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तो क्या पोर्नहब बहुत संस्कारी और 'गुड तालिबान' जैसा है ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 01 दिसम्बर, 2018 04:10 PM
  • 01 दिसम्बर, 2018 04:10 PM
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पोर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट की बात से साफ है कि वो अपनी वेबसाइट को संस्कारी बता रहे हैं और हमें भी इसे वैसे ही देखना चाहिए जैसे यूएन और अमेरिका गुड तालिबान को देखते और उसकी इज्जत करते हैं.

हममें से कोई विरला ही होगा जिसने तालिबान के बारे में नहीं सुना होगा. उत्तरी पाकिस्तान में तालिबान का उदय तब हुआ जब 90 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेना वापस जा रही थी. इसके बाद 1994 में पशतूनों के नेतृत्व में उभरने वाला तालिबान, अफगानिस्तान के परिदृश्य में खुलकर सामने आया. जैसे-जैसे दिन बड़े तालिबान राजनीति की भेंट चढ़ा और आज उसे हमारे सामने दो वर्गों में विभाजित कर लिया गया है. अब एक गुड तालिबान कहलाता है जबकि दूसरे को हम बैड तालिबान के नाम से जानते हैं. पोर्न का मामला भी कुछ ऐसा ही है. शायद आने वाले वक़्त में हम दो तरह की पोर्न देखें एक गुड पोर्न दूसरा बैड पोर्न. विचलित होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है.

भारत में पोर्न बैन को लेकर पोर्नहब के वीपी ने एक बेहद अजीब बात कही है

उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए देश के भीतर सभी तरह की पॉर्न सामग्री देने वाली 827 अश्लील वेबसाइट्स को बैन कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पॉर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट कोरी प्राइस का कहना है कि जहां एक तरफ पोर्न वेबसाइट बैन किये जाने से भारत में असंतोष है, तो वहीं आने वाले वक़्त में पोर्न की तलाश करते हुए लोग उन रिस्की वेबसाइट्स पर चले जाएंगे जिनपर "अश्लील कंटेंट" है.

इसके अलावा कोरी ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए भारतीय न्याय व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि, 'ये फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया है. भारतीय संविधान में अभी ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें पोर्न देखने को गैर कानूनी कहा गया है. भारत में पोर्न को बैन किये जाने पर पोर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट ने ये भी कहा है कि कोर्ट के इस फैसले से भारत के लोगों में गहरा असंतोष है और वो आहत हैं.

ऐसे में अब अगर कोरी की...

हममें से कोई विरला ही होगा जिसने तालिबान के बारे में नहीं सुना होगा. उत्तरी पाकिस्तान में तालिबान का उदय तब हुआ जब 90 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेना वापस जा रही थी. इसके बाद 1994 में पशतूनों के नेतृत्व में उभरने वाला तालिबान, अफगानिस्तान के परिदृश्य में खुलकर सामने आया. जैसे-जैसे दिन बड़े तालिबान राजनीति की भेंट चढ़ा और आज उसे हमारे सामने दो वर्गों में विभाजित कर लिया गया है. अब एक गुड तालिबान कहलाता है जबकि दूसरे को हम बैड तालिबान के नाम से जानते हैं. पोर्न का मामला भी कुछ ऐसा ही है. शायद आने वाले वक़्त में हम दो तरह की पोर्न देखें एक गुड पोर्न दूसरा बैड पोर्न. विचलित होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है.

भारत में पोर्न बैन को लेकर पोर्नहब के वीपी ने एक बेहद अजीब बात कही है

उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए देश के भीतर सभी तरह की पॉर्न सामग्री देने वाली 827 अश्लील वेबसाइट्स को बैन कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पॉर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट कोरी प्राइस का कहना है कि जहां एक तरफ पोर्न वेबसाइट बैन किये जाने से भारत में असंतोष है, तो वहीं आने वाले वक़्त में पोर्न की तलाश करते हुए लोग उन रिस्की वेबसाइट्स पर चले जाएंगे जिनपर "अश्लील कंटेंट" है.

इसके अलावा कोरी ने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए भारतीय न्याय व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि, 'ये फैसला बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया है. भारतीय संविधान में अभी ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें पोर्न देखने को गैर कानूनी कहा गया है. भारत में पोर्न को बैन किये जाने पर पोर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट ने ये भी कहा है कि कोर्ट के इस फैसले से भारत के लोगों में गहरा असंतोष है और वो आहत हैं.

ऐसे में अब अगर कोरी की बातों को गंभीरता से लें और उनका अवलोकन करें तो मिलता है कि, पोर्नहब अश्लील नहीं है और ये गुड तालिबान की तरह है. जिसे बैड का नाम देकर पूरे पोर्न जगत को न सिर्फ बदनाम किया गया. बल्कि उसकी पूरी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए गए.

गौरतलब है कि भारत में पोर्न वेबसाइट्स लम्बे समय से सरकार के लिए सिर दर्द बनी हुई थीं और उसपर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया था. ऐसे में पोर्न पर लगे बैन के बाद, जहां एक तरफ एक वर्ग ने इस फैसले की प्रशंसा की थी तो वहीं दूसरा वर्ग वो भी था जिसका मानना था कि पोर्न पर बैन लगाना समस्या का समाधान नहीं है.

ज्ञात हो कि आज भारत पोर्न का सबसे बड़ा बाजार है. बात अगर पोर्न के ट्रैफिक की हो तो आंकड़े बताते हैं कि भारत पॉर्नहब के ट्रैफिक का तीसरा सबसे बड़ा देश है. अलेक्सा रैंकिंग के हिसाब से भारत में पोर्नहब 29वें पायदान पर है. पोर्न हब की ये रैंकिंग बता रही हैं कि जब बात एडल्ट एंटरटेनमेंट की आएगी तो लोगों द्वारा किसी भी तरह के बैन का तोड़ निकाल ही लिया जाएगा.

बहरहाल, जिस तरह से पोर्नहब के वाइस प्रेसिडेंट ने ये कहकर सुर्खियां बटोरने का प्रयास किया है, वो ये बता देता है कि कोरी पोर्नहब को संस्कारी मानते हैं और हमें और हमारी सरकार दोनों को बाध्य कर रहे हैं कि हमें इसे वैसे ही देखना चाहिए जैसे ट्रंप से लेकर यूएन तक सब गुड तालिबान को देखते और उसे इज्जत देते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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