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सोनिया गांधी के जन्मदिन पर अपमानजनक हैशटैग ट्रेंड कराने वाले तो अपना ही चरित्र दिखाते हैं

    • मशाहिद अब्बास
    • Updated: 09 दिसम्बर, 2020 09:07 PM
  • 09 दिसम्बर, 2020 09:07 PM
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सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का नाम भारतीय राजनीति के केंद्र में हैं. अगर भारत के बड़े और ताकतवर नेताओं का नाम लिखा जाए तो सोनिया गांधी का नाम शीर्ष के नामों में शुमार होगा. आज उनका जन्मदिन है, एक तरफ बधाईयों का तांता है तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उनको नीचा दिखाने की नामुमकिन कोशिशों में जुटे हुए हैं, ये एक बड़ी बीमारी है.

सोनिया गांधी भारतीय राजनीति का एक ऐसा नाम है जो अपने आप में ही एक सफल कहानी लिखती है. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की बागडोर सबसे ज़्यादा समय तक सोनिया गांधी के हाथ में ही रही है, वह अभी भी कांग्रेस पार्टी की कमान संभाले हुए हैं. दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में भी उनका कई बार नाम आ चुका है. इटली में एक छोटे से गांव लूसियाना में जन्मी सोनिया गांधी इटली (Sonia Gandhi Born In Italy) से निकलकर भारतीय राजनीति का केंद्र कैसे बन गई ये एक प्रेरणादायक सफर है जिसकी चर्चा होनी चाहिए, लेकिन सोनिया गांधी के जन्मदिन पर ट्विटर पर ट्रेंड 'बार डांसर डे' का चल रहा है. सबसे पहली बात तो यह ही होनी चाहिए कि बार डांसर होना कोई ग़लत काम नहीं है, हमारे देश में भी बार डांसर को एक पेशा माना जाता है. इसमें हमारे देश की भी हज़ारों महिलाएं काम करती हैं. ये उन महिलाओं की रोज़ी-रोटी है, उनका भी सम्मान है. मगर सोनिया गांधी के जन्मदिन पर इस हैशटैग का ट्रेंड करना सीधा इशारा है कि वह सभी लोग उनकी बेइज़्ज़ती करना चाहते हैं, आप सोनिया गांधी से नफरत कर सकते हैं, उनका विरोध कर सकते हैं लेकिन एक महिला के सम्मान और उसकी गरीमा को ठेस नहीं पहुंचा सकते हैं.

सच और झूठ दो अलग अलग चीज़े हैं और सिर्फ ईमानदारी से ही इनके बीच का फर्क तय किया जा सकता है. तथ्यों को तोड़-मरोड़कर या फिर नफरत का लिबास ओढ़कर कुछ भी लिख या कह दिया जाए तो वह सच नहीं हो जाता है. सोशल मीडिया के दौर में कुछ भी मुमकिन है. यहां फैलने वाले हर झूठ पर लोग आसानी के साथ य़कीन कर बैठते हैं. सच और झूठ के बीच झूठ ही ज़्यादा ताकतवर नज़र आता है.

ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो जन्मदिन पर सोनिया गांधी को भला बुरा कह रहे हैं

सोनिया गांधी के जन्मदिन पर ट्वीटर पर अबतक हज़ारों एकाउंट से बार...

सोनिया गांधी भारतीय राजनीति का एक ऐसा नाम है जो अपने आप में ही एक सफल कहानी लिखती है. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की बागडोर सबसे ज़्यादा समय तक सोनिया गांधी के हाथ में ही रही है, वह अभी भी कांग्रेस पार्टी की कमान संभाले हुए हैं. दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में भी उनका कई बार नाम आ चुका है. इटली में एक छोटे से गांव लूसियाना में जन्मी सोनिया गांधी इटली (Sonia Gandhi Born In Italy) से निकलकर भारतीय राजनीति का केंद्र कैसे बन गई ये एक प्रेरणादायक सफर है जिसकी चर्चा होनी चाहिए, लेकिन सोनिया गांधी के जन्मदिन पर ट्विटर पर ट्रेंड 'बार डांसर डे' का चल रहा है. सबसे पहली बात तो यह ही होनी चाहिए कि बार डांसर होना कोई ग़लत काम नहीं है, हमारे देश में भी बार डांसर को एक पेशा माना जाता है. इसमें हमारे देश की भी हज़ारों महिलाएं काम करती हैं. ये उन महिलाओं की रोज़ी-रोटी है, उनका भी सम्मान है. मगर सोनिया गांधी के जन्मदिन पर इस हैशटैग का ट्रेंड करना सीधा इशारा है कि वह सभी लोग उनकी बेइज़्ज़ती करना चाहते हैं, आप सोनिया गांधी से नफरत कर सकते हैं, उनका विरोध कर सकते हैं लेकिन एक महिला के सम्मान और उसकी गरीमा को ठेस नहीं पहुंचा सकते हैं.

