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सर्वे: 77 फीसदी भारतीय चाहते हैं कि 'वर्क फ्रॉम होम' हमेशा चलता रहे

    • आईचौक
    • Updated: 14 अप्रिल, 2021 11:36 PM
  • 13 अप्रिल, 2021 12:41 PM
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कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लगभग सभी कंपनियों ने 'वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग' कल्चर को बढ़ावा दिया था. भारत की आईटी कंपनियों समेत कई अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों ने इसे अभी भी जारी रखा हुआ है. Life and Work Beyond 2020 सर्वे में शामिल अधिकतर भारतीयों ने माना है कि 2019 की तुलना में 2020 में वह ज्यादा खुश रहे थे.

बीते साल कोरोनाकाल में पॉपुलर हुआ वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग लोगों की पसंद बन चुका है. देश-विदेश की बड़ी से लेकर छोटी कंपनियों ने कोरोनाकाल से लेकर अभी तक अपने एंप्लॉइज को वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही हैं. कामकाजी लोगों के लिए परिवार के साथ रहते हुए ऑफिस के काम करना एक नया अनुभव था. शुरुआत में लोगों को अपने वर्क-लाइफ के बीच बैलेंस बनाने में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन एक समय के बाद लोगों ने इसे पसंद करना शुरू कर दिया. इन सबके बीच कोरोना महामारी ने एक बार फिर से भारत को चपेट में ले लिया है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ते दिख रहे हैं. भारत में संक्रमण के मामले में इतनी तेजी पहले दर्ज नहीं की गई थी. हाल ही में टेक्नोलॉजी कंपनी AVAYA ने Life and Work Beyond 2020 नाम से एक सर्वे किया. इस सर्वे में शामिल 10 में से 7 भारतीयों ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को आगे भी जारी रखने की इच्छा जताई है. यह सर्वे कोरोना महामारी की वजह से लोगों की प्रोफेशनल और निजी जिंदगी में आए बदलावों और प्रभावों को जानने के लिए किया गया था.

कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लगभग सभी कंपनियों ने 'वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग' कल्चर को बढ़ावा दिया था. भारत की आईटी कंपनियों समेत कई अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों ने इसे अभी भी जारी रखा हुआ है. Life and Work Beyond 2020 सर्वे में शामिल अधिकतर भारतीयों ने माना है कि 2019 की तुलना में 2020 में वह ज्यादा खुश रहे थे. इन लोगों ने वर्क फ्रॉम होम को इसकी सबसे बड़ी वजह बताया. आज के समय में आपाधापी भरे जीवन के बीच परिवार के लिए टाइम निकाल पाना सबसे कठिन काम है. इस स्थिति में वर्क फ्रॉम होम ने लोगों को उनकी मनमांगी मुराद दे दी. लॉकडाउन के दौरान और अब उसके बाद भी लोग अपने परिवार के साथ ही अपने ऑफिस के काम आसानी से हैंडल करने लगे हैं. इसी वजह से लोगों को यह काफी पसंद भी आ रहा है.

बीते साल कोरोनाकाल में पॉपुलर हुआ वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग लोगों की पसंद बन चुका है. देश-विदेश की बड़ी से लेकर छोटी कंपनियों ने कोरोनाकाल से लेकर अभी तक अपने एंप्लॉइज को वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही हैं. कामकाजी लोगों के लिए परिवार के साथ रहते हुए ऑफिस के काम करना एक नया अनुभव था. शुरुआत में लोगों को अपने वर्क-लाइफ के बीच बैलेंस बनाने में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन एक समय के बाद लोगों ने इसे पसंद करना शुरू कर दिया. इन सबके बीच कोरोना महामारी ने एक बार फिर से भारत को चपेट में ले लिया है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ते दिख रहे हैं. भारत में संक्रमण के मामले में इतनी तेजी पहले दर्ज नहीं की गई थी. हाल ही में टेक्नोलॉजी कंपनी AVAYA ने Life and Work Beyond 2020 नाम से एक सर्वे किया. इस सर्वे में शामिल 10 में से 7 भारतीयों ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को आगे भी जारी रखने की इच्छा जताई है. यह सर्वे कोरोना महामारी की वजह से लोगों की प्रोफेशनल और निजी जिंदगी में आए बदलावों और प्रभावों को जानने के लिए किया गया था.

कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में लगभग सभी कंपनियों ने 'वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग' कल्चर को बढ़ावा दिया था. भारत की आईटी कंपनियों समेत कई अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों ने इसे अभी भी जारी रखा हुआ है. Life and Work Beyond 2020 सर्वे में शामिल अधिकतर भारतीयों ने माना है कि 2019 की तुलना में 2020 में वह ज्यादा खुश रहे थे. इन लोगों ने वर्क फ्रॉम होम को इसकी सबसे बड़ी वजह बताया. आज के समय में आपाधापी भरे जीवन के बीच परिवार के लिए टाइम निकाल पाना सबसे कठिन काम है. इस स्थिति में वर्क फ्रॉम होम ने लोगों को उनकी मनमांगी मुराद दे दी. लॉकडाउन के दौरान और अब उसके बाद भी लोग अपने परिवार के साथ ही अपने ऑफिस के काम आसानी से हैंडल करने लगे हैं. इसी वजह से लोगों को यह काफी पसंद भी आ रहा है.

टेक्नोलॉजी कंपनी AVAYA ने अपने इस सर्वे में 11 देशों के 10 हजार लोगों को शामिल किया.

वर्क फ्रॉम होम लोगों की पसंद बनने का सबसे बड़ा कारण परिवार ही है. आदमी एक बार नौकरी करने लग जाता है, तो उसे ज्यादातर समय ऑफिस की दौड़-भाग, क्लाइंटस के साथ मीटिंग्स, फॉरेन या इंटरस्टेट ट्रिप्स जैसी चीजों में निकल जाता है. कामकाजी लोगों के लिए यह एक जरूरी चीज है. लेकिन, लॉकडाउन ने लोगों को सिखाया कि तकनीक के इस जमाने में फेस-टू-फेस इंटरेक्शन के और भी जरिये हैं. लोगों ने इनका जमकर इस्तेमाल किया. ज्यादातर चीजें फिजीकली तौर पर न होकर ऑनलाइन हो गईं.

टेक्नोलॉजी कंपनी AVAYA ने अपने इस सर्वे में 11 देशों के 10 हजार लोगों को शामिल किया. सर्वे में 77 फीसदी लोगों ने हाइब्रिड वर्किंग मॉडल की मांग की है. हाइब्रिड वर्किंग मॉडल में कंपनियां अपने एंप्लाइज को ऑफिस या घर से काम करने में से किसी एक को चुनने का मौका देती हैं. इस सर्वे के अनुसार 58 फीसदी एंप्लॉइज ने माना है कि वो छुट्टी लेकर बाहर घूमने से घर में रहना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. सर्वे में 46 फीसदी लोगों ने माना है कि वर्क फ्रॉम होम की वजह से उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ गई है. इन तमाम चीजों से एक बात सामने निकल कर आती है कि लोग वर्क फ्रॉम होम या रिमोट वर्किंग को काफी पसंद कर रहे हैं. उन्हें इसकी वजह से वर्क-लाइफ बैलेंस बनाने में भी आसानी हुई है.

इस सर्वे में सामने आया है कि 62 फीसदी लोग इस बात से खुश हैं कि उन्हें काम की जगह चुनने में फ्लेक्सीबिलिटी मिली है. 61 फीसदी लोग अपने स्वास्थ्य और 61 फीसदी लोग अपने परिवार के साथ रहने से खुश हैं. वहीं, 57 फीसदी लोग अपने बॉस के विश्वास करने से खुश हैं. हालांकि, सर्वे में 45 फीसदी लोगों ने चिंता जताई है कि भविष्य में ऑटोमेशन उनकी जगह ले सकता है. वहीं, 42 फीसदी लोगों को इस बात का भी डर है कि उन्हें हमेशा के लिए वर्क फ्रॉम होम करना पड़ा सकता है. भारत में कई कंपनियां वर्क प्रॉम होम कल्चर के समर्थन में नजर आती हैं. आईटी कंपनियों ने पहले ही जून तक के लिए रिमोट वर्किंग को बढ़ा दिया था. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच कहा जा सकता है कि वर्क फ्रॉम होम एक बेहतरीन कल्चर है, जो कंपनियों के साथ एंप्लाइज के लिए भी फायदेमंद है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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