• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

1958 में बताए गए थे दूल्हा ढूंढने के 129 तरीके जो आज भी सबक दे जाएंगे!

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 24 दिसम्बर, 2018 02:45 PM
  • 24 दिसम्बर, 2018 02:45 PM
offline
दूल्हा ढूंढने के 129 तरीके बताने वाला ये आर्टिकल दिखाता है कि 1958 से अब तक कितनी बदल गई है दुनिया.

अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया के इतिहास के बारे में आप क्या जानते हैं तो जवाब क्या होगा? मतलब उनकी जीवनशैली या उनके व्यवहार के बारे में कोई भी जानकारी है? इस सवाल का कोई तय जवाब नहीं हो सकता क्योंकि इतिहास अपने आप में बहुत विशाल है. पर अगर एक निर्धारित साल के बारे में पूछा जाए तो? 1958 के लोगों की जीवनशैली कैसी थी? 1950 के दशक में जहां दुनिया का हर देश खुद को नए जमाने की तकनीकों के साथ रमाने की कोशिश कर रहा था वहीं उस दौर के समाज में महिलाओं के लिए एक तय सोच थी. वो चाहें भारत में हो या फिर अमेरिका में वो सोच ये थी कि महिलाओं को एक बेहतर पति की तलाश करनी चाहिए.

उस दौर में जहां इंसान चांद पर कदम रखने से महज 10 साल दूर था वहां भी महिलाओं को पुरुषों को सेड्यूस करने और एक अच्छा पति पाने के गुण सिखाए जा रहे थे. इसका सबूत देती है ये पत्रिका. McCall's मैग्जीन जो करीब 150 सालों तक अमेरिका की एक महत्वपूर्ण पत्रिका रही है उसके 1958 के एक संस्करण में एक ऐसा आर्टिकल छपा था जो बता रहा था कि कैसे महिलाएं 129 तरीके से पति की तलाश कर सकती हैं. इसे हाल ही में फेसबुक पर एक यूजर ने शेयर किया है और इस पोस्ट को 4 हज़ार से भी ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.

वो फेसबुक पोस्ट जिसने इस मैग्जीन के आर्टिकल को वायरल किया

मैग्जीन का कवर फोटो

इस आर्टिकल में शुरुआत में लिखी गई है एक बड़ी समस्या. समस्या ये कि अमेरिका में 16 मिलियन महिलाएं ऐसी हैं जिनकी उम्र 17 के ऊपर है और उनकी शादी नहीं हुई है (“In the nited States today there are sixteen million...

अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया के इतिहास के बारे में आप क्या जानते हैं तो जवाब क्या होगा? मतलब उनकी जीवनशैली या उनके व्यवहार के बारे में कोई भी जानकारी है? इस सवाल का कोई तय जवाब नहीं हो सकता क्योंकि इतिहास अपने आप में बहुत विशाल है. पर अगर एक निर्धारित साल के बारे में पूछा जाए तो? 1958 के लोगों की जीवनशैली कैसी थी? 1950 के दशक में जहां दुनिया का हर देश खुद को नए जमाने की तकनीकों के साथ रमाने की कोशिश कर रहा था वहीं उस दौर के समाज में महिलाओं के लिए एक तय सोच थी. वो चाहें भारत में हो या फिर अमेरिका में वो सोच ये थी कि महिलाओं को एक बेहतर पति की तलाश करनी चाहिए.

उस दौर में जहां इंसान चांद पर कदम रखने से महज 10 साल दूर था वहां भी महिलाओं को पुरुषों को सेड्यूस करने और एक अच्छा पति पाने के गुण सिखाए जा रहे थे. इसका सबूत देती है ये पत्रिका. McCall's मैग्जीन जो करीब 150 सालों तक अमेरिका की एक महत्वपूर्ण पत्रिका रही है उसके 1958 के एक संस्करण में एक ऐसा आर्टिकल छपा था जो बता रहा था कि कैसे महिलाएं 129 तरीके से पति की तलाश कर सकती हैं. इसे हाल ही में फेसबुक पर एक यूजर ने शेयर किया है और इस पोस्ट को 4 हज़ार से भी ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.

