• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

धीरे-धीरे अरब बनता जा रहा है केरल !

    • राकेश चंद्र
    • Updated: 28 सितम्बर, 2016 05:08 PM
  • 28 सितम्बर, 2016 05:08 PM
offline
केरल की परम्परागत ड्रेस शर्ट और मुंडू को रिटायर करके अरबी चोंगा पहनना और सर पर गोल टोपी का स्वागत शुरू हो गया है. दुकानों के साइनबोर्ड पर लिखावट भले अंग्रेजी हो, लेकिन स्टाइल अरब वाला है.

कुछ साल बाद दुबई या सऊदी अरब जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, केरल में ही अरब देशों के दर्शन हो जाएंगे.

जहाँ एक और केरल के कासरगोड़ और पलक्कड़ जिले से 21 नौजवान मई और जून के महीने में रहस्यमय तरीके से गायब हैं और उनके ISIS में शामिल होने के आशंका जाहिर की जा रही, वहीं केरल में मुस्लिमों का एक वर्ग वह भी है जो धीरे-धीरे अरबीकरण की ओर बढ़ रहा है.

केरल का यह मुस्लिम समुदाय तेजी से अरब कल्चर को अपना रहा है. यहां तक कहा जा रहा कि केरल में नया अरब व छोटा अरब तैयार हो रहा है. इसका मुख्य कारण है केरल के मुस्लिम समुदाय पर मिडिल ईस्ट देशों का बहुत प्रभाव है. केरल के हर इलाके का कोई न कोई व्यक्ति अरब में काम कर रहा है या फिर काम करके वापस आ चुका है. इसे एक तरह का पश्चिमीकरण भी कहा जा सकता है. जिस प्रकार से इंग्लैंड में रह चुके भारतीयों ने अंग्रेजी कल्चर को अपनाया उसी प्रकार केरल के मुसलमान अरब की सभ्यता की और अग्रसर हैं.

यहां के मुस्लिम युवाओं को लंबी दाढ़ी और गोल टोपी पहने हुए देखा जा सकता है तो दूसरी तरफ मुस्लिम स्त्रियों को बुर्का पहने हुए देखा जा सकता है.

परिवर्तन सिर्फ पहनावे में ही नहीं बरन दैनिक रहन सहन में भी देखा जा सकता है. उत्तरी केरल के मुस्लिम मिडिल ईस्ट जैसाशैली को तेजी से अपना रहे हैं.

 पोस्टर पर अरब की छाप

अरबी चोंगा

मध्य वर्ग के मुस्लमान लगभग पूरी अरब की तरह ही सफेद रंग का जुब्बा थोब पहनने लगे हैं. केरल में रहने वाले मुस्लिम पुरुषों ने यहां की पारंपरिक पोशाक मुंडू और शर्ट को पूरी तरह से त्याग दिया है. अब ये लोग गल्फ देशों से प्रेरित होकर सफेद रंग संपन्न कपड़ों में नजर...

कुछ साल बाद दुबई या सऊदी अरब जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, केरल में ही अरब देशों के दर्शन हो जाएंगे.

जहाँ एक और केरल के कासरगोड़ और पलक्कड़ जिले से 21 नौजवान मई और जून के महीने में रहस्यमय तरीके से गायब हैं और उनके ISIS में शामिल होने के आशंका जाहिर की जा रही, वहीं केरल में मुस्लिमों का एक वर्ग वह भी है जो धीरे-धीरे अरबीकरण की ओर बढ़ रहा है.

केरल का यह मुस्लिम समुदाय तेजी से अरब कल्चर को अपना रहा है. यहां तक कहा जा रहा कि केरल में नया अरब व छोटा अरब तैयार हो रहा है. इसका मुख्य कारण है केरल के मुस्लिम समुदाय पर मिडिल ईस्ट देशों का बहुत प्रभाव है. केरल के हर इलाके का कोई न कोई व्यक्ति अरब में काम कर रहा है या फिर काम करके वापस आ चुका है. इसे एक तरह का पश्चिमीकरण भी कहा जा सकता है. जिस प्रकार से इंग्लैंड में रह चुके भारतीयों ने अंग्रेजी कल्चर को अपनाया उसी प्रकार केरल के मुसलमान अरब की सभ्यता की और अग्रसर हैं.

यहां के मुस्लिम युवाओं को लंबी दाढ़ी और गोल टोपी पहने हुए देखा जा सकता है तो दूसरी तरफ मुस्लिम स्त्रियों को बुर्का पहने हुए देखा जा सकता है.

परिवर्तन सिर्फ पहनावे में ही नहीं बरन दैनिक रहन सहन में भी देखा जा सकता है. उत्तरी केरल के मुस्लिम मिडिल ईस्ट जैसाशैली को तेजी से अपना रहे हैं.

 पोस्टर पर अरब की छाप

अरबी चोंगा

मध्य वर्ग के मुस्लमान लगभग पूरी अरब की तरह ही सफेद रंग का जुब्बा थोब पहनने लगे हैं. केरल में रहने वाले मुस्लिम पुरुषों ने यहां की पारंपरिक पोशाक मुंडू और शर्ट को पूरी तरह से त्याग दिया है. अब ये लोग गल्फ देशों से प्रेरित होकर सफेद रंग संपन्न कपड़ों में नजर आते है.

 पारंपरिक पोशाक मुंडू और शर्ट की जगह ले रहा है ये चोंगा

पारंपरिक डिश

कोजीकोडे और मल्लापुरम जिलों में होने वाली मुस्लिम शादियों में यमन की पारंपरिक डिश मंडी को चिकन के साथ बनाया जा रहा है. यमन की इस डिश ने यहां पर सबसे पसंदीदा डिश बिरयानी की जगह ले ली है.

 यमन की पारंपरिक डिश मंडी से बिरयानी पर खतरा

इस्लामिक कैलेंडर

पिछले कुछ ही सालों से केरल की मुस्लिम संस्थाएं राज्य का इस्लामिक कैलेंडर बना रही हैं जो कि कभी सिर्फ अरब देशों में बंटा करते थे.

 इस्लामिक कैलेंडर

अरबी में लिख रहे बिजनेस हाउस का नाम

मुसलमानों के बिजनेस हाउस के नाम तक अरबी स्टाइल में लिखे जा रहे हैं. यहां बसों में भी अरबी भाषा की तख्ती नजर आ रही है. व्हाट्सएप पर मैसेज के साथ अग्रेंजी शब्द भी अरबी भाषा में है.

स्वाद का जायका

पिछले कुछ सालो में केरल के मुसलमानों का खाने का स्वाद भी बदल गया है मंडी चावल और काबसा अब केरल में खूब बिक रहा है.

 अरब का स्वाद केरल में

अरबी विश्वविद्यालय

2014 केरल के शैक्षिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए केरल राज्य उच्च शिक्षा आयोग (केएसएचईसी) ने एक अरबी विश्वविद्यालय की स्थापना करने की योजना बनायी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