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प्रधानमंत्री मोदी को केजरीवाल का इतना सम्मान देना चुनावी यू-टर्न

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 31 जनवरी, 2020 08:47 PM
  • 31 जनवरी, 2020 08:47 PM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) के अंतर्गत स्टार प्रचारक के रूप में पाकिस्तान (Pakistan) का सामने आना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का उनको जवाब देना. किसी ज़माने में पाकिस्तान के फेवरेट केजरीवाल ने ये सीख कांग्रेस (Congress) से ली है और एक सेफ दांव खेला है.

पाकिस्‍तान के खिलाफ मोदी सरकार के हर कदम की आलोचना करते आ रहे दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली चुनाव से पहले अचानक रंग बदल लिया है. सर्जिकल स्‍ट्राइक के खिलाफ केजरीवाल के जहरीले भाषणों का इस्‍तेमाल जब पाकिस्‍तानी मीडिया कर रहे था, तब केजरीवाल कुछ नहीं बोले. लेकिन ऐन चुनाव के मौके पर खेल बिगड़ता देख केजरीवाल ने मोदी सरकार वाली लाइन ले ही ली. इसके लिए उन्‍होंने पाकिस्‍तान में इमरान खान सरकार के बड़बोले मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के ट्वीट को चुना. 'ट्विटर-योद्धा' फवाद हुसैन ने गुरुवार को कहा था कि दिल्‍ली चुनाव हारने के डर से प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन रहे हैं. फवाद हुसैन के ट्वीट पर किसी भाजपाई ने तो तवज्‍जो नहीं दी, लेकिन सबको हैरान करते हुए केजरीवाल ने शुक्रवार को एक जवाबी ट्वीट दाग दिया. प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्‍मान दर्शाता उनका संदेश कई लोगों चोर की दाढ़ी में तिनके जैसा लगा. राजनीतिक जानकारों ने इसे चुनावी यु-टर्न करार दिया.

दिल्ली चुनाव (Delhi Assembly Election) में प्रमुख मुकाबला आप आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भाजपा (BJP) के ही बीच है. बीच-बीच में कांग्रेस (Congress) भी प्रचार की खानापूर्ति कर रही है. जामिया और शाहीन बाग के CAA protest में आम आदमी पार्टी नेताओं की भूमिका को लेकर माहौल गरमाया हुआ है. अभी बीजेपी और आप के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर चल ही रहा था कि पाकिस्‍तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने अपने ट्वीट से दिल्‍ली चुनाव की जंग में तड़का लगाने की कोशिश की. फवाद हुसैन ने दिल्‍ली चुनाव में बीजेपी के हारने की बात की. आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों और केजरीवाल को लगा कि कहीं वोटर इस ट्वीट को आम आदमी पार्टी के पक्ष में पाकिस्‍तान का प्रचार न समझ लें, वे भी तुरंत ट्विटर पर सक्रिय हो गए. केजरीवाल ने उन्‍हीं प्रधानमंत्री मोदी को 'अपना प्रधानमंत्री' कहा जिन्‍हें उन्‍होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में 'मनोरोगी' कह डाला था. केजरीवाल के इस यू-टर्न को उनके पुराने साथी कुमारी विश्‍वास ने बखूबी...

पाकिस्‍तान के खिलाफ मोदी सरकार के हर कदम की आलोचना करते आ रहे दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली चुनाव से पहले अचानक रंग बदल लिया है. सर्जिकल स्‍ट्राइक के खिलाफ केजरीवाल के जहरीले भाषणों का इस्‍तेमाल जब पाकिस्‍तानी मीडिया कर रहे था, तब केजरीवाल कुछ नहीं बोले. लेकिन ऐन चुनाव के मौके पर खेल बिगड़ता देख केजरीवाल ने मोदी सरकार वाली लाइन ले ही ली. इसके लिए उन्‍होंने पाकिस्‍तान में इमरान खान सरकार के बड़बोले मंत्री चौधरी फवाद हुसैन के ट्वीट को चुना. 'ट्विटर-योद्धा' फवाद हुसैन ने गुरुवार को कहा था कि दिल्‍ली चुनाव हारने के डर से प्रधानमंत्री मोदी क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन रहे हैं. फवाद हुसैन के ट्वीट पर किसी भाजपाई ने तो तवज्‍जो नहीं दी, लेकिन सबको हैरान करते हुए केजरीवाल ने शुक्रवार को एक जवाबी ट्वीट दाग दिया. प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्‍मान दर्शाता उनका संदेश कई लोगों चोर की दाढ़ी में तिनके जैसा लगा. राजनीतिक जानकारों ने इसे चुनावी यु-टर्न करार दिया.

