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Aamir Khan-Kiran Rao Divorce: रिश्तों को परफेफ्ट बनाने में परफेक्शनिस्ट की चूक!

    • सर्वेश त्रिपाठी
    • Updated: 03 जुलाई, 2021 09:28 PM
  • 03 जुलाई, 2021 09:22 PM
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आमिर खान और उनकी दूसरी पत्नी किरण राव के अलग होने की ख़बर है. आमिर ने ट्वीट कर यह जानकारी अपने फैंस से साझा की है. इस खबर ने उनके प्रशंसकों को एकबारगी चौंका दिया. इससे पूर्व आमिर खान ने जब अपनी पहली पत्नी से पंद्रह वर्ष पूर्व तलाक लेकर किरण राव से विवाह किया था तो वह भी एक चौंकाने वाली खबर बनी थी.

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और उनकी दूसरी पत्नी के अलग होने की ख़बर है. आमिर ने ट्वीट कर यह जानकारी लोगों से साझा की. ज़ाहिर सी बात है कि इस खबर ने उनके प्रशंसकों को एकबारगी चौंका दिया. इससे पूर्व आमिर खान ने जब अपनी पहली पत्नी से पंद्रह वर्ष पूर्व तलाक लेकर किरण राव से विवाह किया था तो वह भी एक चौंकाने वाली खबर बनी थी. आज अपने फैसले की घोषणा करते हुए किरण राव और आमिर ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि 'वे एक दूसरे के लिए को-पेरेंट्स और परिवार के रूप में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार हैं. संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि वे फिल्मों, उनके एनजीओ पानी फाउंडेशन और अन्य प्रोफेशनल प्रोजेक्ट में सहयोगी के रूप में काम करना जारी रखेंगे.' ज़ाहिर सी बात है कि जितनी सहजता से किरण - आमिर ने अपने अलग होने की यह घोषणा की हैं, उतनी ही सहजता से भारतीय समाज, किसी भी विवाह विच्छेद को हृदय से स्वीकार नहीं करता.

तलाक की खबर सामने आने के बाद आमिर खान और किरण राव ट्रोल्स के निशाने पर आ गए हैं

परंपरागत भारतीय समाज के अपने मानक हैं. बहुसंख्यक हिन्दू समाज में तो अब भी विवाह को एक संस्कार के रूप में जन्म जन्मांतर का साथ माना जाता है. ऐसे में किसी सार्वजनिक व्यक्तित्व के विवाह विच्छेद की ख़बर को सामाजिक लानत मलानत का विषय बनने में देर भी नहीं लगती. भाई लोग लगे पड़े हैं सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराने में

आमिर के अपनी पहली बीबी से तलाक़ के किस्से भी खोज खोजकर निकाले जा रहे हैं. कहने का मतलब यही है कि मोहल्ले की पंचायत चालू है कि आखिर क्या हुआ? क्यों हुआ ? कैसे हुआ? इस हुआ हुआ कि...

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और उनकी दूसरी पत्नी के अलग होने की ख़बर है. आमिर ने ट्वीट कर यह जानकारी लोगों से साझा की. ज़ाहिर सी बात है कि इस खबर ने उनके प्रशंसकों को एकबारगी चौंका दिया. इससे पूर्व आमिर खान ने जब अपनी पहली पत्नी से पंद्रह वर्ष पूर्व तलाक लेकर किरण राव से विवाह किया था तो वह भी एक चौंकाने वाली खबर बनी थी. आज अपने फैसले की घोषणा करते हुए किरण राव और आमिर ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि 'वे एक दूसरे के लिए को-पेरेंट्स और परिवार के रूप में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए तैयार हैं. संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि वे फिल्मों, उनके एनजीओ पानी फाउंडेशन और अन्य प्रोफेशनल प्रोजेक्ट में सहयोगी के रूप में काम करना जारी रखेंगे.' ज़ाहिर सी बात है कि जितनी सहजता से किरण - आमिर ने अपने अलग होने की यह घोषणा की हैं, उतनी ही सहजता से भारतीय समाज, किसी भी विवाह विच्छेद को हृदय से स्वीकार नहीं करता.

