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अचानक हार्टअटैक से हो रही मौतें, सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर मत जाइए

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 06 दिसम्बर, 2022 07:46 PM
  • 06 दिसम्बर, 2022 07:46 PM
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बहुत से लोग कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई वैक्सीन (Corona Vaccine) पर हार्ट अटैक (Heart Attack) से हो रही मौतों का दोषारोपण कर रहे हैं. इनका दावा है कि वैक्सीन की वजह से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है. लेकिन, अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा मत कीजिए.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवक की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #HeartAttack ट्रेंड करने लगा. इसकी सबसे बड़ी वजह बीते कुछ महीनों में हार्ट अटैक की वजह से अचानक हो रही मौतों के कई वीडियो सामने आना है. जिनमें कई बड़े सितारों से लेकर आम आदमियों के अचानक हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आए हैं. कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह से हो रही मौतें चिंताजनक हैं. और, लोग सोशल मीडिया पर इन मौतों के लेकर कई तरह की बातें कर रहे हैं.

कोई इसके लिए लोगों की लाइफस्टाइल को जिम्मेदार ठहरा रहा है. तो, बहुत से लोग ऐसे भी हैं. जो कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई वैक्सीन पर इसका दोषारोपण कर रहे हैं. जिनका मानना है कि वैक्सीन की वजह से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है. आसान शब्दों में कहें, तो भारत में कोरोना टीकाकरण के दौरान इस्तेमाल की गई वैक्सीन को लेकर सवाल उठाने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है. लेकिन, अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा मत कीजिए.

कोरोना टीकाकरण के बाद वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर काफी शोध किया गया है.

कोरोना टीकाकरण के बाद वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर काफी शोध किया गया है. भारत में सबसे ज्यादा कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था. और, बीते साल ही कोविशील्ड ने ब्लड क्लॉटिंग को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट भी दी थी. जिसमें कहा गया था कि 10 लाख डोज में से सिर्फ 0.61 प्रतिशत मामलों में ही ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले थे. यानी 10 लाख लोगों में से सिर्फ एक शख्स को ऐसी समस्या अनुभव हुई है. जो दुनियाभर की अन्य वैक्सीन की तुलना...

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवक की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर #HeartAttack ट्रेंड करने लगा. इसकी सबसे बड़ी वजह बीते कुछ महीनों में हार्ट अटैक की वजह से अचानक हो रही मौतों के कई वीडियो सामने आना है. जिनमें कई बड़े सितारों से लेकर आम आदमियों के अचानक हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आए हैं. कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह से हो रही मौतें चिंताजनक हैं. और, लोग सोशल मीडिया पर इन मौतों के लेकर कई तरह की बातें कर रहे हैं.

कोई इसके लिए लोगों की लाइफस्टाइल को जिम्मेदार ठहरा रहा है. तो, बहुत से लोग ऐसे भी हैं. जो कोरोना महामारी के दौरान लगाई गई वैक्सीन पर इसका दोषारोपण कर रहे हैं. जिनका मानना है कि वैक्सीन की वजह से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग हो रही है. जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है. आसान शब्दों में कहें, तो भारत में कोरोना टीकाकरण के दौरान इस्तेमाल की गई वैक्सीन को लेकर सवाल उठाने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है. लेकिन, अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा मत कीजिए.

कोरोना टीकाकरण के बाद वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर काफी शोध किया गया है.

कोरोना टीकाकरण के बाद वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर काफी शोध किया गया है. भारत में सबसे ज्यादा कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था. और, बीते साल ही कोविशील्ड ने ब्लड क्लॉटिंग को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट भी दी थी. जिसमें कहा गया था कि 10 लाख डोज में से सिर्फ 0.61 प्रतिशत मामलों में ही ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले थे. यानी 10 लाख लोगों में से सिर्फ एक शख्स को ऐसी समस्या अनुभव हुई है. जो दुनियाभर की अन्य वैक्सीन की तुलना में कहीं कम था. 

आसान शब्दों में कहें, तो हार्ट अटैक को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही थ्योरीज के चक्कर में मत पड़िए. इस तरह की चीजों के जरिये लोगों में सिर्फ भय पैदा किए जाने की कोशिश की जाती है. क्योंकि, जब बात 140 करोड़ लोगों के टीकाकरण की होती है. तो, प्रति 10 लाख लोगों में से 0.61 फीसदी में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को बड़ा नहीं कहा जा सकता है. और, ये जरूरी भी नहीं है कि वैक्सीन लेने वाले सभी लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या नजर आ रही हो. वैसे, हार्ट अटैक के लिए सिर्फ वैक्सीन नहीं बल्कि, लाइफस्टाइल, हैवी जिम वर्कआउट, एनर्जी सप्लीमेंट्स जैसी कई चीजें भी मायने रखती हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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