सच और झूठ दो अलग अलग चीज़े हैं और सिर्फ ईमानदारी से ही इनके बीच का फर्क तय किया जा सकता है. तथ्यों को तोड़-मरोड़कर या फिर नफरत का लिबास ओढ़कर कुछ भी लिख या कह दिया जाए तो वह सच नहीं हो जाता है. सोशल मीडिया के दौर में कुछ भी मुमकिन है. यहां फैलने वाले हर झूठ पर लोग आसानी के साथ य़कीन कर बैठते हैं. सच और झूठ के बीच झूठ ही ज़्यादा ताकतवर नज़र आता है.

ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो जन्मदिन पर सोनिया गांधी को भला बुरा कह रहे हैं

सोनिया गांधी के जन्मदिन पर ट्वीटर पर अबतक हज़ारों एकाउंट से बार डांसर डे हैशटैग इस्तेमाल किया जा चुका है लेकिन एक सवाल जो बहुत ही तीखा है वो ये कि आखिर इस हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले लोग सोनिया गांधी के बारे में जानते कितना हैं. क्या उन्हें मालूम है कि सोनिया गांधी का जीवन कैसा रहा है या फिर एक हैशटैग की नदी के बीच वह भी बहना ही जानते हैं, और अगर सोनिया गांधी के जीवन में ऐसा लम्हा रहा भी होगा तो इसमें बेइज्जती की बात क्या है.

अब थोड़ा बात करते हैं कि आखिर सोनिया गांधी का जीवन रहा कैसा है. सोनिया गांधी के जन्म के समय पादरी ने उनका नाम एडविग एंटोनीयो अल्बीना माइनो रखा था. मगर उऩके पिता उन्हें सोनिया नाम से ही पुकारते थे. सोनिया गांधी के पिता का नाम स्टीफेनो माइनो था और वो एक फासीवादी सिपाही थे. फासीवादी एक आंदोलन था जो इटली में बेनितो मुसोलिनी द्वारा राजनीतिक आंदोलन का नाम था.

इटली की संस्कृति भारत की संस्कृति से बहुत अलग है. भारत में एक बार को जिस नज़रिए से देखा जाता है उसी नज़रिए से इटली में नहीं देखा जाता है. इटली की संस्कृति वैसी ही है जैसा अन्य यूरोप के देशों की संस्कृति है. वहां पर बार को भी एक सामान्य सी जगह के रूप में देखा जाता है जहां जाकर कोई भी सुकून और शांति हासिल कर सकता है. वहां की संस्कृति में लोग अपने पूरे परिवार के साथ बार जाया करते हैं. सोनिया गांधी का परिवार भी बार जाया करता था.

सोनिया गांधी के नाना खुद एक बार चलाते थे. अब सवाल यह है कि हम अपनी तराज़ू पर हर एक की संस्कृति को क्यों तौलना चाहते हैं. सोनिया गांधी ने बार मे डांस किया हो न किया हो लेकिन अगर हम उनको एक बार डांसर के रूप में ही जानना और पहचानना चाहते हैं तो ख़ामी हमारी सोच में है. सोनिया गांधी एक सशक्त महिला हैं जिनके जीवन की अनेक उपलब्धियां हैं, लेकिन लोग हैं कि उनकी सारी उपलब्धियों को छोड़ उनपर छीटाकंशी करना चाहते हैं.

शायद ये लोगों की भूल है कि वह सोनिया गांधी पर कीचड़ उछालेंगें तो उनकी इज्ज़त और उनकी ताकत में कोई कमी आ जाएगी. सोनिया गांधी एक ऐसे परिवार से नाता रखती हैं जो परिवार तो सामान्य था मगर इतना भी नहीं कि सोनिया गांधी को पैसे कमाने पड़ें. भारत में भी लाखों की संख्या में बार डांसर हैं, अगर वह पैसे के लिए ही काम कर रही हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है.

सोनिया गांधी कोई काम तब करती जब वो अपनी पढ़ाई पूरी कर लेती. वो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ ही रही थी कि उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हो गई. दोनों का प्यार वहीं परवान भी चढ़ गया था. दो साल के भीतर ही दोनों शादी के बंधन में बंध गए. सोनिया गांधी और राजीव गांधी दोनों ही अच्छे नंबर के साथ कालेज में पास भी हुए थे. सोनिया गांधी को नीचा दिखाने के लिए यह हैशटैग असल में ट्वीट करने वालों का ही चरित्र बता रहा है.

सोनिया गांधी एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने हर ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया है. वह बहु के रूप में इंदिरा गांधी की सेवा रही हो या फिर एक धर्मपत्नि के रूप में पत्नी का फर्ज़. अब वह एक मां की ज़िम्मेदारी भी सलीके से निभा रही हैं और पार्टी से भी जो ज़िम्मेदारी मिली उसको भी इस उम्र में उसी जोश के साथ निभा रही हैं. उन्होंने पूरी तरह से खुद को भारतीय संस्कृति में ढ़ाल लिया है वह उनका पोशाक हो या रहन-सहन, अगर फिर भी हम उऩ्हें उनके बीते हुए कल की तरह ही देखते हैं तो कमी हमारे अंदर है.

सोनिया गांधी एक मजबूत, जिम्मेदार, निडर और सबसे महत्वपूर्ण एक शानदार स्वभाव की महिला हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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