगे.

ये भी पढ़ें- हमारे 11 राज्यों में तो पहुंच ही गया है ISIS...

 ढाका में एक रेस्टोरेंट पर शुक्रवार रात हथियारबंद आतंकी हमले के बाद कमांडो ऑपरेशन शुरू किया गया. रेस्टोरेंट में मौजूद सात आतंकियों में से 6 को मार दिया गया और 18 बंधकों को छुड़ाया गया

आईएसआईएस सामने से बाद में हमला करता है, पहले वह आपके दिमाग पर हमला करके आपके सोचने समझने की शक्ति मार देता है. युवा पीढ़ी को आप अगर इस आतंकवादी संगठन से बचाना चाहते हैं तो अभी भी समय है कि हम उन्हें बताएं कि दुनिया का कोई भी धर्म, कोई आसमानी किताब, कोई भी वेद-पुराण और बाइबिल मानवता से बढ़कर नहीं है. कुछ भी आसमान से नहीं उतरा हुआ है, यह सब इंसानो ने ही लिखा है. उन पुस्तकों से अधिक पवित्र पुस्तकें वह हैं जो आप अपने क्लास रूम में पढ़ते हैं, जहाँ आप मेडिकल की किताबों से सीखते है कि इंसान की जान कैसे बचाई जा सकती है, इंजीनियरिग की किताबों से आप जानते हैं कि कैसे इस दुनिया को और भी अधिक सुन्दर बनाया जा सकता है, दर्शन-अध्यात्म की किताबें आपके जीवन के अर्थ आपको बता रही हैं. आपकी क्लास में जो शिक्षक आकर आपको पढ़ा रहा है वह अगर ईश्वर नहीं तो उससे कम भी नहीं.

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में हिंदुओं के ये हत्यारे कौन हैं?

समय है अभी, कि हम अपने देश को इस धार्मिक आतंकवाद से बचा लें तब शायद हम अपने पड़ोसियों की भी मदद कर सकते हैं. क्योंकि हमारे पडोसी भी एक देश होने से पहले इंसानो से भरी हुई बस्ती है. यदि सबको बचना है तो खुद को सबसे पहले बचाना है. आईएसआईएस हमारे पास आ चुका है. एनआईए की हालिया कार्यवाही आँखे खोलने वाली है.

राजिनैतिक तुष्टिकरण भारत में अपने सबसे घटिया दौर में पहुंच चुका है. अब उससे और अधिक नीचे जाना संभव नहीं है. हम भारत की जनता हैं और हमें एक साथ रहना है और हमारे देश को बचाने के लिए कोई बाहर से नहीं आने वाला. यह काम हमें ही करना होगा, अपने-अपने धर्म के झूठे खोल से बाहर निकल कर!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