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TikTok पर दोबारा बैन की तैयारी के पीछे की वजह में दम है

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 19 जुलाई, 2019 07:38 PM
  • 19 जुलाई, 2019 07:38 PM
offline
डांस करना, मजाक करना बहुत छोटी बातें नजर आती हैं जब हम देश के सांप्रदायिक सौहार्द को खराब होते देखते हैं. TikTok ऐसे लोगों के लिए भी एक मुफीद मंच बन गया है जहां वो देश के खिलाफ या किसी विशेष धर्म के खिलाफ निडर होकर कुछ भी बोल सकते हैं.

TikTok एक ऐसा एप है जो हमेशा से विवादों में रहा है. अश्लीलता फैलाने के आरोप में पहले भी TikTok पर बैन लगाया जा चुका है. लेकिन एक बार फिर खतरे के बादल टिकटॉक पर मंडरा रहे हैं. इस बार वजह अश्लीलता फैलाना नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा गंभीर है. सरकार ने टिकटॉक और हेलो को नोटिस भेजकर कुछ सवालों को जवाब देने को कहा है.

टिकटॉक और हेलो, ये दोनों ही एप का मालिक Beijing Bytedance Technology है, और वो चाइना का है. RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच की ओर से प्रधानमंत्री को भेजी गई एक शिकायत पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है. सरकार ने दोनों से 24 सवालों के जवाब मांगे हैं. आरोप है कि इन प्लैटफॉर्म का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में हो रहा है. सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर 22 जुलाई तक उचित जवाब नहीं दिया गया तो ये एप्स बैन किए जा सकते हैं.

इन सवालों में जो मुख्य हैं वो इस प्रकार हैं-

* राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनने के आरोप पर जवाब मांगा गया है.

* भारतीय यूजर्स का डेटा किसी विदेशी सरकार या तीसरे पक्ष या निजी इकाई को नहीं देने का आश्वासन देने को कहा है.

* दोनों प्लैटफॉर्म से भारतीय कानूनों का पालन करने और फर्जी खबर की जांच की दिशा में की गई पहल पर भी जवाब मांगा है.

* बाल निजता नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भी स्पष्टीकरण मांगा है कि इन प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिये बच्चों की न्यूनतम आयु 13 साल क्यों रखी गई है जबकि भारत में 18 साल से कम आयु वाले को बालक माना गया है.

* उनके भारत में कार्यालयों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी गई है.

* ब्रिटेन में सूचना आयोग द्वारा टिकटॉक के खिलाफ की गई जांच और उसके परिणाम को लेकर भी जानकारी मांगी गई है.

* सवाल किया गया है कि कंटेंट देखने से पहले छोटे बच्चों के लिए चेतावनी टैग के जरिए उन्हें रोका जाता है या नहीं.

TikTok एक ऐसा एप है जो हमेशा से विवादों में रहा है. अश्लीलता फैलाने के आरोप में पहले भी TikTok पर बैन लगाया जा चुका है. लेकिन एक बार फिर खतरे के बादल टिकटॉक पर मंडरा रहे हैं. इस बार वजह अश्लीलता फैलाना नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा गंभीर है. सरकार ने टिकटॉक और हेलो को नोटिस भेजकर कुछ सवालों को जवाब देने को कहा है.

टिकटॉक और हेलो, ये दोनों ही एप का मालिक Beijing Bytedance Technology है, और वो चाइना का है. RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच की ओर से प्रधानमंत्री को भेजी गई एक शिकायत पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है. सरकार ने दोनों से 24 सवालों के जवाब मांगे हैं. आरोप है कि इन प्लैटफॉर्म का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में हो रहा है. सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर 22 जुलाई तक उचित जवाब नहीं दिया गया तो ये एप्स बैन किए जा सकते हैं.

इन सवालों में जो मुख्य हैं वो इस प्रकार हैं-

* राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनने के आरोप पर जवाब मांगा गया है.

* भारतीय यूजर्स का डेटा किसी विदेशी सरकार या तीसरे पक्ष या निजी इकाई को नहीं देने का आश्वासन देने को कहा है.

* दोनों प्लैटफॉर्म से भारतीय कानूनों का पालन करने और फर्जी खबर की जांच की दिशा में की गई पहल पर भी जवाब मांगा है.

* बाल निजता नियमों का उल्लंघन किए जाने पर भी स्पष्टीकरण मांगा है कि इन प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिये बच्चों की न्यूनतम आयु 13 साल क्यों रखी गई है जबकि भारत में 18 साल से कम आयु वाले को बालक माना गया है.

* उनके भारत में कार्यालयों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी गई है.

* ब्रिटेन में सूचना आयोग द्वारा टिकटॉक के खिलाफ की गई जांच और उसके परिणाम को लेकर भी जानकारी मांगी गई है.

* सवाल किया गया है कि कंटेंट देखने से पहले छोटे बच्चों के लिए चेतावनी टैग के जरिए उन्हें रोका जाता है या नहीं.