वो फेसबुक पोस्ट जिसने इस मैग्जीन के आर्टिकल को वायरल किया

मैग्जीन का कवर फोटो

इस आर्टिकल में शुरुआत में लिखी गई है एक बड़ी समस्या. समस्या ये कि अमेरिका में 16 मिलियन महिलाएं ऐसी हैं जिनकी उम्र 17 के ऊपर है और उनकी शादी नहीं हुई है (“In the nited States today there are sixteen million women over the age of seventeen who are not married,”) इसके आगे लिखा है कि, 'वो यकीनन शादी करना चाहती होंगी, इसलिए हमने 16 लोगों की टीम को एक स्ट्रैटजी बनाने को कहा जिससे अकेली महिलाएं अपने लिए बेहतर साथी चुन सकती हैं.'

आर्टिकल में दिए गए 129 तरीके-

आर्टिकल की शुरुआत ही इन तरीकों से होती है.

पति चाहिए तो सबसे पहले कुत्ता पाल लीजिए

इस पेज पर लिखा है- कुत्ता पाल लीजिए और उसे घुमाने ले जाइए, अपनी कार कुछ निर्धारित जगहों पर खराब कर लीजिए, नाइट स्कूल में जाइए जहां पुरुष जाते हैं, हाइकिंग क्लब का हिस्सा बनिए. सेंसस रिपोर्ट देखिए और जानिए कि कहा सबसे ज्यादा सिंगल पुरुष हैं, शोक संदेश पढ़िए और जानिए कि किस पुरुष की पत्नी का स्वर्गवास हो गया है. गोल्फ सीखिए, कई जगहों पर छुट्टियों पर जाएं, पार्क में बेंच पर बैठकर कबूतरों को दाना दीजिए, यूरोप में साइकल ट्रिप पर जाएं, मेडिकल, डेंटल या लॉ में एक जॉब ले लीजिए, नर्स या एयर स्टीवर्डेस बन जाइए उनकी शादी की गुंजाइश ज्यादा होती है, अपनी सहेलियों के पतियों से पूछिए कि उनके ऑफिस में कौन से सिंगल पुरुष हैं.

इस पेज पर जो प्वाइंट लिखे गए हैं वो समझाते हैं कि महिलाएं अपना करियर भी इसी तरह से चुनें कि उन्हें पति ढूंढना है.

यानी सरकारी नौकरी के लिए मेहनत भी इसीलिए करिए क्योंकि पति ढूंढना है न कि अच्छा करियर चाहिए.

प्वाइंट 24 कहता है कि सुंदर महिलाओं से दोस्ती सिर्फ इसलिए करिए क्योंकि उनके द्वारा छोड़े हुए कुछ पुरुषों से बात की जा सकती है.

ये पृष्ठ बताता है कि हर जगह चाहें ट्रेन, बस, ऑफिस या दादी का घर कहीं भी जाना हो वहां लड़कों की तलाश कीजिए.

यहां तो नौकरी और घर बदलने की बात भी की जा रही है ताकि महिलाओं को पति ढूंढने में आसानी हो

साथ ही, अपने शरीर पर झूठी पट्टी बांधकर चलिए ताकि लोग तरस खाकर पूछ ही लें कि क्या हुआ है और किसी अच्छे लड़के से बात हो सके.

अपने पिता के पैसे खर्च कर फिल्मों की एक्स्ट्रा टिकट खरीदिए जिसे दिया जा सके.

ज्यादा पैसे कमाइए क्योंकि लोग इससे आकर्षित होंगे.

एक कन्वर्टिबल गाड़ी खरीद लीजिए क्योंकि पुरुषों को उसमें सफर करना पसंद है.

मतलब पैसे बिलकुल व्यर्थ ही बर्बाद कीजिए क्योंकि यही तो है पति ढूंढने का आसान तरीका.

अपने स्वास्थ्य का खयाल रखिए क्योंकि पुरुषों को बीमार लड़कियां नहीं पसंद.

