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Commonwealth Games 2022: गोल्डन बॉय जेरेमी लालरिनुंगा ने सोशल मीडिया पर क्यों शेयर की 'अटल वाणी'?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 02 अगस्त, 2022 08:57 PM
  • 02 अगस्त, 2022 08:57 PM
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) में वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) भारत के गोल्डन बॉय बन चुके हैं. गोल्ड मेडल जीतने के बाद जेरेमी लालरिनुंगा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसके साथ लिखा है कि 'हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे को इस भारत के लिए.'

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय सेना के 19 वर्षीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा देश के लिए गोल्डन बॉय बन चुके हैं. और, जीत के बाद गोल्डन बॉय जेरेमी लालरिनुंगा ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो का कैप्शन है कि 'हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे को इस भारत के लिए.' दरअसल, इस वीडियो में जेरेमी लालरिनुंगा के वेटलिफ्टिंग मुकाबले की फुटेज है. और, इस वीडियो के बैकग्राउंड में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी का लोकसभा में दिया गया एक भाषण है. जिसमें स्मृति ईरानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक ओजस्वी भाषण को सुना रही हैं. 

अटल बिहारी वाजपेयी के इस ओजस्वी भाषण की हर एक लाइन जेरेमी लालरिनुंगा के प्रदर्शन के साथ खुद को स्थापित करती है.

क्या है ये 'अटल वाणी'?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में स्मृति ईरानी कहती सुनाई देती हैं कि 'अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ये कहा था कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नही है. एक जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है. ये वंदन की धरती है. अभिनंदन की धरती है. ये अर्पण की भूमि है. ये तर्पण की भूमि है. इसकी नदी-नदी हमारे लिए गंगा है. इसका कंकड़-कंकड़ हमारे लिए शंकर है. हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए. और, मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा, तो आवाज आएगी भारत माता की जय.' 

आसान नहीं था जेरेमी के लिए गोल्ड मेडल

दरअसल, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुषों के 67 kg वर्ग में रिकॉर्ड वजन उठाते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जरूर किया है....

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय सेना के 19 वर्षीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा देश के लिए गोल्डन बॉय बन चुके हैं. और, जीत के बाद गोल्डन बॉय जेरेमी लालरिनुंगा ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो का कैप्शन है कि 'हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे को इस भारत के लिए.' दरअसल, इस वीडियो में जेरेमी लालरिनुंगा के वेटलिफ्टिंग मुकाबले की फुटेज है. और, इस वीडियो के बैकग्राउंड में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी का लोकसभा में दिया गया एक भाषण है. जिसमें स्मृति ईरानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक ओजस्वी भाषण को सुना रही हैं. 

अटल बिहारी वाजपेयी के इस ओजस्वी भाषण की हर एक लाइन जेरेमी लालरिनुंगा के प्रदर्शन के साथ खुद को स्थापित करती है.

क्या है ये 'अटल वाणी'?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में स्मृति ईरानी कहती सुनाई देती हैं कि 'अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ये कहा था कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नही है. एक जीता-जागता राष्ट्रपुरुष है. ये वंदन की धरती है. अभिनंदन की धरती है. ये अर्पण की भूमि है. ये तर्पण की भूमि है. इसकी नदी-नदी हमारे लिए गंगा है. इसका कंकड़-कंकड़ हमारे लिए शंकर है. हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए. और, मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा, तो आवाज आएगी भारत माता की जय.' 

आसान नहीं था जेरेमी के लिए गोल्ड मेडल

दरअसल, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुषों के 67 kg वर्ग में रिकॉर्ड वजन उठाते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जरूर किया है. लेकिन, भारतीय सेना के जवान जेरेमी लालरिनुंगा के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल पाना इतना आसान नही रहा. जेरेमी लालरिनुंगा ने वेटलिफ्टिंग के मुकाबले में स्नैच में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया. लेकिन, क्लीन एंड जर्क में जेरेमी अपने पहले प्रयास में 154 kg वजन उठाने के दौरान चोटिल हो गए थे.

इतना ही नहीं चोटिल होने के बावजूद जेरेमी लालरिनुंगा ने दूसरे प्रयास में 160 kg वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में 67 kg वर्ग में नया इतिहास लिख दिया था. जबकि, इस प्रयास के बाद जेरेमी अपने घुटनों पर बैठ गए थे. वैसे, अटल बिहारी वाजपेयी जी का ये कथन जेरेमी लालरिनुंगा की लगन और मेहनत के साथ ही भारतीय सेना द्वारा देश के लिए उनमें भरे गए जज्बे को दिखाता है. एक सैनिक कभी हार नहीं मानता है. और, जेरेमी लालरिनुंगा ने इसे साबित किया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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