• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सोशल मीडिया

फैमली संग छुट्टियां मनाइए, मगर प्लीज अपनी लोकेशन फेसबुक पर मत डालिए!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 22 जून, 2018 10:15 PM
  • 22 जून, 2018 10:15 PM
offline
घूमते वक़्त चेक-इन के नाम पर लोकेशन डालना कितना घातक है यदि इस बात को लोग समझ जाएं तो कई सारे अपराध अपने आप ही रुक जाएंगे.

स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के आने के बाद चीजें बहुत तेजी से बदल रही हैं. लोग ज्यादा लिख रहे हैं, ज्यादा तस्वीरें ले रहे हैं, ज्यादा घूम रहे हैं. ये शायद सोशल मीडिया पर एक दूसरे से बराबरी करने और अपने आपको उच्च दर्शाने का नतीजा ही है कि ताजे ताजे घुमक्कड़ बने लोग, अगर परिवार संग समोसा या फिर दही जलेबी खाने के लिए अपनी गली से निकलकर आधा किलोमीटर दूर चौराहे पर जाएंगे तो उसकी लोकेशन डाल देंगे.

परिवार को टाइम देना और उनके संग घूमना फिरना अच्छी बात है. मगर सवाल ये है कि "चेक इन" या लोकेशन डालना आपकी, आपके परिवार की सुरक्षा के लिहाज से कितना सही है. हो सकता है इस आदत को व्यक्ति बहुत हल्के में ले और कहे कि घूमते वक़्त चेक इन डालने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है. हो सकता है ऐसे लोग अपनी समझ के अनुरूप सही हों मगर अब वक़्त आ गया है जब उन्हें ये जान लेना चाहिए कि घूमते वक़्त यहां वहां इधर उधर चेक इन करना और उसकी लोकेशन डालना व्यक्ति का लाखों करोड़ों का भट्टा बैठाल सकता है.

सोशल मीडिया के इस दौर में जगह-जगह चेक इन करना किसी को भी खतरे में डाल सकता है

अगर अब भी आपको बात समझ नहीं आई है तो आपको चंडीगढ़ का रुख करना चाहिए और वहां के तीन मामलों से सबक लेना चाहिए. चंडीगढ़ के तीन अलग अलग परिवार घूमने गए थे. आजकल कोई घूमने जाए और चेक इन न डाले तो सारी घुमक्कड़ी अधूरी रह जाती है. इन परिवारों ने भी कुछ समय से चली आ रही इस परंपरा का पालन किया मगर इनकी किस्मत हमारी आपकी किस्मत की तरह अच्छी नहीं थी. बाहर घूमने गए इन तीनों ही परिवारों के घर में चोरी हो गई.

तीनों ही मामले चंडीगढ़ से करीब 7 किलोमीटर दूर मनीमाजरा के हैं जहां तीन अलग अलग परिवार घूमने गए और चोरों ने उनका फेसबुक देखकर और ये जानकार कि घर में कोई नहीं है इनके घरों पर हाथ साफ कर इनकी छुट्टी...

स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के आने के बाद चीजें बहुत तेजी से बदल रही हैं. लोग ज्यादा लिख रहे हैं, ज्यादा तस्वीरें ले रहे हैं, ज्यादा घूम रहे हैं. ये शायद सोशल मीडिया पर एक दूसरे से बराबरी करने और अपने आपको उच्च दर्शाने का नतीजा ही है कि ताजे ताजे घुमक्कड़ बने लोग, अगर परिवार संग समोसा या फिर दही जलेबी खाने के लिए अपनी गली से निकलकर आधा किलोमीटर दूर चौराहे पर जाएंगे तो उसकी लोकेशन डाल देंगे.

परिवार को टाइम देना और उनके संग घूमना फिरना अच्छी बात है. मगर सवाल ये है कि "चेक इन" या लोकेशन डालना आपकी, आपके परिवार की सुरक्षा के लिहाज से कितना सही है. हो सकता है इस आदत को व्यक्ति बहुत हल्के में ले और कहे कि घूमते वक़्त चेक इन डालने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है. हो सकता है ऐसे लोग अपनी समझ के अनुरूप सही हों मगर अब वक़्त आ गया है जब उन्हें ये जान लेना चाहिए कि घूमते वक़्त यहां वहां इधर उधर चेक इन करना और उसकी लोकेशन डालना व्यक्ति का लाखों करोड़ों का भट्टा बैठाल सकता है.

