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300 पादरी, 70 साल और 1000 बच्चों का यौन शोषण वाकई दिल दहला देने वाली घटना है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 19 अगस्त, 2018 06:54 PM
  • 19 अगस्त, 2018 06:54 PM
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अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में 300 से अधिक पादरियों द्वारा 1000 से ऊपर बच्चों का यौन शोषण करना ये बता देता है कि जब अपराध धर्म की आड़ लेता है तो वो निरंकुश हो जाता है.

दुनिया का कोई भी मुल्क हो. बात जब आस्था या फिर धर्म की होती है या फिर जब निशाना धर्म या आस्था हो. तो कई अहम चीजों पर चुप्पी संध ली जाती है. भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई मुल्कों में ऐसा बरसों से होता चला आया है. अपने को सबसे बेस्ट बताने वाला अमेरिका भी इसमें पीछे नहीं है. अमेरिका में भी धर्म की आड़ में कई कुकर्म हो रहे हैं और लोग मुंह पर अंगुली रख चुप्पी साधे बैठे हैं. अमेरिका के पेन्सिलवेनिया प्रांत के एक कैथोलिक चर्च में बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है. छोटे बच्चों के यौन शोषण को लेकर पेन्सिलवेनिया के सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट चौंकाने वाली है. रिपोर्ट के अनुसार गुजरे हुए 70 वर्षों में चर्च के 300 से अधिक पादरियों ने 1,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण किया है.

अमेरिका से आ रही पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण की खबर दिल दहला देने वाली है

जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. राज्य के एटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो के अनुसार इस मामले में 1,000 से ऊपर पीड़ितों की पहचान हुई है, मगर अब भी ज्यूरी को इस बात का पूरा यकीन है कि पीड़ितों की संख्या इससे कहीं अधिक है. आपको बताते चलें कि अगर अमेरिका में ऐसी खबरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो मिल रहा है कि अमेरिकी चर्च में यौन उत्पीड़न की शिकायतों से संबंधित यह पहली विस्तृत जांच है.

ये जांच क्यों हुई इसकी भी वजह राज्य के एटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो हैं. शैपिरो को इस बात का पूरा शक था कि चर्च ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि पूरे अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा हैं. अतः उन्होंने इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए अधिकारीयों को लगाया और जांच बैठाई. तकरीबन डेढ़ साल के वक्त में संभव हो पाई इस जांच में पेन्सिलवेनिया के आठ में छह डायोसिस...

दुनिया का कोई भी मुल्क हो. बात जब आस्था या फिर धर्म की होती है या फिर जब निशाना धर्म या आस्था हो. तो कई अहम चीजों पर चुप्पी संध ली जाती है. भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई मुल्कों में ऐसा बरसों से होता चला आया है. अपने को सबसे बेस्ट बताने वाला अमेरिका भी इसमें पीछे नहीं है. अमेरिका में भी धर्म की आड़ में कई कुकर्म हो रहे हैं और लोग मुंह पर अंगुली रख चुप्पी साधे बैठे हैं. अमेरिका के पेन्सिलवेनिया प्रांत के एक कैथोलिक चर्च में बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है. छोटे बच्चों के यौन शोषण को लेकर पेन्सिलवेनिया के सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट चौंकाने वाली है. रिपोर्ट के अनुसार गुजरे हुए 70 वर्षों में चर्च के 300 से अधिक पादरियों ने 1,000 से अधिक बच्चों का यौन शोषण किया है.

अमेरिका से आ रही पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण की खबर दिल दहला देने वाली है

जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. राज्य के एटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो के अनुसार इस मामले में 1,000 से ऊपर पीड़ितों की पहचान हुई है, मगर अब भी ज्यूरी को इस बात का पूरा यकीन है कि पीड़ितों की संख्या इससे कहीं अधिक है. आपको बताते चलें कि अगर अमेरिका में ऐसी खबरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो मिल रहा है कि अमेरिकी चर्च में यौन उत्पीड़न की शिकायतों से संबंधित यह पहली विस्तृत जांच है.

ये जांच क्यों हुई इसकी भी वजह राज्य के एटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो हैं. शैपिरो को इस बात का पूरा शक था कि चर्च ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि पूरे अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा हैं. अतः उन्होंने इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए अधिकारीयों को लगाया और जांच बैठाई. तकरीबन डेढ़ साल के वक्त में संभव हो पाई इस जांच में पेन्सिलवेनिया के आठ में छह डायोसिस (प्रशासनिक इकाई) - हैरिसबर्ग, पिट्सबर्ग, एलेन्टाउन, स्क्रैन्टन, ऐरी और ग्रीन्सबर्ग की पड़ताल की गई है.

मामला बड़ा था जांच के बाद 1,400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि पादरियों ने बच्चों का यौन शोषण तो किया ही, और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि राज्य के उच्च अधिकारियों ने भी पादरियों की इन नाजायज करतूतों पर लगातार पर्दा डालने का काम किया. इस पूरे मामले में जो बात सबसे ज्यादा हैरत में डालती है वो ये कि जब वेटिकन जिसे कैथोलिक चर्च का मुख्यालय माना जाता है उसने भी पादरियों द्वारा किये गए इस गुनाह पर पर्दा डालने का काम किया. बताया जा रहा है कि वेटिकन के इस घटनाक्रम में जुड़ जाने के परिणामस्वरूप ऐसे किसी भी आपराधिक कृत्य के लिए आरोपितों पर मुक़दमा चलाना लगभग नामुमकिन हो गया.

इस पूरे मामले को देखकर हम बस ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि देश चाहे कोई भी हो जब अपराध धर्म की आड़ ले लेता है तो वाकई मुश्किलें बढ़ जाती हैं. यदि इस बात को हम भारत के सन्दर्भ में देखें तो मिलता है कि चाहे वो आसाराम हों या फिर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम. नित्यानंद से लेकर दाती महाराज तक कई ऐसे लोग पूर्व में हमारे सामने हैं जिन्होंने अपने-अपने अपराधों को धर्म की आड़ लेकर अंजाम दिया और लोगों को न सिर्फ हैरत में डाला बल्कि डर के आए में जीवन जीने को मजबूर किया.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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