दिल्ली चुनाव (Delhi Assembly Election) में प्रमुख मुकाबला आप आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भाजपा (BJP) के ही बीच है. बीच-बीच में कांग्रेस (Congress) भी प्रचार की खानापूर्ति कर रही है. जामिया और शाहीन बाग के CAA protest में आम आदमी पार्टी नेताओं की भूमिका को लेकर माहौल गरमाया हुआ है. अभी बीजेपी और आप के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर चल ही रहा था कि पाकिस्‍तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने अपने ट्वीट से दिल्‍ली चुनाव की जंग में तड़का लगाने की कोशिश की. फवाद हुसैन ने दिल्‍ली चुनाव में बीजेपी के हारने की बात की. आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों और केजरीवाल को लगा कि कहीं वोटर इस ट्वीट को आम आदमी पार्टी के पक्ष में पाकिस्‍तान का प्रचार न समझ लें, वे भी तुरंत ट्विटर पर सक्रिय हो गए. केजरीवाल ने उन्‍हीं प्रधानमंत्री मोदी को 'अपना प्रधानमंत्री' कहा जिन्‍हें उन्‍होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में 'मनोरोगी' कह डाला था. केजरीवाल के इस यू-टर्न को उनके पुराने साथी कुमारी विश्‍वास ने बखूबी पकड़ा. केजरीवाल के ट्वीट पर उन्‍होंने कुछ इस अंदाज में टिप्‍पणी की: "चुनाव क्या न कराए. जब इसी PM को 'कायर-मनोरोगी' कह रह थे तब यह भेड़िया-धर्मी विनम्रता स्वराज में डाल रखी थी? जब सेना के शौर्य के सबूत माँग कर इसी पाकिस्तान में अपनी जयजयकार करवा रहे थे,सेना के शौर्य को मेरे प्रणाम वाले वीडियो पर अमानती-गुंडा छोड़ रहे थे,तब PM क्या 2G गुप्ता थे?"

समर्थन करने आए चौधरी फवाद हुसैन को जवाब देकर केजरीवाल ने खुद को बचाया है

केजरीवाल ने अपने पांच साल के कार्यकाल में लगभग साढ़े चार साल प्रधानमंत्री मोदी पर कई बार निजी, तो कई बार राजनैतिक हमले किए. लेकिन लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उन्‍हें यह ज्ञान प्राप्‍त हो गया कि मोदी से सीधे भिड़ना उनके लिए नकारात्‍मक ही साबित हुआ है. ऐसे में अचानक से उन्‍होंने मोदी-प्रेम में ही अपना राजनीतिक अस्तित्‍व ढूंढ लिया है. चाहे अर्थव्‍यवस्‍था हो, धारा 370 हो या नागरिकता कानून, खुले तौर पर उन्‍होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई टिप्‍पणी करने से गुरेज किया. जबकि उसके पहले यही केजरीवाल उन मामलों में भी मोदी का पीछा नहीं छोड़ रहे थे, जिनसे उनकी सियासत का सीधा लेना-देना नहीं था. पहले पाकिस्‍तान को ही लेते हैं. केजरीवाल ने पहले उरी हमले के बाद भारतीय सेना की सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सवाल उठाया. फिर बालाकोट सर्जिकल स्‍ट्राइक के न सिर्फ सबूत मांगे, बल्कि पाकिस्‍तान के प्रति आक्रामक रुख देने को ही औचित्‍यहीन करार दे दिया. केजरीवाल के ये वीडियो पाकिस्‍तान में तो लोकप्रिय हुए ही, पाकिस्‍तान ने इसे दुनिया को भारत की ज्यादती का सबूत बनाकर दिखाया.

केजरीवाल ने सिर्फ उरी सर्जिकल स्‍ट्राइक पर ही सवाल नहीं उठाया. पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट सर्जिकल स्‍ट्राइक तो वे आग बबूला ही हो गए. दिल्‍ली विधानसभा में उन्‍होंने मोदी सरकार पर चुनाव जीतने की खातिर पाकिस्‍तान पर सर्जिकल स्‍ट्राइक करवाने का आरोप लगा डाला. और जब उनका वीडियो वायरल हुआ, तो उसे पाकिस्‍तानी मीडिया ने भी बखूबी इस्‍तेमाल किया.

अब तक केजरीवाल पाकिस्‍तान के मामले में मोदी पर हमला करते आए थे, लेकिन जब पाकिस्‍तान ने दिल्‍ली चुनाव को लेकर मोदी पर हमला करते हुए अप्रत्‍यक्ष रूप से आप के मन की बात की, तो केजरीवाल सतर्क हो गए. दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले पाकिस्‍तान ने कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी के बयानों का इस्‍तेमाल किया था, वह कांग्रेस के खिलाफ गया. केजरीवाल ये रिस्‍क लेना नहीं चाहते थे. केजरीवाल के पुराने बयानों का पाकिस्‍तान ने जैसा भी इस्‍तेमाल किया हो, उन्‍होंने उस पर ऐतराज नहीं किया. लेकिन दिल्‍ली चुनाव को लेकर पाकिस्‍तान का मोदी पर हमला केजरीवाल को अपने खिलाफ जाता दिखा है.

केजरीवाल ने होशियारी से दाव खेला है.

समर्थन के बावजूद जिस तरह का रुख पाकिस्तान से उठी बातों पर केजरीवाल का रहा है, कह सकते हैं कि भले ही बैटिंग उनकी तरफ से हुई है मगर पाकिस्तान के मंत्री को अपने प्रधानमंत्री की महिमा बताने वाले केजरीवाल ने एक बड़ा दाव खेला है. पूर्व में केजरीवाल दूध से जल चुके हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी का भी हश्र देखा है इसलिए अब वो छाछ भी फूंक फूंककर पी रहे हैं. केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का भविष्य क्या होगा इसका जवाब हमें वक़्त देगा. लेकिन जो वर्तमान है उसने ये बता दिया है कि केजरीवाल अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए किसी भी स्‍तर पर जा सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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