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ये मजाक नहीं है, जानवर भी हो सकते हैं अपराधी

    • आईचौक
    • Updated: 11 फरवरी, 2016 08:28 PM
  • 11 फरवरी, 2016 08:28 PM
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छत्तीसगढ़ में पुलिस ने एक बकरी को गिरफ्तार किया जो एक जज के बगीचे की घास चर जाती थी. लेकिन ये पहला मामला नहीं है जब पुलिस, ने जानवरों पर तुरंत एक्शन लिया हो.

इंसान अगर कोई अपराध करता है तो उसे सजा मिलती है, लेकिन गलती अगर कोई जानवर करे और गिरफ्तार भी हो जाए, तो मामला जरा अजीब लगता है. छत्तीसगढ़ के कोरिया में एक ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया जहां एक बकरी और उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया. बकरी का कसूर सिर्फ इतना था कि वो एक जज के गार्डन में लगी घास चर जाती थी. अब बेचारी बकरी को तो घास खाने से मतलब है, वो ये हिसाब-किताब तो नहीं करेगी कि घास का मालिक कौन है. और बकरी का मालिक इसलिए धरा गया क्योंकि वो बकरी उसकी थी.

बकरी अक्सर गार्डन में घुसकर घास के साथ-साथ फूल पत्ते भी खा जाती थी, जिससे जज साहब खफा रहते. वो ठहरे कानून के जानकार, तो उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. अब जज की शिकायत पर पुलिस भला कैसे एक्शन न लेती. पुलिस ने तुरंत बकरी को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसके मालिक को भी धर लिया. उनपर धारा 427 और धारा 447 भी लगा दी गई. हालांकि बकरी के मालिक को जमानत मिल गई है. इस पूरे मामले में जो सबसे खास और सबसे निराश करने वाली बात रही वो ये कि छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि- बार बार चेतावनी देने के बावजूद भी बकरी बगीचे में घास चरती थी.

बकरी को गिरफ्तार करके पुलिस ने जो कर्तव्य निभाया है उससे जज साहब तो बहुत खुश हुए होंगे लेकिन पुलिस खुद मजाक बनकर रह गई.

कितनी हैरानी की बात है कि हम उस देश में रहते हैं जहां बलात्कारी और हत्यारे खुले घूमते हैं और बेजुबान जानवरों को गिरफ्तार किया जाता है. ये कोई पहला मामला नहीं है जब ऐसी कोई घटना हुई हो.

* 2015 में चंद्रपुर महाराष्ट्र की एक बूढ़ी महिला ने एक तोते पर अभद्र कमेंट करने का आरोप लगाया था. महिला का कहना था कि तोते के मालिक ने तोते को अभद्र भाषा की ट्रेनिंग दी, जिससे दो सालों से तोता उसे परेशान कर रहा था. पुलिस ने तोते को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसपर अपराध साबित नही हुआ तो उसे वन विभाग को सौंप दिया गया.   

* 2010 में पंजाब में भी पुलिस ने एक कबूतर को गिरफ्तार किया था. उनका शक था...

इंसान अगर कोई अपराध करता है तो उसे सजा मिलती है, लेकिन गलती अगर कोई जानवर करे और गिरफ्तार भी हो जाए, तो मामला जरा अजीब लगता है. छत्तीसगढ़ के कोरिया में एक ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला सामने आया जहां एक बकरी और उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया. बकरी का कसूर सिर्फ इतना था कि वो एक जज के गार्डन में लगी घास चर जाती थी. अब बेचारी बकरी को तो घास खाने से मतलब है, वो ये हिसाब-किताब तो नहीं करेगी कि घास का मालिक कौन है. और बकरी का मालिक इसलिए धरा गया क्योंकि वो बकरी उसकी थी.

बकरी अक्सर गार्डन में घुसकर घास के साथ-साथ फूल पत्ते भी खा जाती थी, जिससे जज साहब खफा रहते. वो ठहरे कानून के जानकार, तो उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. अब जज की शिकायत पर पुलिस भला कैसे एक्शन न लेती. पुलिस ने तुरंत बकरी को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसके मालिक को भी धर लिया. उनपर धारा 427 और धारा 447 भी लगा दी गई. हालांकि बकरी के मालिक को जमानत मिल गई है. इस पूरे मामले में जो सबसे खास और सबसे निराश करने वाली बात रही वो ये कि छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि- बार बार चेतावनी देने के बावजूद भी बकरी बगीचे में घास चरती थी.

बकरी को गिरफ्तार करके पुलिस ने जो कर्तव्य निभाया है उससे जज साहब तो बहुत खुश हुए होंगे लेकिन पुलिस खुद मजाक बनकर रह गई.

कितनी हैरानी की बात है कि हम उस देश में रहते हैं जहां बलात्कारी और हत्यारे खुले घूमते हैं और बेजुबान जानवरों को गिरफ्तार किया जाता है. ये कोई पहला मामला नहीं है जब ऐसी कोई घटना हुई हो.

* 2015 में चंद्रपुर महाराष्ट्र की एक बूढ़ी महिला ने एक तोते पर अभद्र कमेंट करने का आरोप लगाया था. महिला का कहना था कि तोते के मालिक ने तोते को अभद्र भाषा की ट्रेनिंग दी, जिससे दो सालों से तोता उसे परेशान कर रहा था. पुलिस ने तोते को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसपर अपराध साबित नही हुआ तो उसे वन विभाग को सौंप दिया गया.   

* 2010 में पंजाब में भी पुलिस ने एक कबूतर को गिरफ्तार किया था. उनका शक था कि कबूतर एक पाकिस्तानी जासूस था. क्योंकि उसके एक पैर में उर्दी में लिखा एक संदेश बंधा हुआ था. कबूतर को पुलिस की कड़ी निगरानी में रखा गया और उसका बाकायदा परीक्षण किया गया कि कहीं उसके अंदर किसी तरह का कोई उपकरण न छुपाया गया हो.   

* 2013 में चेन्नई पुलिस ने तीन बकरियों और उसकी मालकिन को गरफ्तार किया. पुलिस का आरोप था कि बकरियों ने पुलिस के वाहन को नुक्सान पहुंचाया था. असल में घास चरते चरते कुछ बकरियां पुलिस की गाड़ी पर चड़ गईं और कूद फांद की, गाड़ी के वाइपर खराब हो गए और गाड़ी में डेंट पड़ गए. इस मामले में 12 बकरियों की शिकायत की गई थी लेकिन ढ़ूंढने पर केवल 3 बकरियां ही पकड़ में आईं.

* 2010 में छत्तीसगढ़ के धमतरी में पुलिस ने एक हाथी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. हाथी को एक व्यक्ति परेशान कर रहा था, हाथी को गुस्सा आ गया और उसने अपनी सूंड से उठाकर उस व्यक्ति को पटक दिया. इलाज के दौरान उस आदमी के मौत हो गई.

* 2013 में भारत के सबसे ऊंचे हाथी को भी पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. मंदिर में हो रहे समारोह में हाथी परेशान हुआ जिससे तीन महिलाएं उसकी चपेट में आ गई थीं, और उनकी मृत्यु हो गई. बाद में हाथी को बेल दे दी गई थी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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