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सिर्फ खाने-पीने से नहीं होती Diabetes, ये 8 कारण भी हैं जिम्मेदार..

    • आईचौक
    • Updated: 14 नवम्बर, 2018 12:06 PM
  • 14 नवम्बर, 2018 12:06 PM
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आम धारणा है कि डायबिटीज खाने-पीने या लाइफस्टाइल के कारण होती है और इसलिए जिसे भी शुगर की बीमारी होती है उसने जरूर अपने खाने-पीने में गड़बड़ की होगी, लेकिन ऐसा है नहीं. डायबिटीज होने के और भी कई कारण हो सकते हैं.

अगर भारत को दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बोला जाए तो गलत नहीं होगा. 2015 तक भारत में करीब 69.2 मिलियन डायबिटिक मरीज थे. WHO के मुताबिक 2030 तक 80 मिलियन लोग भारत में डायबिटीज का शिकार हो जाएंगे. क्या इस बीमारी के इतनी तेजी से फैलने की वजह भारतीयों की लाइफस्टाइल और खाने की आदतें हैं?

आम धारणा है कि डायबिटीज खाने-पीने या लाइफस्टाइल के कारण होती है और इसलिए जिसे भी शुगर की बीमारी होती है उसने जरूर अपने खाने-पीने में गड़बड़ की होगी, लेकिन ऐसा है नहीं. डायबिटीज होने के और भी कई कारण हो सकते हैं.

1. STI के कारण...

ये फैक्ट आपको चौंका सकता है, लेकिन यकीनन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन यानी STI के कारण टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है. Journal of Biomedical Informatics पर पब्लिश की गई 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक STI के बाद डायबिटीज का खतरा 82% तक बढ़ जाता है. इसमें chlamydia और Herpes zoster जैसे इन्फेक्शन आम हैं.

अगर इसके पहले कोई हिस्ट्री रही है तो यकीनन किसी को भी डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए.

2. रोजाना माउथवॉश का इस्तेमाल करना..

ये सुनने में काफी अजीब लग सकता है, लेकिन डायबिटीज का एक कारण ये भी हो सकता है. माउथवॉश में निट्रिक ऑक्साइड होता है और अगर इसे दिन में दो बार से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है और लगातार काफी लंबे समय तक इस्तेमाल किया गया है तो ये एक अहम कारण बन सकता है. माउथवॉश में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो मुंह में मौजूद अच्छे ओरल बैक्टीरिया को भी खत्म कर देते हैं.

जो लोग दिन में दो बार माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं 3 साल के अंदर उन्हें 55 प्रतिशत ज्यादा डायबिटीज का रिस्क हो जाता है. जहां मुंह की सफाई जरूरी है वहां ये भी जरूरी है कि ये सीमित मात्रा में की...

अगर भारत को दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बोला जाए तो गलत नहीं होगा. 2015 तक भारत में करीब 69.2 मिलियन डायबिटिक मरीज थे. WHO के मुताबिक 2030 तक 80 मिलियन लोग भारत में डायबिटीज का शिकार हो जाएंगे. क्या इस बीमारी के इतनी तेजी से फैलने की वजह भारतीयों की लाइफस्टाइल और खाने की आदतें हैं?

आम धारणा है कि डायबिटीज खाने-पीने या लाइफस्टाइल के कारण होती है और इसलिए जिसे भी शुगर की बीमारी होती है उसने जरूर अपने खाने-पीने में गड़बड़ की होगी, लेकिन ऐसा है नहीं. डायबिटीज होने के और भी कई कारण हो सकते हैं.

1. STI के कारण...

ये फैक्ट आपको चौंका सकता है, लेकिन यकीनन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन यानी STI के कारण टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है. Journal of Biomedical Informatics पर पब्लिश की गई 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक STI के बाद डायबिटीज का खतरा 82% तक बढ़ जाता है. इसमें chlamydia और Herpes zoster जैसे इन्फेक्शन आम हैं.

अगर इसके पहले कोई हिस्ट्री रही है तो यकीनन किसी को भी डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए.

2. रोजाना माउथवॉश का इस्तेमाल करना..