तलाक की खबर सामने आने के बाद आमिर खान और किरण राव ट्रोल्स के निशाने पर आ गए हैं

परंपरागत भारतीय समाज के अपने मानक हैं. बहुसंख्यक हिन्दू समाज में तो अब भी विवाह को एक संस्कार के रूप में जन्म जन्मांतर का साथ माना जाता है. ऐसे में किसी सार्वजनिक व्यक्तित्व के विवाह विच्छेद की ख़बर को सामाजिक लानत मलानत का विषय बनने में देर भी नहीं लगती. भाई लोग लगे पड़े हैं सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराने में

आमिर के अपनी पहली बीबी से तलाक़ के किस्से भी खोज खोजकर निकाले जा रहे हैं. कहने का मतलब यही है कि मोहल्ले की पंचायत चालू है कि आखिर क्या हुआ? क्यों हुआ ? कैसे हुआ? इस हुआ हुआ कि प्रश्न शैली सियारों की हुंवा हुंवा में कब तब्दील हो जाती है हमें पता ही नहीं चलता.

अरे यार मियां बीबी का अपना मसला है. दोनों व्यस्क और सफल है. ऐसा देखा जाता है कि कलाकारों और बौद्धिक व्यक्तियों कि ऐसी जोड़ियां कई बार शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक साहचर्य के लोभ में भी बनती है. अब एक समय के बाद नहीं पटी तो नहीं पटी. अब जिन रिश्तों में गर्माहट नहीं बची हो उसे किस किताब में लिखा है कि ढोना ही चाहिए?

मुझे तो लगता है गॉसिप पसंद समाज को को दोनों के सहजतापूर्ण अलगाव में कोई चटखारेदार लड़ने भिड़ने की कहानी नहीं मिल रही तभी पेट में मरोड़ उठ रही है. यार भाई जी और बहिन जी लोग मोहल्ले की बी जमालों के स्तर से ऊपर उठिए अब. आंखे खोलिये और देखिए इक्कीसवीं सदी के भी इक्कीस साल गुजरने वाले है.

गलत क्या है इसमें? इसके उत्तर में भारतीय समाज के प्रगतिशील तबके और परंपरावादियों में आपको सदैव भिन्न भिन्न विचार ही मिलेंगे. मुख्य धारा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में आपको इन दोनों विचारों के तर्क बहुत आसानी से दिख जायेंगे. प्रगतिशील सोच जहां दोनों के विवाह के विघटन को एक सामान्य घटना के रूप मानती है. वहीं परंपरागत सोच इस समूचे घटनाक्रम को संस्कार और पारिवारिक मूल्यों में क्षरण के रूप में प्रस्तुत कर रही है.

इसमें कोई संदेह नहीं कि पति पत्नि के मध्य मजबूत वैवाहिक संबंध एक मजबूत परिवार की प्रथम आवश्यकता है. लेकिन किन्हीं कारणवश अगर दोनों को यह प्रतीत होता है कि अब रिश्तों का तनाव उनके अस्तित्व,मानसिक स्वास्थ्य और विकास के लिए बाधक बन रहा है तो बिना किसी हिचक के अलग होना ही दोनों के लिहाज़ से बेहतर है.

वहीं दूसरा दृष्टिकोण परिवार की व्यापक परिभाषा पर जोर देते हुए अगर बच्चे है तो उनके भविष्य, पारिवारिक सम्मान, मर्यादा और सामाजिक परिणामों की दृष्टि से तलाक़ को हेय दृष्टि से देखता है. इसमें कोई संदेह नहीं कि कोई भी व्यक्ति अपनी बौद्धिक क्षमता और परिवेश के अनुरूप ही मूल्यों और जीवन शैली का चुनाव करता है.

प्रायः हम यहीं देखते है कि अधिकतर सेलिब्रिटीयों जैसे कलाकारों, लेखकों, विचारकों और राजनेताओं आदि का वैवाहिक जीवन कई असामान्य घटनाओं का साक्षी होता है. कार्ल मार्क्स , सलमान रुश्दी, स्टीफन हाकिंग जैसे कई बड़े नाम इसके उदाहरण भी हैं. यह शोध का विषय हैं कि ऐसा क्यों है कि अधिक रचनात्मक खूबियों से युक्त और सफल व्यक्ति अक्सर परिवारिक जीवन में असफल क्यों हो जाता है!

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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