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ढाकेश्वरी देवी के चरणों में रहस्यमयी खूनी खेल!

    • सुलोचना वर्मा
    • Updated: 05 जुलाई, 2016 11:32 PM
  • 05 जुलाई, 2016 11:32 PM
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बांग्लादेश की एक पत्रिका के मुताबिक ढाका के गुलशन होली आर्टीजन बेकरी में हुए आतंकवादी हमले में हीरो बनाया गया नौजवान फ़राज़ अयाज हुसैन हीरो नहीं बल्कि आतंकवादियों में से ही एक था.

पिछले तीन-चार दिनों से सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका के 20 साल के फराज़ नामक नौजवान को हीरो बनाकर पेश किया गया. तथ्य ही ऐसे प्रस्तुत किए गए कि कोई भी उसे हीरो ही मानता. बांग्लादेश की पत्रिका "दैनिक निरपेक्ष" के मुताबिक ढाका के गुलशन होली आर्टीजन बेकरी में हुए आतंकवादी हमले में हीरो बनाया गया नौजवान फ़राज़ अयाज हुसैन हीरो नहीं, बल्कि आतंकवादियों में से ही एक था.

 सोशल मीडिया पर फराज की हीरो वाली छवि प्रचारित की जा रही है

फ़राज़ ट्रांसकॉम ग्रुप के चेयरमैन लतिफ्फुर रहमान का नाती था. पत्रिका ने आतंकवादी निब्रस इस्लाम के साथ उसकी तस्वीर को साझा करते हुए कहा कि मौका-ए-वारदात से ढेर हुए आतंकवादियों की पहली तस्वीर में अन्य आतंकियों की लाश के साथ फ़राज़ की लाश को भी दिखाया गया था पर बाद की सभी तस्वीरों में फ़राज़ की जगह रेस्त्रां के शेफ की लाश को दिखाया गया है.

ये भी पढ़ें- ढाका अटैक: आईएस हमारे पास आ चुका है!

बेकरी से प्राप्त वीडियो में भी फ़राज़ को सफेद केड्स में देखा गया है और वह पहली तस्वीर, जिसमें उसकी लाश अन्य आतंकियों के साथ थी, उसमें भी फ़राज़ के नाम से चिन्हित नौजवान को सफेद केड्स में ही देखा गया. बाद में फराज़  की  जगह शेफ के कपड़ों  में एक  व्यक्ति की लाश दिखाई गयी. शेफ का नाम सैफुल बताया जा रहा है.

पत्रिका के मुताबिक सैफुल को भी आतंकी बताया जा रहा है जबकि वह...

पिछले तीन-चार दिनों से सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका के 20 साल के फराज़ नामक नौजवान को हीरो बनाकर पेश किया गया. तथ्य ही ऐसे प्रस्तुत किए गए कि कोई भी उसे हीरो ही मानता. बांग्लादेश की पत्रिका "दैनिक निरपेक्ष" के मुताबिक ढाका के गुलशन होली आर्टीजन बेकरी में हुए आतंकवादी हमले में हीरो बनाया गया नौजवान फ़राज़ अयाज हुसैन हीरो नहीं, बल्कि आतंकवादियों में से ही एक था.

 सोशल मीडिया पर फराज की हीरो वाली छवि प्रचारित की जा रही है

फ़राज़ ट्रांसकॉम ग्रुप के चेयरमैन लतिफ्फुर रहमान का नाती था. पत्रिका ने आतंकवादी निब्रस इस्लाम के साथ उसकी तस्वीर को साझा करते हुए कहा कि मौका-ए-वारदात से ढेर हुए आतंकवादियों की पहली तस्वीर में अन्य आतंकियों की लाश के साथ फ़राज़ की लाश को भी दिखाया गया था पर बाद की सभी तस्वीरों में फ़राज़ की जगह रेस्त्रां के शेफ की लाश को दिखाया गया है.

ये भी पढ़ें- ढाका अटैक: आईएस हमारे पास आ चुका है!

बेकरी से प्राप्त वीडियो में भी फ़राज़ को सफेद केड्स में देखा गया है और वह पहली तस्वीर, जिसमें उसकी लाश अन्य आतंकियों के साथ थी, उसमें भी फ़राज़ के नाम से चिन्हित नौजवान को सफेद केड्स में ही देखा गया. बाद में फराज़  की  जगह शेफ के कपड़ों  में एक  व्यक्ति की लाश दिखाई गयी. शेफ का नाम सैफुल बताया जा रहा है.

पत्रिका के मुताबिक सैफुल को भी आतंकी बताया जा रहा है जबकि वह आतंकी नहीं है. पत्रिका के मुताबिक़ फ़राज़ के नाना की पत्रिका "प्रोथोम आलो" ने उसे हीरो बनाया है और उनके रसूख के कारण ही फ़राज़ का नाम छुपाया जा रहा है!! आतंकी निब्रस के साथ फराज़ की तस्वीर को देखकर कयास लगाया जा रहा है कि उन दोनों की दोस्ती पुरानी है और इसलिए फराज़ भी इस हमले में शामिल हो सकता है.

अपने दोस्तों के साथ फराज(बीच में)

शुक्रवार को हुए इस आतंकी हमले में कुल तीन  बांग्लादेशी मारे गए थे. सेना की कार्यवाही के बाद 5 आतंकियों के मारे जाने और एक आतंकी के आहत होने की खबर आई थी. अभी इस मामले की छानबीन चल रही है और कई अन्य जानकारियों का सामने आना बाकी है.

ये भी पढ़ें- ये धर्म का पैगाम देते हैं और बंदे बंदूक थाम लेते हैं...

दीगर बात है आज भी देवी ढाकेश्वरी के नाम से ढाका शहर की पहचान है. ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है. भारत के विभाजन से पहले तक लगभग 300 साल पुराना ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था. ऐसे में इस्लाम के नाम पर किया गया नरसंहार इस शहर की सांस्कृतिक विरासत के लिए भी खतरा है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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