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दिनदहाड़े लोगों को गोली मारती पुलिस का ये वीडियो देखते समय दिमाग से काम लेना जरूरी है!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 28 अक्टूबर, 2018 07:29 PM
  • 28 अक्टूबर, 2018 07:29 PM
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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि कश्मीर में पुलिस के जवान कश्मीरी लोगों को प्वाइंट ब्लैंक रेंज पर गोली मार रहे हैं. लेकिन सच कुछ और ही है.

'हमारी मांगें पूरी करो' के नारे लगा रही भीड़ और सामने से बंदूक ताने पुलिस के जवान. तभी दो बंदूकें चलती हैं और भीड़ के दो लोग सड़क पर ही ढेर हो जाते हैं. नारे लगा रही भीड़ के बाकी लोग तुरंत वहां से भाग खड़े होते हैं. ये पूरा नजारा है उस वीडियो का जो इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि कश्मीर में पुलिस के जवान कश्मीरी लोगों को प्वाइंट ब्लैंक रेंज पर गोली मार रहे हैं. ये वीडियो फेसबुक, ट्विटर और यहां तक कि वाट्सऐप पर भी तेजी से वायरल हो रहा है. पहले आप भी इस वीडियो को देख लीजिए.

कश्मीर में ऐसा हो रहा है?

ये वीडियो ऐसा है कि किसी का भी मन विचलित कर सकता है कि कश्मीर पुलिस ऐसा भी कर सकती है, बशर्ते वह इस वीडियो को पूरे ध्यान से ना देखे. जी हां, अगर कोई शख्स वीडियो को ध्यान से देखेगा तो प्रदर्शन कर रहे लोग और पुलिस को देखकर आसानी से समझ जाएगा कि ये कश्मीर का वीडियो नहीं है. इतना ही नहीं, वीडियो में आपको तिरंगा भी लहराता हुआ दिख जाएगा, जबकि कश्मीर में सड़कों पर इस तरह तिरंगा नहीं लहराया जाता है. कुछ लोगों ने इन बातों को नोटिस भी किया और ट्वीट में रिप्लाई किया.

मॉक ड्रिल का है ये वीडियो

जिस वीडियो को कश्मीर में प्रदर्शकारियों पर गोली चलाने वाला बताया जा रहा है, दरअसल वह वीडियो सिर्फ एक मॉक ड्रिल है, जो झारखंड की खूंटी पुलिस का है. यानी महज एक प्रैक्टिस, जिसमें गोलियां भी नकली थीं, लोगों का मरना भी नकली था और पूरी वीडियो सिर्फ एक प्रैक्टिस के तौर...

'हमारी मांगें पूरी करो' के नारे लगा रही भीड़ और सामने से बंदूक ताने पुलिस के जवान. तभी दो बंदूकें चलती हैं और भीड़ के दो लोग सड़क पर ही ढेर हो जाते हैं. नारे लगा रही भीड़ के बाकी लोग तुरंत वहां से भाग खड़े होते हैं. ये पूरा नजारा है उस वीडियो का जो इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि कश्मीर में पुलिस के जवान कश्मीरी लोगों को प्वाइंट ब्लैंक रेंज पर गोली मार रहे हैं. ये वीडियो फेसबुक, ट्विटर और यहां तक कि वाट्सऐप पर भी तेजी से वायरल हो रहा है. पहले आप भी इस वीडियो को देख लीजिए.

कश्मीर में ऐसा हो रहा है?

ये वीडियो ऐसा है कि किसी का भी मन विचलित कर सकता है कि कश्मीर पुलिस ऐसा भी कर सकती है, बशर्ते वह इस वीडियो को पूरे ध्यान से ना देखे. जी हां, अगर कोई शख्स वीडियो को ध्यान से देखेगा तो प्रदर्शन कर रहे लोग और पुलिस को देखकर आसानी से समझ जाएगा कि ये कश्मीर का वीडियो नहीं है. इतना ही नहीं, वीडियो में आपको तिरंगा भी लहराता हुआ दिख जाएगा, जबकि कश्मीर में सड़कों पर इस तरह तिरंगा नहीं लहराया जाता है. कुछ लोगों ने इन बातों को नोटिस भी किया और ट्वीट में रिप्लाई किया.

मॉक ड्रिल का है ये वीडियो

जिस वीडियो को कश्मीर में प्रदर्शकारियों पर गोली चलाने वाला बताया जा रहा है, दरअसल वह वीडियो सिर्फ एक मॉक ड्रिल है, जो झारखंड की खूंटी पुलिस का है. यानी महज एक प्रैक्टिस, जिसमें गोलियां भी नकली थीं, लोगों का मरना भी नकली था और पूरी वीडियो सिर्फ एक प्रैक्टिस के तौर पर बनाई गई थी. प्रदर्शन के दौरान आपको सड़क पर दोनों ओर लोगों की भीड़ दिख रही होगी, जो गोलीबारी के दौरान कभी नहीं होती है. अगर होती भी है तो गोली चलने के बाद भागती जरूर है, लेकिन वो सभी अपनी जगह खड़े रहे. कुछ लोग वीडियो में हंसते हुए भी दिख रहे हैं. ये मॉक ड्रिल है, इसकी पुष्टि करने के लिए वीडियो में अंत में आवाज आ रही है- 'साथियों और दर्शकों को बता दूं... ये केवल एक ड्रिल था, जिसमें खूंटी पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाई, किसी भी विषम परिस्तिथि से निपटने के लिए हमारी पुलिस हमेशा तत्पर और तैयार है.'

इस वीडियो को 1 नवंबर 2017 को 'Moke Dreal of Khunti Police' नाम से यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. इसी वीडियो को समय-समय पर अलग-अलग कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर लोगों को भड़काने के लिए वायरल किया जाता है. इस बार ऐसा ही करने की कोशिश हो रही थी.

मंदसौर प्रदर्शन के दौरान भी वायरल हुआ था वीडियो

मध्य प्रदेश के मंदसौर में जब किसानों ने प्रदर्शन किया था तो उस दौरान भी ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. फर्क सिर्फ इतना था कि तब इसे किसानों पर गोली चलाने वाला वीडियो बताया जा रहा था. इसी नाम से वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड भी कर दिया गया था. आप खुद ही देख लीजिए वीडियो और ये भी देखिए कि उसे किस नाम से अपलोड किया गया है.

इस तरह के वीडियो सिर्फ सोशल मीडिया का माहौल बिगाड़ने के लिए वायरल किए जाते हैं. सोशल मीडिया पर अक्सर लोग इसे बिना सही से पढ़े और देख ही आगे शेयर कर देते हैं. यूं तो लोग अपने कामों में बहुत व्यस्त हैं, लेकिन बहुत से लोग सिर्फ इसलिए सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं ताकि वह अपने ग्रुप में एक ओपिनियन लीडर के तौर पर जाने जाएं. वहीं एक हिस्सा ऐसा भी है, जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ उन्माद फैलाने के लिए करता है. कई बार तो लोग सिर्फ शरारत करते हैं, लेकिन उसके भयावह रूप देखने को मिलते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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