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सोशल मीडिया

अखिलेश यादव के चुनावी वादे बचकाने साबित कर दिए गए

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 30 दिसम्बर, 2021 05:33 PM
  • 30 दिसम्बर, 2021 05:33 PM
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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के ट्विटर अकाउंट से कुछ ऐसे चुनावी वादों के पोस्टर शेयर किए गए हैं, जिसके बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए 'गए तो थे रोजा बख्शवाने पर नमाज गले पड़ गई' वाला मुहावरा सटीक बैठ रहा है. चुनावी वादों के ये पोस्टर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.

यूपी चुनाव 2022 के मद्देनजर हर राजनीतिक पार्टी की ओर से चुनावी वादों की झड़ी लगा दी गई है. अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली-पानी के सहारे, तो कांग्रेस लड़कियों के लिए स्कूटी की घोषणा कर सत्ता में आने के सपने देख रही है. वहीं, अभी तक केवल अपने सियासी समीकरणों को दुरुस्त करने में व्यस्त रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अब चुनावी वादों को लेकर कमर कस ली है. आखिर चुनावी माहौल में समाजवादी पार्टी इस मामले में किसी से पीछे कैसे रह सकती है तो, अखिलेश यादव के नाम पर मेट्रो को उन्नाव तक चलाने से शुरू हुआ चुनावी वादा सांड से लड़कर दुर्घटना में मौत होने पर पांच लाख के मुआवजे तक आ गया. वैसे, कायदे से देखा जाए, तो ऐसे चुनावी वादे इससे पहले कभी भी किसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में नहीं किए थे. लेकिन, लोगों को समाजवादी पार्टी का ये चुनावी प्रयोग पसंद नहीं आया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इन चुनावी घोषणाएं की बैंड बजा दी. आसान शब्दों में कहा जाए, तो लोगों को अखिलेश यादव की ओर से किए गए ये वादे कुछ खास पसंद नहीं आए. 

समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकाउंट से किए गए इन वादों पर लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन दिए. लोगों ने समाजवादी पार्टी की ओर से किए गए तीन में से दो वादों पर कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दी कि इन तीन वादों के बाद अब तक कोई चुनावी वादा सामने नहीं आया है. सोशल मीडिया पर इन चुनावी वादों को परफेक्ट मीम मैटेरियल घोषित कर दिया गया. आसान शब्दों में कहा जाए, तो लोगों ने इन दो चुनावी वादों पर इस कदर समाजवादी पार्टी की मौज ले ली कि शायद ही पार्टी की ओर से दोबारा ऐसे वादे किए जाएं. जब सीएम योगी आदित्यनाथ बच्चों को टैबलेट और लैपटॉप बांट रहे हों, तो जनता की उम्मीदें अखिलेश यादव से बढ़ जाती हैं. खैर, ये चुनावी वादे अब अखिलेश यादव के लिए ही सिरदर्द बन गए हैं. क्योंकि, उन्हें ही लोगों को इस बारे में समझाना पड़ेगा.

यूपी चुनाव 2022 के मद्देनजर हर राजनीतिक पार्टी की ओर से चुनावी वादों की झड़ी लगा दी गई है. अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली-पानी के सहारे, तो कांग्रेस लड़कियों के लिए स्कूटी की घोषणा कर सत्ता में आने के सपने देख रही है. वहीं, अभी तक केवल अपने सियासी समीकरणों को दुरुस्त करने में व्यस्त रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अब चुनावी वादों को लेकर कमर कस ली है. आखिर चुनावी माहौल में समाजवादी पार्टी इस मामले में किसी से पीछे कैसे रह सकती है तो, अखिलेश यादव के नाम पर मेट्रो को उन्नाव तक चलाने से शुरू हुआ चुनावी वादा सांड से लड़कर दुर्घटना में मौत होने पर पांच लाख के मुआवजे तक आ गया. वैसे, कायदे से देखा जाए, तो ऐसे चुनावी वादे इससे पहले कभी भी किसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में नहीं किए थे. लेकिन, लोगों को समाजवादी पार्टी का ये चुनावी प्रयोग पसंद नहीं आया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इन चुनावी घोषणाएं की बैंड बजा दी. आसान शब्दों में कहा जाए, तो लोगों को अखिलेश यादव की ओर से किए गए ये वादे कुछ खास पसंद नहीं आए. 

