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पद्मावत विरोध : 'चार मुसलमान' आखिर बचा लिए गए बड़ी साजिश से

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 26 जनवरी, 2018 10:37 PM
  • 26 जनवरी, 2018 10:36 PM
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सोशल मीडिया पर एक गलत खबर किस तरह से धार्मिक मुद्दा बन सकता है ये गुड़गांव स्कूल बस हिंसा वाले मामले में समझा जा सकता है. यकीन नहीं आता कि खुद देख लीजिए...

गुड़गांव या यूं कहें गुरुग्राम में बच्चों की स्कूल बस पर करणी सेना के सिपाहियों ने जैसे ही पत्थर बरसाए वैसे ही पूरे देश ने करणी सेना की निंदा की. जिन लोगों ने स्कूल बस पर हमला किया वो किसी भी हालत में राजपूत कहलाने लायक नहीं थे और उनकी जितनी निंदा की जाए वो कम है. वो एक तरह से गुंडे ही थे जो डरे सहमे बच्चों को और डरा रहे थे.

खैर, जो भी हुआ उसकी पूरे देश ने निंदा की. इस पूरे मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनके नाम पर अब राजनीति से लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलाने तक सब कुछ हो रहा है.

सोशल मीडिया पर एक खबर फैलाई जा रही है कि जिन लोगों को इस कांड के लिए गिरफ्तार किया गया है वो सभी मुस्लिम थे. इतना ही नहीं जानी मानी राइटर और एक्टिविस्ट मधु पूर्णिमा किश्वर ने भी एक ट्वीट कर इसी गलत बात को बढ़ाया.

मधु किश्वर की ट्वीट का स्क्रीनशॉट

इसके बाद ट्विटर पर लोगों ने इस खबर को फैलाने के लिए मधु किश्वर को ट्रोल करना शुरू कर दिया. सिर्फ ट्रोल ही नहीं कई जाने माने लोगों ने भी मधु किश्वर को सही करने की कोशिश की. इतना ही नहीं गुड़गांव पुलिस ने भी अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर इस बात को कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो मुस्लिम नहीं हैं. आखिर में मधु किश्‍वर ने अपनी गलती को सुधारा और गलत जानकारी के आधार पर ट्वीट करने के लिए माफी मांगी.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये झूठ

ये सिर्फ मधु किश्वर ने ही नहीं बल्कि कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है....

गुड़गांव या यूं कहें गुरुग्राम में बच्चों की स्कूल बस पर करणी सेना के सिपाहियों ने जैसे ही पत्थर बरसाए वैसे ही पूरे देश ने करणी सेना की निंदा की. जिन लोगों ने स्कूल बस पर हमला किया वो किसी भी हालत में राजपूत कहलाने लायक नहीं थे और उनकी जितनी निंदा की जाए वो कम है. वो एक तरह से गुंडे ही थे जो डरे सहमे बच्चों को और डरा रहे थे.

खैर, जो भी हुआ उसकी पूरे देश ने निंदा की. इस पूरे मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनके नाम पर अब राजनीति से लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलाने तक सब कुछ हो रहा है.

सोशल मीडिया पर एक खबर फैलाई जा रही है कि जिन लोगों को इस कांड के लिए गिरफ्तार किया गया है वो सभी मुस्लिम थे. इतना ही नहीं जानी मानी राइटर और एक्टिविस्ट मधु पूर्णिमा किश्वर ने भी एक ट्वीट कर इसी गलत बात को बढ़ाया.

मधु किश्वर की ट्वीट का स्क्रीनशॉट

इसके बाद ट्विटर पर लोगों ने इस खबर को फैलाने के लिए मधु किश्वर को ट्रोल करना शुरू कर दिया. सिर्फ ट्रोल ही नहीं कई जाने माने लोगों ने भी मधु किश्वर को सही करने की कोशिश की. इतना ही नहीं गुड़गांव पुलिस ने भी अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर इस बात को कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो मुस्लिम नहीं हैं. आखिर में मधु किश्‍वर ने अपनी गलती को सुधारा और गलत जानकारी के आधार पर ट्वीट करने के लिए माफी मांगी.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये झूठ

ये सिर्फ मधु किश्वर ने ही नहीं बल्कि कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इतना ही नहीं वॉट्सएप पर भी कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं.

सबसे पहले ये जानकारी फेसबुक के एक अकाउंट से आई थी.

शालिनी जी जिनका ये अकाउंट है वो कन्या शक्ती क्रांति की क्षेत्रिय प्रभारी हैं. ये भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक हिस्सा है.

 

मधु किश्वर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी..

इसी तरह गृह मंत्री राजनाथ सिंह की झूठी तस्‍वीर वायरल हुई थी

याद हो तो कुछ समय पहले राजनाथ सिंह की एक फेक फोटो वायरल हो रही थी जिसमें उनके पैर छूते हुए गुजरात के डीजीपी को दिखाया था. इस फोटो को कांग्रेस के कई नेताओं ने शेयर किया था.

राजनाथ सिंह की ये फोटो हुई थी वायरल

ये फोटो भी फेक थी और इस फेक फोटो पर भी राजनीति शुरू हो गई थी.

 

ये फोटो भी एक राजनीतिक मुद्दे की तरह शेयर की जा रही थी. चाहें कांग्रेस हो या भाजपा चाहें कोई और राजनीतिक पार्टी अगर किसी भी ऐसे फेक मुद्दे पर राजनीति की जा रही है तो यकीन मानें ये लोगों की गलती है जो बिना सोचे समझे ऐसी चीजें शेयर करते हैं.

चाहें कोई भी बात हो, देश का कोई भी मुद्दा हो लोग यही कहते हैं कि वॉट्सएप पर आया, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वॉट्सएप पर जो लिख रहा है वो जैसे वो परम सत्य है भले ही वॉट्सएप या सोशल मीडिया पर दो सींग वाला हाथी हो या फिर ओबामा का पाकिस्तानी होना. हर झूठी बात को सच मान लेते हैं. मधु किश्वर की ट्वीट जिसमें पांच लोगों के नाम लिखे गए थे वो 3 हजार से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया, लेकिन उनका माफीनामा (वो ट्वीट जिसमें गलती मान ली) उसे बहुत कम लोगों ने देखा. यकीनन किसी भी मुद्दे से मुस्लिमों को जोड़ना या फिर धार्मिक बिंदुओं से जोड़ना बहुत आम है, लेकिन ये भी सोचने वाली बात है कि आखिर कितने लोग इस बात पर यकीन कर लेते हैं. अगर आपके पास ऐसी कोई भी सूचना आती है तो कृपया एक बार फैक्ट चेक कर लें. ये वाकई नफरत फैलाने से बचने का एक छोटा सा साधारण सा उपाय है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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