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भीड़ में 'अल्लाहू अकबर' चिल्लाने से क्या ये होगा?

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 30 सितम्बर, 2018 11:32 AM
  • 30 सितम्बर, 2018 11:32 AM
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एक Quora थ्रेड पर इस तरह का सवाल पूछा गया. What would happen if you shout Allahu Akbar at a crowded terminal? (क्या होगा अगर आप किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में अल्लाहू अकबर बोलेंगे). क्या इसके जवाब की कल्पना कर सकते हैं आप?

अल्लाहू अकबर.... शायद ये दुनिया के सबसे ज्यादा शोषित शब्दों में से एक है. ये वो शब्द है जिसका मतलब तो कुछ और है, लेकिन उसे किसी और तरीके से ही लिया जाता है. एक तय परिभाषा दे दी गई है इसे. ये दुनिया के उन शब्दों में से एक है जिसे जिहादियों से जोड़ा जाता है. अल्लाहू अकबर जो अज़ान की पावन ध्वनि में सुनाई देता है वही अल्लाहू अकबर अगर दिल्ली मेट्रो में चिल्ला कर कह दिया जाए तो शायद आधे लोग डर जाएं. पर क्या वाकई इसका इतना प्रभाव होता है?

एक Quora थ्रेड पर इस तरह का सवाल पूछा गया. "What would happen if you shout "Allahu Akbar" at a crowded terminal?" (क्या होगा अगर आप किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में अल्लाहू अकबर बोलेंगे).

ये हो सकता है किसी ने उत्सुक्ता वश पूछा हो, किसी ने इसे मज़ाक में पूछा हो, लेकिन जब मैं उत्तर पढ़ रही थी तो एक व्यक्ति ने शक के तौर पर ये भी लिखा कि 'मैं उम्मीद करता हूं कि ये आप सिर्फ जिज्ञासा वष पूछ रहे होंगे.'

यहां उत्तर दिया जा रहा था कि भारत एक सेक्युलर देश है और जरूरी नहीं कि आपको इसका वैसा असर देखने को मिले जैसा आप सोच रहे हैं. लोग हालात और माहौल के हिसाब से भी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. इस जवाब में भी एक शक छुपा है कि ये सवाल सिर्फ उत्सुक्ता के लिए पूछा गया है या नहीं.

इस पूरे थ्रेड में कई सारे उत्तर दिए गए. कई लोगों का कहना था कि ये किसी तरह से भी आतंकी गतिविधियों से नहीं जोड़ा जा सकता. एक यूजर का तो ये भी कहना था कि अगर भारत में ये किया जाएगा तो हो सकता है कि पीछे से कोई 'जय श्री राम' या 'गणपति बप्पा मोरिया' चिल्ला दे.

पर एक बात तो अधिकतर लोगों ने मानी कि अगर ये स्टंट विदेश में किया तो यकीनन बहुत भारी पड़ सकता है. विदेश में खासकर अमेरिका में एक टर्म चर्चा में आई है Allahu Akbar-itis. इसके शाब्दिक अर्थ पर...

अल्लाहू अकबर.... शायद ये दुनिया के सबसे ज्यादा शोषित शब्दों में से एक है. ये वो शब्द है जिसका मतलब तो कुछ और है, लेकिन उसे किसी और तरीके से ही लिया जाता है. एक तय परिभाषा दे दी गई है इसे. ये दुनिया के उन शब्दों में से एक है जिसे जिहादियों से जोड़ा जाता है. अल्लाहू अकबर जो अज़ान की पावन ध्वनि में सुनाई देता है वही अल्लाहू अकबर अगर दिल्ली मेट्रो में चिल्ला कर कह दिया जाए तो शायद आधे लोग डर जाएं. पर क्या वाकई इसका इतना प्रभाव होता है?

एक Quora थ्रेड पर इस तरह का सवाल पूछा गया. "What would happen if you shout "Allahu Akbar" at a crowded terminal?" (क्या होगा अगर आप किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में अल्लाहू अकबर बोलेंगे).

ये हो सकता है किसी ने उत्सुक्ता वश पूछा हो, किसी ने इसे मज़ाक में पूछा हो, लेकिन जब मैं उत्तर पढ़ रही थी तो एक व्यक्ति ने शक के तौर पर ये भी लिखा कि 'मैं उम्मीद करता हूं कि ये आप सिर्फ जिज्ञासा वष पूछ रहे होंगे.'