समाजवादी पार्टी के ट्विटर अकाउंट से किए गए इन वादों पर लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन दिए. लोगों ने समाजवादी पार्टी की ओर से किए गए तीन में से दो वादों पर कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दी कि इन तीन वादों के बाद अब तक कोई चुनावी वादा सामने नहीं आया है. सोशल मीडिया पर इन चुनावी वादों को परफेक्ट मीम मैटेरियल घोषित कर दिया गया. आसान शब्दों में कहा जाए, तो लोगों ने इन दो चुनावी वादों पर इस कदर समाजवादी पार्टी की मौज ले ली कि शायद ही पार्टी की ओर से दोबारा ऐसे वादे किए जाएं. जब सीएम योगी आदित्यनाथ बच्चों को टैबलेट और लैपटॉप बांट रहे हों, तो जनता की उम्मीदें अखिलेश यादव से बढ़ जाती हैं. खैर, ये चुनावी वादे अब अखिलेश यादव के लिए ही सिरदर्द बन गए हैं. क्योंकि, उन्हें ही लोगों को इस बारे में समझाना पड़ेगा.

समाजवादी पार्टी ने एक पोस्टर शेयर किया जिसमें लिखा था कि साइकिल से चलने वालों की एक्सीडेंट में मौत होने पर पांच लाख का मुआवजा देगी सपा सरकार. इस पोस्टर पर मिस्टर वेनम नाम के एक यूजर ने लिखा कि साइकिल पंचर होने पर ढाई लाख तो मिलना चाहिए. 

अचिंत मीणा नाम के एक यूजर को तो इस चुनावी वादे पर यकीन ही नही हुआ. उन्होंने लिखा कि सही में भाई, मैं अभी तक इसे मीम समझ रहा था, ये तो ओरिजनल है. 

वही, अमित नाम के एक यूजर ने इस चुनावी वादे में अपनी बुद्धि लगाते हुए पूरा गुणा-गणित कर दिया. उन्होंने लिखा कि इतनी तेज साइकिल लेके कौन चल रहा है, जिससे उसकी मृत्यु हो जाए. मोटर साइकिल और कार से लोगों की एक्सीडेंट में मृत्यु होती है, उनके साथ भेदभाव. बहुत दिमाग लगाए हो भईया जी. 

समाजवादी पार्टी के दूसरे चुनावी वादे का पोस्टर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस पोस्टर में लिखा था कि ट्विटर सांड से लड़कर दुर्घटना में मौत होने पर पांच लाख का मुआवजा देगी सपा सरकार. 

स्किन डॉक्टर नाम के एक यूजर ने इस पोस्टर पर लिखा कि अद्भुत. मेरी बचपन से ही प्रबल इच्छा थी कि सांड से लड़ूं क्योंकि इसके अलावा जीवन में और करने को है भी क्या. किंतु डरता था कि कहीं कुछ मृत्यु हुई तो मेरे बाद परिवार का क्या होगा. इस घोषणा से अखिलेश भैय्या ने मेरी दुविधा दूर कर दी है. सपा सरकार आते ही मेरी सांड से भिड़ंत निश्चित है. 

प्रियंका त्रिपाठी नाम की एक यूजर ने लिखा है कि मतलब सपा सरकार बनते ही हर चौराहे पर 'आ बैल मुझे मार' कार्यक्रम का आयोजन होगा. 

अभय नाम के एक यूजर ने लिखा कि सांड से साइकिल टकराई और कोई मर जाए तो दस लाख मिलेंगे कि नहीं पहले ये क्लियर करो. 

वैसे, समाजवादी पार्टी के इन चुनावी वादों पर लोगों ने मजे लेने के साथ ही ज्ञान भरी बातें भी की. एक यूजर ने लिखा कि मौत किसी की भी हो, कैसे भी हो दुखद घटना है. लेकिन किसी की दुर्घटना में मौत पर राजनीति करने ख्याल और एक नया तरीका इजाद कर आपने दिल्ली वाले pappu को पछाड़ दिया है. यदि चार आने का दिमाग भी आपके पास होता तो इसकी जगह सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के मुफ्त इलाज की घोषणा भी कर सकते थे. 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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