ये सुनने में काफी अजीब लग सकता है, लेकिन डायबिटीज का एक कारण ये भी हो सकता है. माउथवॉश में निट्रिक ऑक्साइड होता है और अगर इसे दिन में दो बार से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है और लगातार काफी लंबे समय तक इस्तेमाल किया गया है तो ये एक अहम कारण बन सकता है. माउथवॉश में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो मुंह में मौजूद अच्छे ओरल बैक्टीरिया को भी खत्म कर देते हैं.

जो लोग दिन में दो बार माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं 3 साल के अंदर उन्हें 55 प्रतिशत ज्यादा डायबिटीज का रिस्क हो जाता है. जहां मुंह की सफाई जरूरी है वहां ये भी जरूरी है कि ये सीमित मात्रा में की जाए.

3. अगर सही मात्रा में धूप न मिले तो..

जिस तरह से 'कोई मिल गया' फिल्म के 'जादू' को धूप चाहिए होती थी उसी तरह इंसानों को भी स्वस्थ्य रहने के लिए धूप की जरूरत है और धूप की कमी के कारण भी शुगर की बीमारी हो सकती है. रिसर्च में सामने आया है कि धूप की कमी कई बीमारियों का कारण है जिसमें से डायबिटीज एक है.

4. फ्लू हो जाना...

सर्दी, जुखाम या किसी अन्य तरह के फ्लू वायरस से भी टाइप 1 डायबिटीज की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज ऑटोमैटिक शरीर ही ठीक कर सकता है, लेकिन अगर ये ज्यादा बिगड़ गया तो मामाल गंभीर हो सकता है. रिसर्चरों का मानना है कि फ्लू का वायरस एक तरह के इन्फ्लेमेटरी सेल को बनाता है जो इन्सुलिन बनाने वाले सेल को पहचानते हैं और उन्हें खत्म कर देते हैं.

5. स्लीप डिसऑर्डर...

एक रिसर्च के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित 70 प्रतिशत युवाओं को नींद से जुड़ी कोई न कोई समस्या रहती है और नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत भी महसूस होती है. इसी तरह जिन्हें नींद की समस्या होती है उन्हें ये बीमारी लगने की गुंजाइश ज्यादा होती है. sleep apnea (नींद में सांस लेने में दिक्कत) या तो डायबिटीज का कारण बन सकता है या जिन्हें ये पहले से ही है उनके लिए ये शुगर होने का कारण बन सकता है.

6. दवाओं का लगातार इस्तेमाल...

एक बीमारी की दवा लगातार लेने से दूसरी बीमारी शरीर में बनकर तैयार हो सकती है. जैसे वो लोग जिन्हें सांस से जुड़ी कोई बीमारी होती है या फिर हड्डियों से जुड़ा कोई रोग होता है उन्हें दवाओं के कारण डायबिटीज की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसका कारण ये होता है कि ऐसी दवाओं में स्टिरॉयड होते हैं और लंबे समय तक इसका सेवन करने से शरीर में इंसुलिस से लड़ने की क्षमता बन जाती है जो डायबिटीज का कारण बनती है.

अगर किसी बीमारी की दवाएं लगातार चल रही है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में भी परामर्श लें कि डायबिटीज के खतरे को कम कैसे किया जाए.

7. प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करना..

2017 की एक स्टडी के मुताबिक प्लास्टिक में पाया जाने वाले कैमिकल phthalates और टाइप 2 डायबिटीज में लिंग पाया गया था. 1500 पुरुषों पर की गई इस स्टडी में 99.6 प्रतिशत की यूरिन में phthalates पाया गया था. जिनकी रिपोर्ट में ये ज्यादा मात्रा में था उन्हें बीमारियां ज्यादा होने की संभावनाएं थी जिसमें दिल का रोग और टाइप 2 डायबिटीज अहम थी. खाने या पीने के पदार्थों के लिए कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा साबित हो सकता है.

8. जन्म का ऑर्डर..

स्टडी कहती है कि अक्सर माता-पिता की पहली संतान को डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है. पहली संतान के शरीर को शक्कर पचाने में ज्यादा तकलीफ होती है और उसे सेहत से जुड़ी समस्याएं भी ज्यादा रहती हैं. अगर मां-पिता को डायबिटीज है तो पहली संतान को होने की गुंजाइश ज्यादा रहेगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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