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जस्ट चिल ! आलू से सोना, शिकंजी से कोक, राहुल गांधी कहीं से भी कुछ भी निकाल सकते हैं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 जून, 2018 03:16 PM
  • 12 जून, 2018 02:56 PM
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अब इसे नासमझी कहें या राहुल का बड़बोलापन, देश की राजनीति में ऐसे तमाम मौके आए हैं जब उन्होंने बयान दिया है और विपक्ष के अलावा आम जनता तक ने भी उन्हें जम के लताड़ा है.

गुजरात चुनाव से लेकर कर्नाटक चुनाव तक देश की जनता ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में एक बड़ा परिवर्तन महसूस किया था. उग्र तेवरों में पीएम मोदी की तीखी आलोचना करने वाले राहुल गांधी को देखकर लोगों को कहीं न कहीं इस बात का विश्वास हो गया था कि जैसे ही राहुल को जिम्मेदारी मिली उन्होंने बिना सोचे समझे बोलना बंद कर दिया. अब वो जो भी कहते हैं, उसे कहने से पहले तोलते हैं, फिर बोलते हैं. मगर बात जब राहुल और उनके बयानों की हो तो स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है. यानी राहुल को जिम्मेदारी तो मिली मगर हमेशा की ही तरह वो उस जिम्मेदारी को निभाने में असमर्थ हैं और कहीं न कहीं उनका अतीत उनका दामन वैसे ही पकड़े हैं जैसे मामला पहले था.

राहुल के ताजे बयान के बाद ट्विटर पर जमकर लोग उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर चर्च में हैं. कारण हैं शिकंजी और ढाबा. इसको पढ़कर ये बिल्कुल भी मत सोचियेगा कि राहुल भविष्य में राजनीति छोड़ ढाबा खोलने वाले हैं या फिर शिकंजी का स्टाल लगाने वाले हैं. दरअसल बात ये है कि कांग्रेस ने दिल्ली में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कर 2019 लोकसभा चुनावों के लिए अपना बिगुल फूंका. इस सम्मलेन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग के उत्थान को लेकर कोका-कोला कंपनी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, 'कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था. वह अमेरिका में शिकंजी बेचता था. पानी में शक्कर मिलाता था. उसके काम का आदर हुआ. उसे पैसा मिला और कोका-कोला कंपनी बनी.'

राहुल ने आगे कहा, 'कोका-कोला की तरह मैकडोनाल्ड कंपनी का मालिक भी कभी ढाबा चलाता...

गुजरात चुनाव से लेकर कर्नाटक चुनाव तक देश की जनता ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में एक बड़ा परिवर्तन महसूस किया था. उग्र तेवरों में पीएम मोदी की तीखी आलोचना करने वाले राहुल गांधी को देखकर लोगों को कहीं न कहीं इस बात का विश्वास हो गया था कि जैसे ही राहुल को जिम्मेदारी मिली उन्होंने बिना सोचे समझे बोलना बंद कर दिया. अब वो जो भी कहते हैं, उसे कहने से पहले तोलते हैं, फिर बोलते हैं. मगर बात जब राहुल और उनके बयानों की हो तो स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है. यानी राहुल को जिम्मेदारी तो मिली मगर हमेशा की ही तरह वो उस जिम्मेदारी को निभाने में असमर्थ हैं और कहीं न कहीं उनका अतीत उनका दामन वैसे ही पकड़े हैं जैसे मामला पहले था.

राहुल के ताजे बयान के बाद ट्विटर पर जमकर लोग उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर चर्च में हैं. कारण हैं शिकंजी और ढाबा. इसको पढ़कर ये बिल्कुल भी मत सोचियेगा कि राहुल भविष्य में राजनीति छोड़ ढाबा खोलने वाले हैं या फिर शिकंजी का स्टाल लगाने वाले हैं. दरअसल बात ये है कि कांग्रेस ने दिल्ली में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कर 2019 लोकसभा चुनावों के लिए अपना बिगुल फूंका. इस सम्मलेन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग के उत्थान को लेकर कोका-कोला कंपनी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, 'कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था. वह अमेरिका में शिकंजी बेचता था. पानी में शक्कर मिलाता था. उसके काम का आदर हुआ. उसे पैसा मिला और कोका-कोला कंपनी बनी.'

