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पूर्व आईएसएस का कोविड आपदा में 'ट्विंकल-अक्षय' को ट्रोल करना भौंडेपन की पराकष्ठा है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 08 मई, 2021 07:43 PM
  • 08 मई, 2021 07:43 PM
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कोविड आपदा के बीच ट्विंकल खन्ना को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह द्वारा सिर्फ इसलिए ट्रोल किया गया है क्योंकि वो अक्षय कुमार की बीवी हैं. सवाल ये है कि क्या अक्षय कुमार प्रधानमंत्री हैं? गृहमंत्री हैं? किसी राज्य के मुख्यमंत्री हैं? यदि वो या कोई और कोविड के इस दौर में कुछ कर रहा है तो किसी को भी सवाल करने का कोई हक नहीं है.

चाहे अलग-अलग न्यूज़ चैनल हों. या फिर सोशल मीडिया. इन दिनों कहीं का भी रुख कीजिये. मिलेगा कि एक ऐसे समय में जब कोविड की ये दूसरी लहर लोगों को बुजुर्गों से लेकर कम उम्र तक के लोगों को लील रही हो. लोग ऑक्सीजन के आभाव में प्राण त्याग रहे हों. सरकारी तंत्र या कहें कि सिस्टम हाथ पर हाथ धरे बैठा हो और पूरी तरह से लाचार हो. क्या आम क्या खास लोग सभी एक दूसरे की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. कोई किसी अंजान व्यक्ति के लिए प्लाज्मा का इंतेजाम कर रहा है. तो कहीं ये जद्दोजहद है कि वो मरीज जो तड़पते हुए मौत के करीब जा रहा हैं उनको ऑक्सीजन मिल जाए और उनकी जिंदगी बच जाए. हमारी संस्कृति ही कुछ ऐसी है जो हमें एक दूसरे के साथ रहने, एक दूसरे की मदद के लिए बाध्य करती है. लेकिन अखरता तब है जब कोई हमारे द्वारा की जा रही मदद पर ऐतराज जताए. उसपर सवालिया निशान लगाए. कुछ ऐसी ही कैफ़ियत इस वक़्त एक्टर अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना की है. ट्विंकल और अक्षय अपने स्तर से कोविड से सूझते मरीजों की मदद कर रहे हैं. ऐसे में उनके द्वारा दी जा रही मदद पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अंगुली उठाई है. उसे सवालों के घेरे में रखा है. अपने विटी रिप्लाई के लिए मशहूर ट्विंकल खन्ना ने सवाल करने वाले रिटायर्ड आईएएस को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है और उनकी बोलती बंद कर दी है.

इन दिनों तमाम लोगों की तरह अक्षय और ट्विंकल भी लोगों की खूब मदद कर रहे हैं

इस पूरे मसले पर कहने सुनने को तमाम बातें हैं जिनपर चर्चा होगी. लेकिन आइये पहले समझते हैं कि आखिर ये मामला क्या है जिसने ट्विटर यूजर्स को दो वर्गों में विभाजित कर एक बिल्कुल नई बहस को आयाम दे दिए हैं.

दरअसल हुआ कुछ यूं था कि ट्विंकल खन्ना ने बीती 5 मई को ट्विटर पर एक अपील की जिसमें उन्होंने कहा आर्थिक रूप से...

चाहे अलग-अलग न्यूज़ चैनल हों. या फिर सोशल मीडिया. इन दिनों कहीं का भी रुख कीजिये. मिलेगा कि एक ऐसे समय में जब कोविड की ये दूसरी लहर लोगों को बुजुर्गों से लेकर कम उम्र तक के लोगों को लील रही हो. लोग ऑक्सीजन के आभाव में प्राण त्याग रहे हों. सरकारी तंत्र या कहें कि सिस्टम हाथ पर हाथ धरे बैठा हो और पूरी तरह से लाचार हो. क्या आम क्या खास लोग सभी एक दूसरे की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. कोई किसी अंजान व्यक्ति के लिए प्लाज्मा का इंतेजाम कर रहा है. तो कहीं ये जद्दोजहद है कि वो मरीज जो तड़पते हुए मौत के करीब जा रहा हैं उनको ऑक्सीजन मिल जाए और उनकी जिंदगी बच जाए. हमारी संस्कृति ही कुछ ऐसी है जो हमें एक दूसरे के साथ रहने, एक दूसरे की मदद के लिए बाध्य करती है. लेकिन अखरता तब है जब कोई हमारे द्वारा की जा रही मदद पर ऐतराज जताए. उसपर सवालिया निशान लगाए. कुछ ऐसी ही कैफ़ियत इस वक़्त एक्टर अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना की है. ट्विंकल और अक्षय अपने स्तर से कोविड से सूझते मरीजों की मदद कर रहे हैं. ऐसे में उनके द्वारा दी जा रही मदद पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अंगुली उठाई है. उसे सवालों के घेरे में रखा है. अपने विटी रिप्लाई के लिए मशहूर ट्विंकल खन्ना ने सवाल करने वाले रिटायर्ड आईएएस को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है और उनकी बोलती बंद कर दी है.