सोशल मीडिया के इस दौर में जगह-जगह चेक इन करना किसी को भी खतरे में डाल सकता है

अगर अब भी आपको बात समझ नहीं आई है तो आपको चंडीगढ़ का रुख करना चाहिए और वहां के तीन मामलों से सबक लेना चाहिए. चंडीगढ़ के तीन अलग अलग परिवार घूमने गए थे. आजकल कोई घूमने जाए और चेक इन न डाले तो सारी घुमक्कड़ी अधूरी रह जाती है. इन परिवारों ने भी कुछ समय से चली आ रही इस परंपरा का पालन किया मगर इनकी किस्मत हमारी आपकी किस्मत की तरह अच्छी नहीं थी. बाहर घूमने गए इन तीनों ही परिवारों के घर में चोरी हो गई.

तीनों ही मामले चंडीगढ़ से करीब 7 किलोमीटर दूर मनीमाजरा के हैं जहां तीन अलग अलग परिवार घूमने गए और चोरों ने उनका फेसबुक देखकर और ये जानकार कि घर में कोई नहीं है इनके घरों पर हाथ साफ कर इनकी छुट्टी के रंग में भंग डाल दिया. आपको बताते चलें कि मनीमाजरा के सेक्टर-46 में रहने वाले राकेश कुमार गर्मी की छुट्टियों में परिवार संग जहां थाईलैंड गए थे तो वहीं अमित शिमला तो दिनेश आगरा गए थे. तीनों ने ही अपने फेसबुक पर तस्वीरें डालीं और उसके बाद जो हुआ उसने न सिर्फ इनको बल्कि स्थानीय लोगों और पुलिस तक को सकते में डाल दिया.

घूमते वक़्त लोकेशन डालना आजकल फैशन सरीखा हो गया है

बहरहाल पुलिस ने मामले पर त्वरित एक्शन लेते हुए चोरों को हिरासत में ले लिया है. अपनी मोडस ऑपरेंडी के बारे में इन चोरों ने पुलिस को बताया कि ये बंद घरों के आगे लगी नेम प्लेट में घर के मालिक का नाम सर्च करते और ये पता लगाते कि घर का मालिक कहीं घूमने गया है या नहीं. यदि घर का मालिक परिवार संग बाहर होता तो ये रात के वक़्त चोरी की वारदात को अंजाम दे देते थे.

अब इतना सब जानने समझने के बाद भी अगर कोई घूमते वक़्त लोकेशन डालने को सही ठहराए या ये कहे कि लोकेशन से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता तो फिर ऐसे लोगों को मूर्ख और इनके द्वारा की जा रही हरकत को मूर्खता की पराकाष्ठा कहा जाएगा. अंत में बस इतना ही कि आप एन्जॉय अपने लिए कर रहे हैं न कि दुनिया के लिए तो बेहतर है उसे केवल अपने तक सीमित रखें.

यदि आप ऐसा कर ले गए तो ठीक वरना चंडीगढ़ के इन तीन परिवारों का हाल आपने जान लिया है इन्हें भी घूमते वक़्त चाय की दुकान से चाउमीन के ठेले तक जगह-जगह चेक-इन डालने का बड़ा शौक था. नतीजा क्या निकला वो हमारे सामने है.

ये भी पढ़ें -

हिंदू-मुस्लिम नफरत का यह दौर क्‍या सोशल मीडिया की मेहरबानी है ?

इसे कहते हैं सोशल मीडिया की ताकत, डब्बू अंकल समेत इन 5 लोगों की रातोंरात बदली किस्मत

बाबा रामदेव का Kimbho app तो Whatsapp का नूडल वर्जन निकला

   


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    नाम बदलने की सनक भारी पड़ेगी एलन मस्क को
  • offline
    डिजिटल-डिजिटल मत कीजिए, इस मीडियम को ठीक से समझिए!
  • offline
    अच्छा हुआ मां ने आकर क्लियर कर दिया, वरना बच्चे की पेंटिंग ने टीचर को तारे दिखा दिए थे!
  • offline
    बजरंग पुनिया Vs बजरंग दल: आना सरकार की नजरों में था लेकिन फिर दांव उल्टा पड़ गया!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