यानी तबियत का ख्याल इसलिए न रखो क्योंकि तुम स्वस्थय रहना चाहती हो बल्कि इसलिए रखो क्योंकि तुमको पति चाहिए.

लड़के को अपनी एलर्जी के बारे में न बताएं.

हां, बिलकुल ऐसा क्यों करेंगे हम, भले ही हमें नट्स से एलर्जी हो पर फिर भी पीनट बटर ब्रेड खा लेंगे ताकि यमराज खुद हमें शान से लेने आएं. क्योंकि दूल्हा ढूंढना जरूरी है, जान थोड़ी न जरूरी है.

अपने नैतिक सिद्धांतों का पालन करें.

हां, जैसे अभी तक दी गई हर जानकारी पूरी तरह से नैतिक थी.

अपने माता-पिता को कहिए कि वो गायब हो जाएं जब आप उस लड़के के साथ डेट पर हों.

बिलकुल क्योंकि माता-पिता के लिए भी बेटी का ब्याह ही सबसे जरूरी है न.

शादी के बारे में बात मत करिए

हां बिलकुल उसे ऐसा थोड़ी लगना चाहिए कि आप उसे फंसा रही हैं.

उसे ये बताने की जरूरत नहीं कि वो अकेला है.

हां, क्योंकि उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए न कि उसे ऐसा कोई मिल रहा है जिसे कोई नहीं मिला. मेल ईगो हर्ट होगा न.

वो अगर पार्टी की जगह बोटिंग करना चाहे तो उसे करने दीजिए खुद भी जाइए भले ही इससे आपका सबसे बेस्ट ईवनिंग गाउन खराब ही क्यों न हो जाए

भला कपड़ों की किसे पर्वाह है. पति मिल जाए बस वही काफी है.

उसे कभी ये लगने न दें कि आपका करियर उससे ज्यादा जरूरी है.

क्योंकि आखिर मेरा पति मेरा देवता है वाला फंडा यहां भी लागू होगा न.

अगर माता-पिता मोटे हैं तो कहिए कि आपको गोद लिया है.

मतलब कुछ भी, पति को ये नहीं लगने देना है कि आप भविष्य में मोटी हो सकती हैं इसलिए माता-पिता को ही इग्नोर कर दिया जाए.

खुद का विज्ञापन दें, एक बिलबोर्ड में अपनी तस्वीर और फोन नंबर दें.

हां, ये अखबार के मेट्रिमोनियल विज्ञापन जैसा ही हो जाएगा शायद. पर उससे कही ज्यादा उतावलापन जरूर दिखेगा.

गंजों को पटाइए क्योंकि वो आसानी से पट जाएंगे.

भले ही इसके लिए विग ही क्यों न बेचना पड़े.

पति ढूंढने के ये तरीके बताते हैं कि आखिर समाज में औरतों को कैसे देखा जाता था. 17 से ऊपर हो गई और उसकी शादी नहीं हुई मतलब ये तो करो या मरो वाली स्थिती हो गई क्योंकि शादी तो जरूरी है. इस लिस्ट में दिए गए कुछ सुझाव तो इतने वाहियाद हैं कि उनके बारे में सोचकर ही लगता है कि अच्छा हुआ मैं उस दौर में पैदा नहीं हुई. महिलाओं के लिए अभी भी ऐसे कई नियम और ऐसे कई सुझाव लोगों के पास होते हैं जो कहते हैं कि समय पर शादी कर लेना सबसे ज्यादा जरूरी हैं. पर समाज की इन बातों को मानकर अपनी खुशियों का गला घोंट देना बेफिजूल है. शादी तब की जाए जब सही लड़का/लड़की मिले, जब आप पूरी तरह से तैयार हों. ये फालतू तरीके एक सबक ही देते हैं कि शादी के लिए उतावले नहीं होना चाहिए वर्ना कुछ ऐसी हालत हो जाती है.

ये भी पढ़ें-

शादियों के सीजन में ही महंगी शादियों का ट्रेंड खत्म कर देंगे केजरीवाल!

कौन हैं ईसा मसीह की पत्नियां?


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