इन दिनों तमाम लोगों की तरह अक्षय और ट्विंकल भी लोगों की खूब मदद कर रहे हैं

इस पूरे मसले पर कहने सुनने को तमाम बातें हैं जिनपर चर्चा होगी. लेकिन आइये पहले समझते हैं कि आखिर ये मामला क्या है जिसने ट्विटर यूजर्स को दो वर्गों में विभाजित कर एक बिल्कुल नई बहस को आयाम दे दिए हैं.

दरअसल हुआ कुछ यूं था कि ट्विंकल खन्ना ने बीती 5 मई को ट्विटर पर एक अपील की जिसमें उन्होंने कहा आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से अनुरोध किया कि वो आगे आएं और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए दान करें ताकि इन्हें अस्पतालों में पहुंचाकर मरते हुए लोगों को बचाया जाए. ट्विंकल द्वारा इस इनिशिएटिव की शुरुआत ANNADA और दैविक फाउंडेशन की तरफ से की गयी थी. ट्विंकल की इस पोस्ट को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने शेयर किया और लिखा कि, ट्विंकल जी, आपके पतिदेव देश के सबसे अमीर कलाकारों में से हैं, चंदा जुटाकर मदद करने का ड्रामा करने की जगह बेहतर होता की आपका परिवार थोड़ा और दिल बड़ा कर लेता. ये मदद मांगने का नहीं, मदद करने का वक़्त है.

अगर किसी को किसी की मदद करने का सिला ऐसे मिले तो दिल तो दुखेगा ही. हालांकि ऐसी व्यर्थ की बातों पर ध्यान और प्रतिक्रिया देने की ज़रूरत नहीं थी. लेकिन ऐसे लोगों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना वक़्त का तकाजा था तो ट्विंकल ने भी कुछ ऐसा ही किया. ट्विंकल ने लिखा कि इस कॉज के तहत उन्होंने अब तक 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर तो दान किये ही हैं साथ ही उन्होंने अन्य माध्यमों से भी जरूरत मंदों को राहत पहुंचाई है.

आगे ट्विंकल ने लिखा कि मैं ये पहले ही कह चुकी हूं कि ये मेरे या आपके लिए नहीं है ये इसलिए है ताकि हम सामूहिक रूप से उन लोगों की मदद कर सकें जिन्हें जरूरत है. दुखद पहलू ये है कि इस मुहीम में साथ आने के बजाए इसमें कमियां निकली जा रही हैं. सुरक्षित रहिए.

गौरतलब है कि अभी पिछले ही हफ्ते ट्विंकल और अक्षय ने इस बात की घोषणा की थी कि उन्होंने 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का इंतेजाम किया है. कपल ने ये स्क्रीनशॉट भी अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. ट्विंकल ने लिखा था कि पिछले कुछ हफ्तों से उनके परिजन भी कोविड की चपेट में आए हैं जिसे देखकर वो खासी परेशान हैं. पर मैं ऐसे नहीं रह सकती. मैं अनुरोध करती हूं कि आप लोग अपने अपने स्तर पर देखें कि आप क्या कर सकते हैं.

ध्यान रहे अक्षय खुद कोविड 19 की चपेट में आए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था जिसका पूरा अपडेट इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपने फॉलोवर्स को दिया था. अक्षय अस्पताल में करीब एक हफ्ता रहे थे और जब वो वापस आए तो इसकी जानकारी ट्विंकल ने अपने और अक्षय के फॉलोवर्स को इंस्टाग्राम पर ही दी.

बात चूंकि इस मुश्किल वक़्त में सामने आए लोगों, उनकी मदद और उस मदद पर अड़चन डालने वाले लोगों के सिलसिले में हुई है तो ये बताना बहुत जरूरी हो जाता है कि एक नागरिक, एक इंसान के रूप में हमें किसी की मदद की सराहना करनी चाहिए. न की उसपर कटाक्ष करना चाहिए.

'क्योंकि अक्षय और ट्विंकल द्वारा मुहैया कराई जा रही मदद को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सवालों के घेरे में रखा है तो हम भी कुछ जरूरी सवाल पूछकर अपनी बातों को विराम दे रहे हैं. हमें यकीन है सूर्य प्रताप सिंह न केवल हमें बल्कि पूरे देश को इन सवालों के जवाब देंगे.

सूर्य प्रताप सिंह बताएं कि क्या अक्षय कुमार प्रधानमंत्री हैं? गृहमंत्री हैं? किसी राज्य के मुख्यमंत्री हैं? यदि वो या कोई और कोविड के इस दौर में कुछ कर रहा है तो किसी को भी सवाल करने का कोई हक नहीं है. और हां ये बात सिर्फ अक्षय कुमार पर नहीं हर उस इंसान पर लागू होती है जो मदद के लिए आगे आया है और अपनी तरफ से प्रयास कर रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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