राहुल ने आगे कहा, 'कोका-कोला की तरह मैकडोनाल्ड कंपनी का मालिक भी कभी ढाबा चलाता था और आज दुनियाभर में उसका नाम है. भारत में आज एक भी ऐसा ढाबा वाला नहीं है, जो कोका-कोला जैसी बड़ी कंपनी खड़ा कर सकता है.' इस मौके पर हमेशा की ही तरह एक बार फिर राहुल ने अपना पसंदीदा काम किया और आरएसएस और बीजेपी पर भी निशाना साधा. गांधी ने सम्मेलन में कहा कि आज हिंदुस्तान बीजेपी और आरएसएस का गुलाम बन गया है.

सम्मलेन में अपनी बात रखते हुए राहुल ने कहा कि, 'कुछ समय पहले मैंने एक कहानी पढ़ी, जिसमें भारत के फैशन डिजाइनरों ने फ्रांस में अपने कपड़े दिखाए. उस दौरान विदेशी डिजाइनरों ने भारतीयों को मज़ाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि मैं कुछ समय बाद जब फैशन डिजाइनर से मिला तो मैंने कहा बतौर हिंदुस्तानी ये मुझे अच्छा नहीं लगा.'

बेतुके बयान देना राहुल के लिए भी कोई नई बात नहीं है

राहुल गांधी ने आगे कहा कि उस डिजाइनर ने बताया कि मैं फैशन डिजाइनर नहीं हूं सिर्फ एक दर्जी हूं. जब मैं कपड़े को देखता हूं तो मैं उसे समझ जाता हूं. लेकिन मैं अपने काम को अच्छी तरह से समझता हूं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश में जो व्यक्ति काम करता है उसे रिवॉर्ड नहीं मिलता है.

कहना गलत नहीं है कि राहुल के साथ इस बार भी वही हुआ जो हमेशा से होता चला आया है. उनके उदाहरण और उनके भाषण में कहीं से भी कोई कोऑरडिनेशन नहीं था जिसके चलते स्थिति वैसी ही हो गयी जैसी तब हुई थी जब राहुल ने मशीन में आलू डाला था और सोना निकला था.

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की जम कर आलोचना हो रही है और आलोचकों का मानना है कि सिर्फ चंद दिन चुप रहने से कोई समझदार नहीं हो जाता. इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया जगत में यूजर्स लगातार #AccordingToRahulGandhi हैशटैग पर ट्वीट कर रहे हैं और बता रहे हैं कि राहुल गांधी से ज्यादा की उम्मीद करना और कुछ नहीं बस अपने आपको बेवक़ूफ़ बनाना है.

खुद देखिये लोग किस तरह राहुल गांधी के बयान को लेकर चुटकी ले रहे हैं. 

राहुल गांधी की बचकानी बात से नाराज एक व्यक्ति ने उन्हें कोक का पूरा इतिहास समझा दिया है. कह सकते हैं कि शायद राहुल गांधी वक़्त रहते इस बात को समझ भी जाएं.  

@aarohi_vns नाम के यूजर नेम ने एक तस्वीर के जरिये राहुल गांधी की जबरदस्त चुटकी ली है और बताया है कि जब कोक ने राहुल की ये बता सुनी तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी थी.

@TajinderBagga ने भी एक तस्वीर के जरिये राहुल को बता दिया है कि यदि कोक वाला शिकंजी बेचता था तो जिसने AK 47 बनाई उसने भी सारी भूमिका गुलेल के इर्द गिर्द बुनी.

@Atheist_Krishna के अनुसार,  राहुल गांधी की बात सुनकर सदमे में शिकंजी पीते बीटल्स

@parthology तो सबसे आगे निकले उन्होंने एक ट्वीट के जरिये राहुल गांधी को कोक का पूरा क्रम-विकास ही समझा दिया.

@SmokingSkills_ के अनुसार राहुल गांधी जान लें कि बड़ा व्यापारी बनने से पहले स्टारबक्स का मालिक कुछ इस तरह चाय की दुकान चलाता था.

ट्विटर पर इस तरह के हजारों ट्वीट्स को देखकर एक बात तो साफ है कि देश के आम लोगों को राहुल की बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई है. कहना ये भी गलत नहीं है कि राहुल गांधी और उनके ऐसे बेतुके बयान वो सबसे बड़ा कारण हैं जो बता देते हैं कि देश की जनता कुछ ही समय में कांग्रेस पार्टी से इतनी नफरत क्यों करने लगी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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