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बिहार शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का विलेन बना पटना का लाठीबाज ADM

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 22 अगस्त, 2022 09:20 PM
  • 22 अगस्त, 2022 09:20 PM
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बिहार (Bihar) में एक दिन पहले ही शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग में साढ़े तीन लाख भर्तियों (Teachers Recruitment) का ऐलान किया था. जिस पर नोटिफिकेशन जारी करने की मांग के साथ पटना में धरना दिया गया. जिसमें पटना एडीएम केके सिंह (Patna ADM KK Singh) ने एक अभ्यर्थी पर बेरहमी से लाठियां बरसा दीं.

बिहार की राजधानी पटना में सातवें चरण की शिक्षक भर्ती के लिए सैकड़ों की संख्या अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान एक युवक सड़क पर तिरंगा लेकर बैठ गया. और, शिक्षक भर्ती को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों को गिनाने लगा. मीडियाकर्मी उससे बात करने की कोशिश कर ही रहे थे. अचानक पटना एडीएम केके सिंह प्रकट हुए. और, वह युवक को बाल से पकड़ कर घसीटते हुए किनारे ले गए. जिसके बाद केके सिंह ने उस युवक पर बेहरहमी के साथ ताबड़तोड़ लाठियां बरसा दीं. जिसकी वजह से युवक की लहूलुहान हो गया. 

यह वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसे लेकर भाजपा अब बिहार की जेडीयू और आरजेडी की गठबंधन सरकार पर हमलावर हो गई है. भाजपा ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें पहली कलम से 10 लाख सरकारी नौकरियों की बात कही गई थी. वैसे, लाठीचार्ज के इस मामले के सियासी तूल पकड़ते ही इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं, इस वीडियो के सामने आने का बाद पटना एडीएम पर कड़ी कार्रवाई के साथ गिरफ्तारी की मांग भी की जा रही है.

पटना एडीएम केके सिंह ने अभ्यर्थी पर बेरहमी से लाठी बरसाकर लोगों को और भड़का दिया है.

प्रदर्शन में क्यों हुआ लाठीचार्ज?

बिहार की हाल ही में नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत सात दलों से गठबंधन कर सरकार बनाई है. और, सरकार बनाने के साथ ही तेजस्वी यादव ने रोजगार को लेकर जल्द ही बड़े फैसले लेने की घोषणा भी की थी. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बिहार के शिक्षामंत्री ने शिक्षा...

बिहार की राजधानी पटना में सातवें चरण की शिक्षक भर्ती के लिए सैकड़ों की संख्या अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान एक युवक सड़क पर तिरंगा लेकर बैठ गया. और, शिक्षक भर्ती को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों को गिनाने लगा. मीडियाकर्मी उससे बात करने की कोशिश कर ही रहे थे. अचानक पटना एडीएम केके सिंह प्रकट हुए. और, वह युवक को बाल से पकड़ कर घसीटते हुए किनारे ले गए. जिसके बाद केके सिंह ने उस युवक पर बेहरहमी के साथ ताबड़तोड़ लाठियां बरसा दीं. जिसकी वजह से युवक की लहूलुहान हो गया. 

यह वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसे लेकर भाजपा अब बिहार की जेडीयू और आरजेडी की गठबंधन सरकार पर हमलावर हो गई है. भाजपा ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें पहली कलम से 10 लाख सरकारी नौकरियों की बात कही गई थी. वैसे, लाठीचार्ज के इस मामले के सियासी तूल पकड़ते ही इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं, इस वीडियो के सामने आने का बाद पटना एडीएम पर कड़ी कार्रवाई के साथ गिरफ्तारी की मांग भी की जा रही है.

पटना एडीएम केके सिंह ने अभ्यर्थी पर बेरहमी से लाठी बरसाकर लोगों को और भड़का दिया है.

प्रदर्शन में क्यों हुआ लाठीचार्ज?

बिहार की हाल ही में नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत सात दलों से गठबंधन कर सरकार बनाई है. और, सरकार बनाने के साथ ही तेजस्वी यादव ने रोजगार को लेकर जल्द ही बड़े फैसले लेने की घोषणा भी की थी. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बिहार के शिक्षामंत्री ने शिक्षा विभाग में साढ़े तीन लाख भर्तियों का ऐलान किया था. जिसे लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा था. क्योंकि, इसी साल मई में भी इन अभ्यर्थियों के विरोध-प्रदर्शन को भर्ती के नाम पर आश्वासन देकर खत्म करा दिया गया था. इसी के चलते पटना में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने घोषणाओं से इतर शिक्षक भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की मांग के साथ प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के वादों पर प्रश्न चिन्ह लग रहा था. तो, लिखी सी बात है कि पुलिस ने अभ्यर्थियों को हटाने के लिए ही लाठीचार्ज किया था.  

एक दिन पहले ही बिहार में सीएम नीतीश कुमार के काफिले पर भी पटना में पथराव हुआ था. हालांकि, घटना के समय सीएम नीतीश कुमार काफिले के साथ मौजूद नहीं थे. पथराव की घटना गौरीचक थाना के सोहगी गांव के पास हुई थी. बताया जा रहा है कि यहां पर लोगों ने एक शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. बताया जा रहा है कि हत्या के बाद इस लड़के का शव बेऊर में मिला था. जिस पर ग्रामीण नाराज थे. इसी दौरान सीएम का कारकेड उस सड़क से गुजरने पर कुछ लोगों ने पथराव और लाठी-डंडों से काफिले की गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. 

पटना एडीएम क्यों बने विलेन?

सोशल मीडिया पर पटना में शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. और, एडीएम केके सिंह इस लाठीचार्ज के सबसे बड़े विलेन बन गए हैं. क्योंकि, इतनी बेरहमी से युवक पर लाठियां बरसाने के बाद जब पटना एडीएम से मीडियाकर्मियों ने सवाल पूछना शुरू किया. तो, उसने मीडियकर्मियों से भी धक्का-मुक्की शुरू कर दी.

-सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा है कि एडीएम पटना की खुलेआम गुंडागर्दी की इंतेहा है. शिक्षक भर्ती की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है. लाठीचार्ज करने में मशगूल एडीएम को तिरंगे के अपमान की भी फिक्र नहीं रही.

- एक सोशल मीडिया यूजर ने पटना एडीएम के साथ ही बिहार सरकार के नए नवेले मंत्रियों पर तंज कसते हुए लिखा है कि पढ़े-लिखे लोगों पर पटना एडीएम बेरहमी से लाठी बरसा रहे हैं. और, बिहार सरकार के अनपढ़ नेताओं के सामने जी-हुजूरी में लगे रहते हैं.

- एक यूजर ने लिखा है कि आज लाठीचार्ज करते हुए पटना एडीएम केके सिंह नजर आ रहे हैं. एक दिन पहले भाव्या रॉय ने अपनी हनक दिखाई थी. केवल नाम और जगह ही बदलती हैं. लेकिन, ताकत का नशा सिर चढ़कर हर जगह बोलता है.

- सोशल मीडिया पर बहुत से यूजर इसे बिहार में जंगलराज की वापसी की संज्ञा भी दे रहे हैं. उनका कहना है कि अपने हक की आवाज उठाना संवैधानिक अधिकार है. जब शाहीन बाग से लेकर किसान आंदोलन तक को समर्थन कर दिया जाता है. तब किसी को दिक्कत नहीं होती है. लेकिन, जब पढ़ा-लिखा युवा नौकरी मांगे, तो लाठी बरसा दी जाती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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