यहां उत्तर दिया जा रहा था कि भारत एक सेक्युलर देश है और जरूरी नहीं कि आपको इसका वैसा असर देखने को मिले जैसा आप सोच रहे हैं. लोग हालात और माहौल के हिसाब से भी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. इस जवाब में भी एक शक छुपा है कि ये सवाल सिर्फ उत्सुक्ता के लिए पूछा गया है या नहीं.

इस पूरे थ्रेड में कई सारे उत्तर दिए गए. कई लोगों का कहना था कि ये किसी तरह से भी आतंकी गतिविधियों से नहीं जोड़ा जा सकता. एक यूजर का तो ये भी कहना था कि अगर भारत में ये किया जाएगा तो हो सकता है कि पीछे से कोई 'जय श्री राम' या 'गणपति बप्पा मोरिया' चिल्ला दे.

पर एक बात तो अधिकतर लोगों ने मानी कि अगर ये स्टंट विदेश में किया तो यकीनन बहुत भारी पड़ सकता है. विदेश में खासकर अमेरिका में एक टर्म चर्चा में आई है Allahu Akbar-itis. इसके शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो सीधे समझ आएगा कि 'अल्लाहू अकबर का डर'. इसके पीछे भी एक सीधी सी थ्योरी है. अधिकतर आतंकी हमलों के दौरान इसी शब्द को दोहराया गया है.

मैनहैटन के ट्रक हमले में जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी उसमें ड्राइवर ने अल्लाहू अकबर चिल्लाया था. अंत में पुलिस ने उसे गोली मार दी थी. वो लोग जिन्होंने फ्रेंच मैग्जीन चार्ली हेब्दो पर हमला किया था 2015 में वो भी अल्लाहू अकबर ही चिल्ला रहे थे. 2013 में ब्रिटिश सिपाहियों पर हमले के दौरान भी यही शब्द गूंजा था. इसके अलावा, भी कई ऐसे मामले हैं जहां आतंकी गतिविधियों से इस शब्द को जोड़ा गया है.

अगर गूगल किया जाए तो..

अब बात करते हैं गूगल देवता की जो सभी के लिए अपने दरवाजे खोले हुए हैं. अगर गूगल पर अल्लाहू अकबर टाइप करेंगे तो न्यूज हो या इमेज सभी में आतंकी घटनाएं और आतंकवादियों के साथ इस शब्द को जोड़ा जाएगा. एक नमूना देखिए..

गूगर इमेज रिजल्ट..

गूगल न्यूज रिजल्ट..

ये गूगल पर सिर्फ अल्लाहू अकबर टाइप करने का रिजल्ट आया है. ये रिजल्ट क्यों आता है? गूगल आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है और ये उस हिसाब से रिजल्ट दिखाता है जिसे सबसे ज्यादा सर्च किया गया है. जाहिर सी बात है कि अल्लाहू अकबर पर आतंकियों को लेकर काफी कंटेंट लिखा और कहा गया है और यही कारण है कि सबसे पहले ऐसे रिस्पॉन्स आते हैं.

पर क्या कोई इसका असली मतलब जानता है?

सीधी सी बात है इस सवाल के जवाब में शायद लोग तपाक से बोलेंगे कि 'अल्लाह सबसे बड़ा है' 'अल्लाह इज ग्रेट', 'अल्लाह इज सुप्रीम', ये तो आर्थिक मतलब हुआ, ये अरबी शब्द जो अल्लाह को सबसे बड़ा बताता है आखिर कब इतना क्रूर बन गया? लोग अल्लाहू अकबर कहने को लेकर इतने आक्रामक हो गए हैं कि उन्हें लगता है कि जब भी कोई ये बोल रहा है तो वो आतंकवादी ही है. पर क्या किसी ने ये सोचने की कोशिश की है कि हर रोज़ अज़ान के वक्त भी अल्लाहू अकबर ही बोला जाता है. बद्र की लड़ाई (Battle of badr) में रसूल ने पहली बार ये शब्द बोला था. वैसे तो ये कब बोला गया और कहां बोला गया इसके पीछे कई थ्योरी है, लेकिन सदियों से ये शब्द शांति और आत्मीयता का प्रतीक कहा जा रहा है.

ये तो उसी तरह है न जैसे इसाई Amen कहते हैं या हिंदू राधे-राधे.. फिर क्यों इसे इतना क्रूर समझा जाए? माना आतंकियों ने इसे एक अलग परिभाषा दे दी है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर बार इसे क्रूरता से ही जोड़ा जाए. जरा सोच कर देखिए, कहीं ऐसा तो नहीं कि आप ही इस शब्द का शोषण कर रहे हों?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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