 22 जुलाई तक अगर टिकटॉक ने उचित जवाब नहीं दिया तो एप बैन किए जा सकता है

स्वदेशी जागरण मंच की शिकायत क्यों जायज है

हम भारतीय हैं और यहां की संस्कृतिक विरासत को बचाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी होनी चाहिए. लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहुत से लोग इन सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल ही में एक लड़की ने डीटीसी बस में डांस का वीडियो टिक टॉक पर डाला, लेकिन बस के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया. लड़की को कोई फर्क नहीं पड़ा. ये वो लोग हैं जो सिर्फ स्टार बनने के लिए कुछ भी कर रहे हैं. इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि ये बस में नाच रहे हैं या फिर जामा मस्जिद जैसे इबादत करने वाली जगह पर. लेकिन इससे लोगों की भावनाएं तो आहत होती हैं.

लेकिन डांस करना, मजाक करना बहुत छोटी बातें नजर आती हैं जब हम देश के सांप्रदायिक सौहार्द को खराब होते देखते हैं. टिकटॉक ऐसे लोगों के लिए भी एक मुफीद मंच बन गया है जहां वो देश के खिलाफ या किसी विशेष धर्म के खिलाफ निडर होकर कुछ भी बोल सकते हैं. यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का झंडा लेकर चलने वाला आज का कुछ युवा अपनी जिम्मेदारी तो भूल गए और इन प्लैटफॉर्म को अपनी हेट स्पीच और भड़ास का जरिया बना लिया. यहां पूरी की पूरी दुनिया बसी हुई है ऐसे लोगों की जो बिना सोचे समझे किसी के भी खिलाफ कुछ भी बोलते हैं. और ये वीडियो जब दूसरे व्हॉट्सएप जैसे प्लैटफॉर्म पर शेयर किए जाते हैं तो लोग भड़कते हैं और उनकी भवनाएं आहत होती हैं. हाल ही में टिकटॉक यूजर faisu के एकाउंट को बैन कर दिया था क्योंकि उसने अपने वीडियो के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश की थी.

इसके जवाब में ऋचा भारती जैसे लोग भी आगे आकर जवाब देते हैं. और उनकी घृणा भी सोशल मीडिया प्लैडफॉर्म पर देखने को मिलती है. ऋचा भारती ने faisu के इस वीडियो पर ही प्रतिक्रिया दी थी जिसके लिए उसे जेल जाना पड़ा था. हाल ही में एक्टर एजाज़ खान को भी अपने ऐसे ही भड़काऊ वीडियो के चलते सेक्शन 153A और सेक्शन 67 के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने पायल रोहतगी के ऐसे ही एक भड़काऊ वीडियो पर वीडियो के जरिए ही अपनी प्रतिक्रिया दी थी. यानी यहां हर दूसरा शख्स एक कमरे में बैठा किसी न किसी संवेदनशील मुद्दे पर या व्यक्ति पर प्रतिक्रियाएं दे रहा है, और बाकी उसे आगे फॉर्वर्ड कर रहे हैं.

सवाल ये नहीं कि देश में आप क्या करने के लिए कितने स्वतंत्र हैं, बल्कि मुद्दा तो ये है कि जो आप कर रहे हैं उससे देश का सांप्रदायिक माहौल कितना खराब हो रहा है. लोग तो सिर्फ लाइक और फॉर्वर्ड कर के अपनी जिम्मेदारी निभा देते हैं, लेकिन इस तरह के वीडियो को आगे फॉर्वर्ड करने वाला हर शख्स अपने आप में दोषी बन जाता है. और जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ता है.

हेट स्पीच के लिए मंच देने वाले प्लैटफॉर्म भी बराबर के दोषी हैं

ऐसे में जिसका कुछ नहीं बिगड़ता वो होते हैं ये सोशल मीडिया एप, जो लोगों की इन्हीं कमजोरियों का सिर्फ फायदा उठाते हैं. जिन वीडियो को ज्यादा शेयर किया जाता है उन्हें टिकटॉक जैसे एप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाता है जिससे उसकी रीच बढ़े. इससे टिकटॉक का करोबार तो खूब चलता है लेकिन माहौल बिगड़ जाता है. पर चाइना की ये कंपनी भारत की अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द के खराब होने पर क्यों फिक्र करेगी. उन्हें तो भारत में अपना धंधा चलाना है. लेकिन हेट स्पीच के लिए मंच देने वाले प्लैटफॉर्म भी बराबर के दोषी हैं और इसीलिए टिकटॉक और हेलो एप के खिलाफ की गई शिकायत गलत नहीं है.

इस संबंध में टिकटॉक का कहना है कि वो भारत के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर हैं और अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए सरकार के साथ पूरा सहयोग करेंगे. देखते हैं कि टिकटॉक भारत में रहकर भारत के साथ कितना सहयोग कर पाता है. सहयोग करना जरूरी भी है क्योंकि जो मंच राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन जाए उसे हटाने में भारत कभी पीछे नहीं हटेगा. सिर्फ टिकटॉक ही नहीं हर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को अब अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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