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लड़कों को डामर और रसगुल्ला कहने वाली लड़कियों इनसे माफी मांग लो, यह जख्म गहरा है!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 12 मई, 2022 10:37 PM
  • 12 मई, 2022 10:37 PM
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इस शिकायत पत्र को पढ़कर आप समझ सकते हैं कि आखिर लड़कियां किस तरह लड़कों पर तरह-तरह के जुर्म करती हैं. लड़के त्राहिमाम-त्राहिमाम करते हुए अपनी रक्षा के लिए प्रिंसिपल के पास पहुंचे थे. सोचिए कितना सहा होगा, अंत में हारकर उन्होंने प्राधानाचार्य को शिकायत लिखने की साहस जुटाया होगा.

कालू, कालिया, गठान, तोंदू, मोटू, गिरगिट, चावल, बंदर, भोंदू और ना जाने क्या-क्या...इन नामों से लड़कियां स्कूल में पढ़ने वाले लड़कों का चिढ़ाती हैं. लड़के भी लड़कियों को चुड़ैल, बंदरिया, पगलैट, छिपकली, काली जैसे नामों से बुलाते हैं.

ऐसा लगता है कि छात्रों की दुनिया भी किसी जंग से कम नहीं है. बच्चों के अलग ही टेंशन होते हैं. उनके प्रेशर को हम बड़े नहीं समझ सकते हैं. अब स्कूली छात्रों के शिकायत पत्र को पढ़कर तो यह लगता है कि हद, बेइज्जती है यार...माने लडकों ने इस पत्र में अपना कलेजा निकालकर रख दिया है. 

दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक शिकायत पत्र वायरल हो रहा है. जिसे स्कूली बच्चों ने पेन से कॉपी के पन्ने पर बड़ी शिद्दत और उम्मीद के साथ लिखा है. इस पत्र को पढ़कर आप यह समझ सकते हैं कि लड़कियां आखिर किस तरह लड़कों पर तरह-तरह के जुर्म करती हैं? 

लड़के त्राहिमाम-त्राहिमाम करते हुए अपनी रक्षा के लिए प्रिंसिपल के पास पहुंचे थे. सोचिए कितना सहा होगा, अंत में हारकर उन्होंने प्राधानाचार्य को शिकायत लिखने की साहस जुटाया होगा. अब आपको इतना तो समझ आ गया होगा कि जुर्म लड़का या लड़की किसी पर भी हो सकता है. यह जरूरी नहीं है कि हर बार लड़के गलत हों और लड़कियां सही, गलती लड़कियों की भी हो सकती है.

लड़कों ने अपने इस दर्द को शिकायत पत्र में पिरो दिया है

जी हां आपने सही पकड़ा है, हमारे कहने का यही मतलब है कि मर्द को भी दर्द होता है. तो अब किसी लड़के को यह मत कहना कि क्या लड़की की तरह रो रहा है, क्योंकि वह अपनी तरह ही रो रहा होता है. लड़कों ने लड़कियों को छेड़ दिया यह तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन इस बार तकलीफ में बेचारे स्कूल के लड़के हैं.

असल में यह शिकायत पत्र औरैया जनपद के जवाहर नवोदय विद्यालय के...

कालू, कालिया, गठान, तोंदू, मोटू, गिरगिट, चावल, बंदर, भोंदू और ना जाने क्या-क्या...इन नामों से लड़कियां स्कूल में पढ़ने वाले लड़कों का चिढ़ाती हैं. लड़के भी लड़कियों को चुड़ैल, बंदरिया, पगलैट, छिपकली, काली जैसे नामों से बुलाते हैं.

ऐसा लगता है कि छात्रों की दुनिया भी किसी जंग से कम नहीं है. बच्चों के अलग ही टेंशन होते हैं. उनके प्रेशर को हम बड़े नहीं समझ सकते हैं. अब स्कूली छात्रों के शिकायत पत्र को पढ़कर तो यह लगता है कि हद, बेइज्जती है यार...माने लडकों ने इस पत्र में अपना कलेजा निकालकर रख दिया है. 

दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक शिकायत पत्र वायरल हो रहा है. जिसे स्कूली बच्चों ने पेन से कॉपी के पन्ने पर बड़ी शिद्दत और उम्मीद के साथ लिखा है. इस पत्र को पढ़कर आप यह समझ सकते हैं कि लड़कियां आखिर किस तरह लड़कों पर तरह-तरह के जुर्म करती हैं? 

लड़के त्राहिमाम-त्राहिमाम करते हुए अपनी रक्षा के लिए प्रिंसिपल के पास पहुंचे थे. सोचिए कितना सहा होगा, अंत में हारकर उन्होंने प्राधानाचार्य को शिकायत लिखने की साहस जुटाया होगा. अब आपको इतना तो समझ आ गया होगा कि जुर्म लड़का या लड़की किसी पर भी हो सकता है. यह जरूरी नहीं है कि हर बार लड़के गलत हों और लड़कियां सही, गलती लड़कियों की भी हो सकती है.

लड़कों ने अपने इस दर्द को शिकायत पत्र में पिरो दिया है

जी हां आपने सही पकड़ा है, हमारे कहने का यही मतलब है कि मर्द को भी दर्द होता है. तो अब किसी लड़के को यह मत कहना कि क्या लड़की की तरह रो रहा है, क्योंकि वह अपनी तरह ही रो रहा होता है. लड़कों ने लड़कियों को छेड़ दिया यह तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन इस बार तकलीफ में बेचारे स्कूल के लड़के हैं.

असल में यह शिकायत पत्र औरैया जनपद के जवाहर नवोदय विद्यालय के कक्षा सात के छात्रों ने प्राधानाचार्य को लिखा है. जिसे पढ़कर लोग लोट-पोट हो रहे हैं. वैसे किसी की तकलीफ पर हंसना किसी गुनाह से कम नहीं लेकिन बच्चों ने इस अंदाज में शिकायत लिखी है कि हंसी अपने आप आ ही जाती है. कई लोगों को तो अपने स्कूल के दिनों की याद आ गई होगी, जब दोस्तों ने अजीब नामों से उन्हें पुकारा होगा.

बच्चे पत्र में बड़ी ही मासूमियत से प्राचार्य से कह रहे हैं कि महोदय, सलिनय निवेदन है कि कक्षा 7 अ की लड़कियां हमें क्लास में कई तरह के नामों से बुलाती हैं. वे हमारे नाम को बिगाड़ देती हैं. कोई हमें डामर कहती है तो कोई रसगुल्ला. वे हमें कहती हैं कि लल्ला हो तो लल्ला की तरह रहो. कोई हमें पागल और अपनी औकात में रहने को कहती है. वे कक्षा में बहुत शोर करती हैं. वे गाना गाता हैं और नाचती हैं. वे फिल्मों के डायलॉग बोलकर हमें चिढ़ाती हैं. हम चाहते हैं कि कक्षा 7 अ की लड़कियां हमसे माफी मांगें. इन लड़कियों का नाम x,y,z हैं.

इस शिकायत पत्र के वायरल होने के बाद पता चला है कि प्राचार्य ने लड़कियों को समझा दिया था. वे अब लड़कों को नहीं चिढ़ाती हैं. माने समस्या का समाधान हो चुका है. हम तो यही कहेंगे कि लड़कियों, किसी की बॉडीशेमिंग करना और नाम बिगाड़ना बहुत बुरी बात है. इसलिए लड़कियों आपका माफी मांगना तो बनता है. वैसे अब आप यह मत ही कहना कि वाई शुड बॉयज हैव ऑल द फन.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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